अलीगढ़ में टीबी से ग्रस्त बच्चों को गोद लेंगे सरकारी डाक्टर Aligarh news
राज्यपाल आनंदीबेन के जनपद दौरे के बाद कई सरकारी विभागों के अधिकारियों ने टीबी से ग्रस्त बच्चों को गोद लेकर उनके पोषण की जिम्मेदारी संभाली है। इसमें स्वास्थ्य महकमें के अहम पदों पर आसीन अधिकारी भी शामिल हैं।
अलीगढ़, जेएनएन: राज्यपाल आनंदीबेन के जनपद दौरे के बाद कई सरकारी विभागों के अधिकारियों ने टीबी से ग्रस्त बच्चों को गोद लेकर उनके पोषण की जिम्मेदारी संभाली है। इसमें स्वास्थ्य महकमें के अहम पदों पर आसीन अधिकारी भी शामिल हैं। अब सीएमओ के निर्देश पर समस्त एमओआइसी व प्रभारी चिकित्साधिकारी भी कम से कम पांच-पांच टीबी से ग्रस्त बच्चों को गोद लेकर उनके लेने की अपील की है। ऐसे बच्चों को गोद लेने के बाद संबंधित चिकित्साधिकारी उनके इलाज से लेकर पोषण तक का व्यक्तिगत रूप से ध्यान रखेंगे।
गोद लेकर करें बच्चों की देखभाल
सीएमओ डा. बीपीएस कल्याणी ने बताया कि कोई भी व्यक्ति या संस्था टीबी से ग्रस्त बच्चों को गोद लेकर उनकी देखभाल कर सकती है। दरअसल, टीबी का खात्मा करने के लिए समय पर जांच व पुष्टि के बाद उपचार जरूरी है। यदि किसी कारणवश इलाज बीच में छूट जाए तो गंभीर टीबी हो जाती है, जो जानलेवा है। बच्चों को गोद लेने का मतलब अभिभावक की तरह उसके इलाज पर नजर रखनी है। देखना है कि उसे दवा मिल रही है या नहीं। यदि वह प्राइवेट इलाज करा रहा है तो क्या दवा के अभाव में इलाज बंद तो नहीं हो गया। ऐसे बच्चों को 500 रुपये पोषण राशि देने का प्राविधान है। कई बार औपचारिकता पूर्ण करने की बंदिश से यह राशि समय से नहीं मिल पाती। तब की स्थिति में गोद लेने वाला व्यक्ति बच्चे को पोषण सामग्री उपलब्ध करा सकता है। बच्चों की अन्य रूप में स्वेच्छा से मदद कर सकता है। काफी लोग ऐसे बच्चों को गोद लेने के लिए आगे आएं, आप भी आइए।
इन्होंने लिए बच्चे गोद
जिले में लक्ष्मी वेलफेयर सोसाइटी ने 106 बच्चे, प्रगति फाउंडेशन ने 20 बच्चे, बचपन प्ले स्कूल की प्रिंसिपल पारुल जिंदल ने 50 बच्चे गोद ले रखे हैं। इनके अलावा डीएम, सीडीओ, सीएमओ, जिला क्षय रोग अधिकारी समेत तमाम अफसर बच्चे गोद लेकर उनकी सेहत पर नजर रखे हुए हैं।
मुनादी करके जागरूकता फैलाई
जिला क्षय रोग विभाग के एसटीएलएस रविंद्र कुमार हरकुट ने मंगलवार को शाहजमाल की मलिन बस्तियों मे जनजागरूकता अभियान चलाया। टीबीएचबी ललित कुमार के साथ मुनादी करके लोगों को टीबी के लक्षणों की जानकारी दी। जांच की सुविधा व उपचार के बारे में बताया।
टीबी अब लाइलाज नहीं
मैक्स हॉस्पिटल, वैशाली में पल्मनोलाजी के प्रमुख कंसल्टेंट डा. शरद जोशी ने बताया कि टीबी अब लाइलाज नहीं है। इसकी शुरुआती पहचान करा ली जाए और उचित इलाज शुरू किया जाए तो यह ठीक हो जाती है। कोविड 19 के मामले की तरह ही इस बीमारी को असाध्य मान लेने या छिपाने से बड़ी तबाही मच सकती है। कई सारी प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद सरकार जन स्वास्थ्य लक्ष्य पाने के लिए प्रतिबद्ध है और सभी डाट्स सेंटरों, डाट्स प्लस सेंटरों तथा सरकारी अस्पतालों में निश्शुल्क इलाज मुहैया करा रही है।