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मृत्यु भोज के खिलाफ थे पूर्व विधायक केशवदेव हरियाणा

मृत्युभोज परित्याग मिशन के संरक्षक पूर्व विधायक केशवदेव हरियाणा के निधन की सूचना पर सोमवार को तमाम पदाधिकारी उनके गांव साथा पहुंचकर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। उनके पुत्र स्वतंत्रदेव हरियाणा संजीव हरियाणा व अन्य स्वजन को सांत्वना भी दी।

By Mukesh ChaturvediEdited By: Published: Tue, 27 Oct 2020 10:25 AM (IST)Updated: Tue, 27 Oct 2020 10:25 AM (IST)
मृत्यु भोज के खिलाफ थे पूर्व विधायक केशवदेव हरियाणा
पूर्व विधायक केशव देव हरियाणा को श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लगा हुआ है।

अलीगढ़, जेएनएन।  मृत्युभोज परित्याग मिशन के संरक्षक पूर्व विधायक केशवदेव हरियाणा के निधन की सूचना पर सोमवार को तमाम पदाधिकारी उनके गांव साथा पहुंचकर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। उनके पुत्र स्वतंत्रदेव हरियाणा, संजीव हरियाणा व अन्य स्वजन को सांत्वना भी दी। पूर्व विधायक के 50 वर्ष तक किए राजनैतिक व सामाजिक कार्यों की मुक्तकंठ से सराहना की। कहा, साथा शुगर मिल के निर्माण में उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता।

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मिशन को बढ़ाया था आगे

चार वर्षों में मृत्युभोज परित्याग मिशन के कार्य को भी आगे बढ़ाया। पूर्व विधायक के पुत्रों ने बताया कि पिताजी मृत्युभोज आयोजन के हमेशा खिलाफ रहे तथा मिशन को पूरा उनका आशीर्वाद था, हम उनकी तेरहवीं पर मृत्यु भोज नहीं करेंगे, ताकि पिताजी के संकल्प को पूरा करें। पूर्व सांसद व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बिजेंद्र ङ्क्षसह, मिशन के अध्यक्ष डॉ. रक्षपाल ङ्क्षसह, सुभाष लोधी, प्रोफेसर आरपी ङ्क्षसह, एनडी कौशल, राधेश्याम सिंह मौजूद रहे।

रविवार को हुआ निधन 

वे 96 वर्ष के थे।  अलीगढ़ के निजी अस्पताल में उन्होंने रविवार की दोपहर अंतिम सांस ली। बड़ी संख्या में लोगों ने उनके घर पहुंचकर श्रद्धांजलि दी। पैतृक गांव साथा में गार्ड ऑफ ऑनर के बीच वे पंचतत्व में विलीन किया गया। सोमवार को सुबह से ही श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लगा हुआ है।

निर्दलीय विधायक बने थे 

1967 के चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में बरौली से उतरे केशव देव हरियाणा साइकिल के सहारे विधायक चुने गए थे। 1974 में कांग्रेस पार्टी ने केशवदेव हरियाणा को अतरौली से टिकट देकर उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह  को चुनौती देने के लिए  मैदान में उतारा था। वे कल्याण सिंह से पराजित हो गए। 96 वर्ष की आयु में वे भी वे स्वस्थ्य थे और दैनिक कार्यों को खुद ही करते थे।

दो दिन पहले बिगड़ी तबीयत

शनिवार शाम उन्हें पेट में तेज जलन की शिकायत हुई तो डॉक्टर बेटे संजीव हरियाणा ने रामघाट रोड के  निजी अस्पताल में भर्ती कराया। जहां उनकी तबीयत में सुधार भी हुआ, फिर दोपहर करीब 12:15 बजे तबीयत बिगड़ी और उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया। दोपहर बाद स्वजन पार्थिव शरीर को लेकर पैतृक गांव साथा पहुंचे। जहां उनके अंतिम दर्शन व श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लग गया। पुलिस लाइन से पहुंची गारद ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया। 


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