Hathras case: मृतका की छत से लेकर आंगन तक पहरेदारी
मृतका के घर पर सीआरपीएफ जवानों की मुस्तैदी बरकरार है। घर के दरवाजे से लेकर गैलरी आंगन से लेकर छत तक पर अत्याधुनिक हथियारों से पहरेदारी है। चौबीसों घंटे सुरक्षा तंत्र सक्रिय रहता है। सीसीटीवी से अलग से पल-पल की निगरानी रखी जा रही है।
हाथरस, जेएनएन। मृतका के घर पर सीआरपीएफ जवानों की मुस्तैदी बरकरार है। घर के दरवाजे से लेकर गैलरी, आंगन से लेकर छत तक पर अत्याधुनिक हथियारों से पहरेदारी है। चौबीसों घंटे सुरक्षा तंत्र सक्रिय रहता है। सीसीटीवी से अलग से पल-पल की निगरानी रखी जा रही है। बारिश से बचने के लिए अस्थाई कैंप पर प्लास्टिक की चादर डाली गई है।
सीआरपीएफ जवानों की मुस्तैदी बरकरार
मृतका के घर पर सीआरपीएफ जवानों की मुस्तैदी बरकरार है। घर के दरवाजे से लेकर गैलरी और आंगन से लेकर छत पर अत्याधुनिक हथियारों से पहरेदारी है। चौबीसों घंटे सुरक्षा तंत्र सकि्रय रहता है। सीसीटीवी से अलग से पल-पल की निगरानी रखी जा रही है। बारिश से बचने के लिए अस्थाई कैंप पर प्लास्टिक की चादर डाली गई है ताकि बारिश से बचा जा सके। सीआरपीएफ के जवानों ने संभाला मोर्चादरअसल, सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर पिछले दिनों सीआरपीएफ के कमांडेंट रामपुर मनमोहन सिंह हाथरस के बूलगढ़ी आए थे और उन्होंने मृतका के स्वजन की सुरक्षा का पूरा खाका गांव आकर तैयार किया। कुछ घंटे में ही सीआरपीएफ के 80 जवान चंदपा आ गए अौर अस्र्थाई कैंप बना लिया। सोमवार को भी सीआरपीएफ के जवान मुस्तैद दिखे। हर तरफ पहरा था। मृतका के घर जाने वाले की एक रजिस्टर में एंट्री की जा रही थी। मगर जो लोग आते उनके जाने का समय भी सीआरपीएफ के जवान रजिस्टर में दर्ज करते नजर आए।
तीन शिफ्ट में जवानों की ड्यूटी
चौबीसों घंटे मृतका के स्वजन पर निगरानी रखी जा रही है। तीन शिफ्ट में जवानों की ड्यूटी रहती है। हर आठ घंटे बाद ड्यूटी बदल जाती है। रविवार की देर शाम जब मौसम ने करवट ली और बारिश शुरू हुई तो बूलगढ़ी में मृतका के घर लगे जवान बारिश से बचते नजर आए थे। मगर सोमवार को अस्थाई कैंप पर प्लास्टिक से तंबू को पूरी तरह से ढक दिया गया है ताकि बारिश से बचा जा सके।