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अलीगढ़ के फूलों से महक रही विदेशी धरती, किसानों का बढ़ा हौंसला Aligarh news

अलीगढ़ की माटी में खिले फूलों से विदेशी धरती भी महक रही है। इसका श्रेय उन किसानों को जाता है कि जो फूलों से अपना भविष्य संवार रहे हैं।

By Sandeep SaxenaEdited By: Published: Fri, 01 Nov 2019 12:01 PM (IST)Updated: Fri, 01 Nov 2019 03:59 PM (IST)
अलीगढ़ के फूलों से महक रही विदेशी धरती, किसानों का बढ़ा हौंसला Aligarh news
अलीगढ़ के फूलों से महक रही विदेशी धरती, किसानों का बढ़ा हौंसला Aligarh news

लोकेश शर्मा अलीगढ़। अलीगढ़ की माटी में खिले फूलों से विदेशी धरती भी महक रही है। इसका श्रेय उन किसानों को जाता है कि जो फूलों से अपना भविष्य संवार रहे हैं। विपरीत जलवायु के बावजूद यहां कई किस्म के फूल उगाए जा रहे हैं। इनमें जिप्सोफिला, डच रोज, लीलियम की खेती गौंडा ब्लॉक में हो रही है। इन फूलों की मांग बुके से लेकर बाहरी सजावट के लिए रहती है। ये फूल दिल्ली की गाजीपुर मंडी से दुबई, हालेंड तक निर्यात किए जाते हैं।

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जलवायु के अनुसार खेती

जिले में जलवायु के माफिक आलू, गेहूं व धान की परंपरागत खेती लंबे समय से की जा रही है। किसान बासमती चावल पैदाकर बहुराष्ट्रीय कंपनियों के मार्फत विदेशों में भेज रहे हैं। कुछ किसानों ने परंपरागत खेती से हटकर फूलों खेती शुरू की है। इससे उन्हें अच्छी खासी आय भी होने लगी है। जिप्सोफिला की खेती अब तक कर्नाटक में होती थी, अब यहां भी इसकी पैदावार बढ़ रही है। गौंडा ब्लॉक की किसान तान्या सिंह ने इस बार डच रोज (गुलाब) की खेती की है। एक एकड़ में फैले उनके पॉली हाउस में 30 हजार प्लांट लगे हुए हैं। जनवरी फसल तैयार हो जाएगी।

दुबई में काफी मांग

 तान्या बताती है कि फूलों की खेती का उनका अनुभव अच्छा रहा। गाजीपुर मंडी के जरिए ये फूल विदेशों में निर्यात किए जाते हैं। इनके अलावा धनीपुर के सुनील जरबेरा के साथ रजनीगंधा की खेती कर रहे हैं। इनकी दुबई में काफी मांग है। बिजौली निवासी ऋषिपाल सिंह के खेत में उगे फूल गाजीपुर मंडी से बाहर निर्यात हो रहे हैं।

विदेशों में मांग

डच रोज, ग्लेडूलस, लीलियम, जिप्सोफिला, जरबेरा, गेंदा, रजनीगंधा की विदेशों में खूब मांग है। फूलों की खेती में ज्यादातर किसान जैविक खाद का प्रयोग कर रहे हैं।

फूलों का रकबा

गेंदा, 20 हेक्टेयर

ग्लेडूलस, 15 हेक्टेयर

जरबेरा, पांच हेक्टेयर

लीलियम, एक एकड़ (पॉली हाउस)

जरवेरा, छह एकड़ (पॉली हाउस)

डच रोज, एक एकड़, (पॉली हाउस)

किसानों का रुझान बढ़ा

जिला उद्यान अधिकारी एनके सहानिया ने बताया कि फूलों की खेती के प्रति किसानों का रुझान बढ़ा है। जिले में करीब 300 हेक्टेयर में फूलों की खेती होती है। पॉली हाउस के अलावा खुले में भी खेती की जा रही है। इसके परिणाम भी अच्छे आ रहे हैं। कुछ प्रजातियों की मांग विदेशों में बढ़ी है।


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