Record : शताब्दी वर्ष की ओर यूपी बोर्ड, 'मिशन गौरव पोर्टल' पर मिलेगी गौरव गाथा Aligarh news
माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तरप्रदेश (यूपी बोर्ड) सितंबर 2021 में 100 साल का हो जाएगा। इस उलक्ष्य में जिले में भी पूर्व छात्र सम्मेलन (एल्युमिनाई मीट) का आयोजन किया जाएगा। इसके अलावा कॉलेजों में विभिन्न कार्यक्रम भी किए जाएंगे।
गौरव दुबे, अलीगढ़ : माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तरप्रदेश (यूपी बोर्ड) सितंबर 2021 में 100 साल का हो जाएगा। इस उलक्ष्य में जिले में भी पूर्व छात्र सम्मेलन (एल्युमिनाई मीट) का आयोजन किया जाएगा। इसके अलावा कॉलेजों में विभिन्न कार्यक्रम भी किए जाएंगे। कार्यक्रमों की ये फेहरिस्त एक या दो दिन नहीं बल्कि सितंबर 2021 से अप्रैल तक जारी रहेगी। आठ महीने तक विभिन्न कार्यक्रम आयोजित कराए जाएंगे। इसमें विद्यार्थियों को बोर्ड की गौरवगाथा भी बताई जाएगी। यूपी बोर्ड से पढ़े विद्यार्थी देश-विदेश में ऊंचे पदों पर आसीन होकर संस्था का मान बढ़ा रहे हैं। इसलिए इस समारोह के साथ पूर्व छात्रों की कामयाबी की कहानी भी एक जगह संग्रहित कर विद्यार्थियों से साझा की जाएगी। इसके लिए 'मिशन गौरव पोर्टल' तैयार किया गया है। इस पर पूर्व छात्र अपनी कामयाबी की कहानी बयां कर सकते हैं।
दुनिया का सबसे बड़ा संस्थान
अगर परीक्षार्थियों की संख्या के हिसाब से देखें तो दुनिया का सबसे बड़ा संस्थान यूपी बोर्ड है। जितना पुराना संस्थान है उससे ज्यादा इसकी झोली में उपलब्धियां हैं। यहां से पढ़े छात्र-छात्राएं देश ही नहीं बल्कि विेदेश में भी अपनी काबिलियत की दम पर संस्थान का परचम लहरा रहे हैं। जिले में अभी से सफलतम व सर्वश्रेष्ठ पूर्व छात्रों की सूची तैयार करने का काम शुरू किया जा रहा है। इसके लिए विभिन्न कॉलेजों से पुराना डेटा भी नए सिरे से तैयार करने को कहा गया है। अफसरों ने बताया कि जिले में वृहद रूप में पूर्व छात्र सम्मेलन कराने की योजना है। इसके साथ ही राजकीय, एडेड व वित्तविहीन कॉलेजों में संस्थान के 100 वर्ष पूरे होने पर कार्यक्रम आयोजित कराने की रूपरेखा भी तैयार की जा रही है। बोर्ड की गौरवगाथा का गुणगान करने के लिए रैली कार्यक्रम भी कराए जा सकते हैं।
आठ माह में होंगे तमाम आयोजन
डीआइओएस डॉ. धर्मेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि, माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) की स्थापना सितंबर 1921 को हुई थी। पहली परीक्षा 1923 में कराई गई थी। इंटरमीडिएट एक्ट 1921 की पहली बैठक सितंबर में हुई, जो अप्रैल 1922 में लागू हुआ था। इसमें वैसे तो विविध आयोजन होंगे, स्कूल-कालेजों में जिस तरह शिक्षा और खेल पर जोर दिया जाता है उसी तरह से इनसे जुड़े कार्यक्रम कराए जाएंगे। मगर संस्था को एक बार फिर देशभर में शोहरत मिले इसको ध्यान में रखकर ही कार्यक्रम तय किए जा रहे हैं।
इनका कहना है
अभी कोविड-19 के संबंध में या वैक्सीन के संबंध में स्थिति स्पष्ट नहीं हैं। इसलिए कोरोना संक्रमण को मद्देनजर आयोजन की रूपरेखा क्या होगी? इसका फैसला शासन व बोर्ड के निर्देशों के आधार पर ही लिया जाएगा। मगर संस्थान के 100 साल पूरे होने पर एल्युमिनाई मीट व विभिन्न कार्यक्रम कराए जाने की योजना है।
डॉ. धर्मेंद्र कुमार शर्मा, डीआइओएस