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अलीगढ़ में सुबह कोहरे ने सताया, दिन चढ़ने के साथ शीतलहर ने सूरज की गर्मी को किया बेदम

बीते दिनों हुई बारिश के चलते मौसम की बेरुखी जारी है सुबह कोहरे का प्रकोप तो दिन में शीतलहर लोगों को परेशान कर रही है। फसलों को भी कोहरे से नुकसान होेने की आशंका जतायी जा रही है।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Wed, 26 Jan 2022 09:08 AM (IST)Updated: Wed, 26 Jan 2022 09:20 AM (IST)
अलीगढ़ में सुबह कोहरे ने सताया, दिन चढ़ने के साथ शीतलहर ने सूरज की गर्मी को किया बेदम
खेतों में कोहरे की चादर देख किसान हो रहे मायूस।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता। बीते दिनों हुई बारिश ने मौसम का मिजाज बदल दिया है। हालांकि धूप निकल रही है लेकिन सर्दी के प्रकोप को कम करने में ये नाकाम साबित हो रहे हैं। बुधवार को सुबह घना कोहरा छाया था, लेकिन दिन चढ़ने के साथ ही कोहरा छंटता गया। अधिकतम तापमान 17 डिग्री व न्‍यूनतम 7 डिग्री सेल्‍सियस तक रिकार्ड किया गया। 

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सुबह कोहरा तो दिनभर शीतलहर ने किया परेशान

बुधवार को तड़के से ही कोहरे ने वातावरण को अपने आगोश में लेना शुरू कर दिया। सुबह लोग सोकर उठे तो शहर कोहरे की चादर से ढका नजर आया, लेकिन धीरे धीरे कोहरा छंटता गया और सूरज ने ली अंगडाई। इन दिनों लोगों ने सर्दी से बचने के लिए अलाव का सहारा लिया है। ठंड के तेवरों से बुजुर्ग व बीमार सहम रहे हैं। सुबह मुख्य मार्गों पर जगह-जगह लोग अलाव जलाकर ठंड से बचाव करते नजर आए। वाहन की हेडलाइट जलीं हुई थीं, फिर भी रेंग-रेंगकर आगे बढ़ रहे थे। धीरे धीरे कोहरा छंटना शुरू हुआ और कुछ समय बाद सूरज निकला। जनवरी का महीना कोहरे व सर्दी के सितम से गुजर रहा है।

फसलों पर ठंड का असर

सर्दी के सितम से शहर ही नहीं गांव भी प्रभावित हैं। खेतों में लहलहा रहीं रबी की फसलों को लेकर किसान चिंतित हैं। खासकर आलू में झुलसा रोग की संभावना बढ़ रही है। किसानों को डर है कि बारिश ऐसे ही होती रही तो रोग लगने से आलू बेदम न हो जाए। सरसों के फूल बारिश में झड़ जाते हैं। कृषि वैज्ञानिक किसानों को कीटनाशक के छिड़काव की सलाह दे रहे हैं। गलन भरी सर्दी लोगों की दुश्वारियां बढ़ा रही है। इस ठंडे मौसम ने किसानों का भी चैन छीन लिया है। ठंड से तो वह बच लेंगे, लेकिन फसलों काे कैसे बचाएं? ये चिंता सता रही है। तापमान गिरने और बारिश होने से सरसों में मांऊ और आलू में झुलसा रोग लगने का खतरा बढ़ गया है। फिलहाल कहीं से बड़े नुकसान की कोई खबर नहीं है। लेकिन, कृषि वैज्ञानिक एहतियात बरतने की सलाह दे रहे हैं। कृषि वैज्ञानिक विनोद प्रकाश बताते हैं कि आलू की फसल में झुलसा रोग लगने पर पौधे की पत्तियां किनारे से ऊपर की ओर मुड़ने लगती हैं और सूख जाती हैं। सूखा हुआ भाग टूट जाता है। तब आलू पनप नहीं पाता। इसके लिए किसान उचित कीटनाशक का उपयोग कर सकते हैं। सरसों की फसल भी ऐसे मौसम में प्रभावित होती है। फूल झड़ने से दाना नहीं बन पाता। हल्की बारिश से फसलों को नुकसान नहीं है। तेज बारिश होने से नुकसान की संभावना बढ़ जाती है।


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