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अलीगढ़ में पहला कोरोना टीका उत्साह से लगवाया, दूसरा छोड़ दिया, ये लापरवाही ठीक नहीं

कोरोना की दूसरी लहर चल पड़ी है। ऐसे में सरकार ज्यादा से ज्यादा टीकाकरण का प्रयास कर रही है। लोग भी पूरे उत्साह के साथ टीका लगवा रहे हैं। हालांकि इस मुहिम को पहले टीका लगवा चुके कुछ लोग ही झटका देने में लगे है।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Published: Sun, 04 Apr 2021 10:16 AM (IST)Updated: Sun, 04 Apr 2021 10:16 AM (IST)
अलीगढ़ में पहला कोरोना टीका उत्साह से लगवाया, दूसरा छोड़ दिया, ये लापरवाही ठीक नहीं
विभागीय अधिकारी सभी को दूसरा टीका जरूर लगवाने की सलाह दे रहे हैं।

अलीगढ़, जेएनएन। कोरोना की दूसरी लहर चल पड़ी है। ऐसे में सरकार ज्यादा से ज्यादा टीकाकरण का प्रयास कर रही है। लोग भी पूरे उत्साह के साथ केंद्रों पर पहुंचकर कई-कई घंटे इंतजार कर टीका लगवा रहे हैं। हालांकि, इस मुहिम को पहले टीका लगवा चुके कुछ लोग ही झटका देने में लगे है। इन लोगों ने पहला टीका तो पूरे उत्साह से लगवाया, मगर कई बार मौका दिए जाने के बाद भी 30 से 40 फीसद लोग दूसरा टीका लगवाने नहीं पहुंचे। विभागीय अधिकारी सभी को दूसरा टीका जरूर लगवाने की सलाह दे रहे हैं। 

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अधिकतर ने लगवाया पहला टीका 

जिले में 16 जनवरी को पहले चरण का टीकाकरण अभियान शुरू हुआ। सबसे पहले स्वास्थ्य कर्मिओं को मौका दिया गया। लक्ष्य की बात करें तो इस चरण में 13 हजार 669 कर्मियों (70.13 फीसद) ने केंद्रों पर पहुंचकर टीका लगवाया। दूसरे चरण में फ्रंटलाइन वर्कर्स (पुलिस, पीएसी, राजस्व, नगर निगम, कलक्ट्रेट, एनआइसी आदि) की टीकाकरण हुआ। इसमें 9903 कर्मियों (59.63 फीसद) ने टीका लगवाने में पूरा उत्साह दिखाया। तीसरे चरण में एक से 31 मार्च तक 70 हजार से अधिक 45 पार के बीमार व्यक्ति व बुजुर्गों ने टीके लगवाए। ये वे लोग थे, जो न किसी भ्रांति में फंसे और न किसी बहकावे में आए। इनमें तमाम लोग बुखार व अन्य लक्षणों से भी ग्रस्त भी हुए, मगर हिम्मत नहीं हारी। अन्य कर्मियों को भी टीका लगवाने के लिए खूब प्रेरित किया। नतीजतन, टीकाकरण केंद्रों पर खूब भीड़ उमड़ रही है। जिन्हें मौका मिला है, उनमें अधिकतर लोग टीका लगवाने पहुंच रहे हैं। 

दिखाई नासमझी, नहीं लगवाया दूसरा 

कोविड-19 वायरस से बचाव के लिए टीकाकरण बहुत जरूरी है। यह टीका वायरस को तो नहीं मरेगा, लेकिन वायरस से लड़ने की क्षमता को जरूर बढ़ाएगा। इसलिए पहले टीके के बाद चार से आठ सप्ताह के भीतर दूसरा टीका लगवाना अनिवार्य है। हैरानी की बात ये है कि पहला टीका लगवाने में उत्साह दिखाने वाले काफी लोग यह बात भूल गए या फिर कोई मजबूरी रही, तमाम को दूसरा टीका नहीं लग पाया। पहला टीका लगवाने वाले 69.45 फीसद स्वास्थ्य कर्मियों व 56.88 फीसद फ्रंटलाइन वर्कर्स ने ही दूसरा टीका लगवाया। अब भले ही कोविशील्ड के लिए नए नियम आए हैं, मगर काफी लोगों ने खुद ही नासमझी दिखाते हुए दूसरा टीका नहीं लगवाया। हालांकि,तीसरे चरण में फिर से लोगों में टीकाकरण को लेकर उत्साह जागा है। 

लोगों में दूसरे टीके को लेकर कुछ असमंजस है। कोवैक्सीन का दूसरा टीका चार सप्ताह व कोविशील्ड का दूसरा टीका छह से आठ सप्‍ताह के भीतर लगना है। ऐसे में जिन्हें कोविशील्ड टीका लगा और छह से आठ सप्ताह नहीं हुए हैं, उन्हें वापस भी कर देते हैं। हालांकि, काफी लोगों ने पहला टीका लेने के बाद दूसरा टीका नहीं लगवाया। लोगों से अपील है कि दोनों टीके लगवाने के बाद ही कोरोना वायरस से रक्षा हो सकती है। 

- डा. बीपीएस कल्याणी, सीएमओ।


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