कांग्रेस के पूर्व सांसद बिजेंद्र सिंह व बसपा नेता पूर्व विधायक जमीरउल्ला के क्यों फूंके गए पुतले ?
हरदुआगंज मुठभेड़ की सीबीआइ जांच को लेकर सोमवार को कांग्रेस व रालोद के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन कर ज्ञापन दिया।
अलीगढ़ (जेएनएन)। हरदुआगंज मुठभेड़ की सीबीआइ जांच को लेकर सोमवार को कांग्रेस व रालोद ने कलक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया। डीएम के नाम एसीएम को ज्ञापन सौंपा। पूर्व सांसद चौ. बिजेंद्र सिंह के समर्थकों ने बिजेंद्र व बसपा नेता पूर्व विधायक जमीर उल्लाह के रविवार को सेंटर प्वॉइंट पर फूंके गए पुतला पर नाराजगी जताई। एसीएम को सौंपे ज्ञापन
कांग्रेस नेता संतोष सिंह व रालोद के जिलाध्यक्ष रामबहादुर चौधरी के नेतृत्व में कार्यकर्ता कलक्ट्रेट पहुंचे। कुछ देर बाद बिजेंद्र भी समर्थकों के साथ पहुंच गए। पूर्व सांसद चौ. बिजेंद्र सिंह ने कहा कि उन्होंने हमेशा साफ सुधरी राजनीति की है। 34 साल की राजनीति में एक भी संगीन वारदात या अपराध में मुकदमा दर्ज नहीं है। हमेशा सच्चाई की लड़ाई लड़ी है। रहा सवाल इस एनकाउंटर का। पुलिस के अफसर सही हैं तो सीबीआई जांच की सिफारिश क्यों नहीं कर रहे? इस मौके पर गिरवर शर्मा, गौरागदेव चौहान, रालोद नेता डॉ. इरफान खां, सपा के अरविंद चौधरी, नितिन वाल्मीकि मौजूद थे।
पूर्व सांसद बिजेंद्र सिंह ने एसएसपी को दी थी ये चेतावनी
पूर्व सांसद ने मीडिया से बातचीत में कहा था कि वे कई बार विधायक व सांसद भी चुने गए हैं। कभी जाति धर्म की राजनीति नहीं की। जब सफेदपुरा में साधु व उनके परिजनों की हत्या हुई थी, उसी दिन वह गमजदा परिजनों से मिले थे। पुलिस से किए सवाल पूर्व सांसद ने पुलिस अफसरों से सवाल के साथ दस्तावेज मांगे हैं, जिनमें पुलिस की गोली के शिकार हुए युवकों पर संगीन धाराओं में मुकदमों की साल का उल्लेख किया गया है। कहा, किस तारीख को वारदातों को अंजाम दिया गया, मुकदमा किस तारीख को लिखा गया। एक साल में ये बदमाश कुख्यात थे, तब कपड़े की दुकान पर काम के दौरान पुलिस ने क्यों गिरफ्तार नहीं किया? एटा के मुफ्ती हत्याकांड के पैरोकारों के बयानों पर भी पूर्व सांसद ने आपत्ति दर्ज की।
धमकाया तो करूंगा हड़ताल
चेतावनी दी है कि अफसरों ने धमकाया तो जनता से आह्वान कर कलक्ट्रेट पर ही बेमियादी हड़ताल पर बैठ जाएंगे। रहा सवाल थाने में 161 व कोर्ट में 164 के बयान का, वे जनप्रतिनिधि हैं। राष्ट्रीय पार्टी का नेतृत्व करते हैं कोई फरियादी नहीं। कुछ कहना ही होगा तो मानवाधिकार आयोग में कहेंगे।