उप राष्ट्रपति की पत्नी सलमा अंसारी के मदरसा चाचा नेहरू में बना पूजास्थल, हिंदू बच्चों ने की पूजा
पूर्व उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी की पत्नी सलमा अंसारी ने किसी की परवाह किए बगैर मदरसे में पूजा की व्यवस्था कर दी।
अलीगढ़ (जेएनएन)। मदरसा चाचा नेहरू में मंदिर व मस्जिद का निर्माण कराने की घोषणा कर विरोधियों के निशाने पर आईं पूर्व उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी की पत्नी सलमा अंसारी ने किसी की परवाह किए बगैर बच्चों के लिए पूजास्थल तय कर दिया है। कमरे में एक तरफ हिंदू बच्चों के लिए सरस्वती की तस्वीर रखी गई तो दूसरे हिस्से में मुस्लिम बच्चे कुरान पढ़ते हैं। उनके बयान के बाद शनिवार शाम देशभर में जिस समय बवाल मच रहा था, पूजा की व्यवस्था उसी समय की गई।
शनिवार को की थी घोषणा
सलमा अंसारी अलीगढ़ में अलनूर चैरिटेबल ट्रस्ट के तहत मदरसा चाचा नेहरू चला रही हैं। शनिवार को उन्होंने मीडिया के सामने घोषणा की थी कि वे मदरसा में मंदिर व मस्जिद का निर्माण कराएंगी। मंदिर बनाने का निर्णय हिंदू बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए लिया गया है। मंदिर में शिवजी व हनुमानजी की प्रतिमाओं की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। उन्होंने कहा था कि इस फैसले से मौलानाओं को परेशानी हो सकती है, लेकिन हमें कोई फर्क नहीं पड़ता। हुआ भी यही, मदरसा में मंदिर निर्माण की खबर जैसी ही फैली, आलोचना शुरू हो गई। सलमा ने इसकी चिंता किए बगैर मंदिर निर्माण से पहले रविवार को ही हिंदू बच्चों के लिए पूजा की व्यवस्था कर दी।
एक तरफ पूजा, दूसरी तरफ नमाज
रविवार को मदरसा में सांप्रदायिक सौहाद्र्र का नजारा था। कमरे में एक तरफ हिंदू बच्चे दीपक जलाकर सरस्वती की पूजा कर रहे थे, दूसरी ओर मुस्लिम बच्चे नमाज अदा कर रहे थे। बच्चे भी इस व्यवस्था से खुश थे।
इनको हक क्या है बोलने का : सलमा
सलमा ने बताया कि मदरसा के एक कमरे में सरस्वती की तस्वीर रखवा दी गई है। उसी कमरे में मुस्लिम बच्चे नमाज अदा करते हैं। मंदिर जरूर बनेगा। मैं चाहती हूं कि लकड़ी से तैयार कराकर मंदिर रखवाया जाए। जो विरोध कर रहे हैं, उनसे कोई मतलब नहीं हैं। मेरा अपना मदरसा है। विरोध करने वाले न तो फंडिंग करते हैं, न कोई और मदद। इनको विरोध का कोई हक नहीं है। अगर मैं कुरान के खिलाफ जा रही हूं तो कहिए। कुरान में भी लिखा है कि दूसरे मजहब की इज्जत करो। मैंने इस्लाम के खिलाफ कोई काम नहीं किया है।
'साहबÓ को कोई परेशानी नहीं
सलमा अंसारी ने कहा कि उनके फैसले से पूर्व राष्ट्रपति हामिद अंसारी (साहब) को कोई परेशानी नहीं होती। वे कहते हैैं कि तुम्हारा काम है, तुम जानो।
सलमा के अलीगढ़ में हैैं तीन मदरसा
सलमा अंसारी अलीगढ़ में तीन मदरसों का संचालन कर रही हैं। फिरदौस नगर चांदबाग कॉलोनी के पास मदरसा अलनूर में बेबी नर्सरी से केजी तक 180 बच्चे पढ़ रहे हैं। यह सबसे पहला मदरसा है। जूनियर चाचा नेहरू मदरसा दोदपुर स्थित पानी वाली कोठी में हैं, जिसमें बेबी नर्सरी से केजी तक 200 बच्चे पढ़ते हैं। मदरसा चाचा नेहरू में बेबी नर्सरी से कक्षा आठ तक चार हजार बच्चे पढ़ते हैं। इनमें 1100 ङ्क्षहदू हैं।
शहर मुफ्ती ने किया मदरसा में मंदिर बनवाने का समर्थन
मदरसा चाचा नेहरू में मंदिर बनाने को लेकर शुरू हुए विवाद पर शहर मुफ्ती खालिद हमीद ने कहा है कि मंदिर बनाने का फैसला गलत नहीं है। इसका विरोध नहीं होना चाहिए। मंदिर-मस्जिद पास-पास होने से ब'चे एक दूसरे के धर्म के बारे में समझ पाएंगे। उनके हिसाब से मंदिर बनाने का निर्णय उचित है।
होगा विवाद खड़ा
पूर्व विधायक जमीर उल्लाह का कहना है कि मंदिर व मस्जिद बनाना अ'छी बात है, लेकिन उचित जगह बनना चाहिए। मदरसा में मंदिर बनने से विवाद खड़ा होगा। कट्टरपंथी इसे नजीर मानकर अन्य मदरसों में मंदिर बनाने की मांग करेंगे। मंदिर बनाना हैं तो मदरसा का नाम हटाकर स्कूल करना बेहतर होगा।
फैसला अच्छा
बरौली विद्यालय दलवीर सिंह का कहना है कि मंदिर और मस्जिद बनाने का अच्छा फैसला है। इससे देश में अ'छा ही संदेश जाएगा। इससे किसी को परेशानी नहीं होनी चाहिए। छात्रों को एक दूसरे के धर्म को समझने में मदद ही मिलेगी। मेरे विचार फैसला सही है। समाज सेवी सलीम मुख्तार का कहना है कि मैडम अंसारी ने अ'छा कदम उठाया है। ऐसे निर्णयों से देश में समरसता ही आएगी। यह फैसला उन कट्टरपंथियों के लिए तमंचा है, जो समाज को बांटने का काम करते हें। व्यापारी नेता सौरभ अग्रवाल का कहना है कि मदरसा में मंदिर बनाने का फैसला सही है। मेरे विचार से देश के सभी मदरसों में मंदिर बनवाए जाएं। इस पहल से देशभर में सामाजिक समरसता का संदेश भी गया है।
नौटंकी बंद करें सलमा अंसारी : हिंदू महासभा
हिंदू महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष गजेंद्र पाल सिंह आर्य ने मदरसा में मंदिर निर्माण कराने की घोषणा को नौटंकी करार दिया है। कहा है कि मदरसों में हथियार मिलने की घटनाएं बढ़ रही हैं। मदरसों के प्रति लोगों की सोच बदलने के लिए ऐसा किया जा रहा है। सलमा ने स्पष्ट नहीं किया है कि इस मदरसे में वंदेमातरम व राष्ट्र गान का पाठ रोज करवाया जाता है या नहीं। सलमा अंसारी केपति हामिद अंसारी देश के उप राष्ट्रपति थे, तब उन्हें देश में डर नहीं लगा लेकिन गद्दी से उतरते ही डर लगने लगा। पति की छवि सुधारने के लिए वे इस तरह के बयान दे रही हैं।
मदरसे में मंदिर बनाने की उलमा ने की निंदा
सलमा अंसारी के मदरसे के एक हिस्से में मंदिर बनवाने की घोषणा की उलमा ने निंदा की है। जमीयत दावतुल मुसलीमीन के संरक्षक व आलिम ए दीन मौलाना कारी इसहाक गोरा ने कहा है कि सलमा अंसारी ने कतई गलत किया है। इस्लाम में बुतपरस्ती या बुतों की पूजा करना या इसको बढ़ावा देने के लिए कोई कार्य करना किसी तरह से जायज नहीं है, ये हराम है। सलमा को ऐसी दोहरी राजनीति से बाज आना चाहिए। गोरा ने कहा कि यह हकीकत है कि हिंदुस्तान लोकतांत्रिक मुल्क है। यहां सभी धर्म के मानने वाले लोग रहते हैं। हमें ऐसी मिसालें बनानी चाहिए, जिससे आपसी भाईचारा बढ़े, लेकिन ख्याल रखना चाहिए कि वह मिसालें ऐसी नहीं होनी चाहिए जो किसी मजहब पर आंच लाएं या खुद के धर्म के खिलाफ हो। सलमा अंसारी को तौबा कर देश की तरक्की के लिए अन्य अ'छे कदम उठाने चाहिए।