बारिश से कोहरा तो छंटा, मगर फिर बढ़ेगी ठंड, फसलों को लेकर किसान चिंतित Aligarh news
कड़ाके की ठंड के बीच जोरदार बारिश से मौसम का मिजाज बदल गया है। शहर से लेकर देहात के अधिकतर इलाकों में रविवार से ही रुक-रुककर बारिश हो रही है। सोमवार सुबह फिर बारिश हुई। बारिश के बाद कोहरा व धुंध छंट चुकी है।
अलीगढ़, जेएनएन: कड़ाके की ठंड के बीच जोरदार बारिश से मौसम का मिजाज बदल गया है। शहर से लेकर देहात के अधिकतर इलाकों में रविवार से ही रुक-रुककर बारिश हो रही है। सोमवार सुबह फिर बारिश हुई। बारिश के बाद कोहरा व धुंध छंट चुकी है। आसमान पर अब भी बादल छाए हुए हैं। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार अगले कुछ दिनों में ठंड तेजी से अपना असर दिखाएगी। पारा भी लुढ़केगा। आज न्यूनतम तापमान 12 डिग्री सेल्सियस रिकाॅर्ड हुआ है। अधिकतम 21 डिग्री तक रहने की संभावना है।
सुबह भी हुई बूंदाबांदी
आज सुबह भी लोग सोकर उठे तो फिर ठंडक का एहसास हुआ। बूंदाबांदी और बारिश से लोगों को सामना हुआ। रात में भी मौसम खराब रहा। शनिवार से ही बूंदाबांदी व आसमान पर बादल छाए रहने से मौसम बदल गया है। बारिश के बाद ठंडक तो अधिक नहीं है, मगर शीतलहर चलने से सर्दी का अहसास हो रहा है। सूर्यदेव ने आज भी दर्शन नहीं दिए हैं। मौसम विशेषज्ञों ने 6 व 7 जनवरी तक अभी ऐसे ही हालात रहने की आशंका जताई है। बूंदाबांदी व बारिश फिर हो सकती है। बहरहाल, बारिश के बाद शहर में कई स्थानों पर जलभराव की समस्या उत्पन्न हो गई।
किसानों को फसल की चिंता
उधर, ग्रामीण क्षेत्र में कहीं बारिश तो कहीं ओलावृष्टि ने परेशान किया है। दो दिन की बारिश के बाद उन्हें अपनी फसल खराब होने की चिंता सता रही है। यदि और बारिश हुई तो फसल बर्बाद हो जाएगी। हालांकि, अभी फसलों को ज्यादा नुकसान होने की बात अधिकारी या विशेषज्ञ नहीं मान रहे। जिन खेतों में पहले से पानी लगा हुआ था, उनमें और पानी भर गया है। किसानों को मौसम विभाग द्वारा जारी अलर्ट को लेकर चिंता सता रही है, जिसमें अगले दो तीन दिन बारिश की आशंका जताई गई है। बारिश होती है तो आलू की फसल में भारी नुकसान होने की संभावना है। अभी जो बारिश हुई है इससे आलू की फसल में चुर्री रोग आने लगेगा। अभी बारिश व ओलावृष्टि से फसलों में नुकसान नहीं है। मौसम साफ होकर धूप निकलती है तो आलू की फसल में रोग आने की संभावना है। रोग आने पर किसान तुरंत कृषि विशेषज्ञों से सलाह लें। वहीं उन्होंने बताया कि यह बारिश गेहूं, लाहा, दलहनी फसल के लिए लाभकारी है।