कोरोना सक्रमण से बचने को फ्रंटलाइन वर्कर व मतदान कर्मियों को मिलेगी आयु रक्षा किट
प्रदेश में विधानसभा चुनाव का माहौल चल रहा है। ऐसे में मतदानकर्मियों को कोरोना की तीसरी लहर से बचाने की जिम्मेदारी प्रशासन पर है। फ्रंट लाइन वर्कर्स की सेहत का ख्याल रखते हुए आयुष विभाग आयु रक्षा किट का वितरण करेगा।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता। मतदान कर्मियों व चुनाव में लगे अन्य फ्रंटलाइन वर्कर्स को कोविड-19 वायरस से बचाने के लिए सरकार उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का प्रयास कर रही है। इसके लिए जनपद में 28 हजार कर्मियों को मुफ्त आयु रक्षा किट दी जाएगी। जनपद स्तर पर आयुष विभाग आयु रक्षा किट का वितरण करेगा। इस किट में आयुष क्वाथ (काढ़ा), च्यवनप्राश, संशमनी वटी व अणु तेल होगा।
इस समय कोरोना की तीसरी लहर का प्रकोप
क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डा. नरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर चल रही है। इससे चुनाव ड्यूटी में लगे अधिकारियों व कर्मचारियों को संक्रमण का खतरा बना रहेगा। पिछले दिनों आयुष मिशन के निदेशक प्रो. एसएन सिंह ने समस्त क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारियों की वर्चुअल बैठक में आयु रक्षा किट बांटे जाने के लिए दिशा-निर्देश दिए। आयु रक्षा किट से सभी की रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होगी। इससे कोरोना संक्रमण से बचाव होगा। संबंधित विभागों से अफसरों व कार्मिकों की सूची प्राप्त हो गई है। जल्द ही वितरण शुरू कर दिया जाएगा।
ये है आयु रक्षा किट
आयुष क्वाथ-100 ग्राम
च्यवनप्राश-80 ग्राम
संशमनी वटी-30 ग्राम
अणु तेल-10 एमएल
ऐसे करना होगा सेवन
एक चम्मच च्यवनप्राश दिन में एक बार, आयुष क्वाथ की तीन ग्राम मात्रा को 50 एमएल पानी में उबालकर तैयार हुए काढ़े को छानकर पीना है। संशमनी वटी की दो-दो टेबलेट दिन में दो बार गर्म पानी से लेनी हैं। अणु तेल की दो ड्राप नाक में दो बार डालें।
इन कर्मियों को मिलेगी किट
मतदान कार्मिक-15785
पुलिस एवं होमगार्ड-5408
राजस्व कर्मी-1250
(तहसीलदार, नायब तहसीलदार, लेखपाल, अमीन आदि)
चिकित्साधिकारी-260
आशा, एएनएम, जेएनएम-3885
चतुर्थ श्रेणी स्वास्थ्य कर्मी-156
फार्मासिस्ट, एलटी आदि-124
होम आइसोलेट व संभावित लक्षण वाले व्यक्ति-1400
होगा आयुष 64 का वितरण
करोना संक्रमण को देखते हुए संदिग्ध लक्षण वाले रोगियों को पुन: ‘आयुष-64’ दवा का वितरण किया जाने लगा है। यह दवा टेबलेट के रूप में हैं और जड़ी-बूटियों से निर्मित है। आयुष मंत्रालय ने भी इसे मान्यता दी है। यह भी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने व होम आइसोलेट रोगियों के लिए कारगर मानी गई है।