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रजबहों में पानी नहीं आने से किसान परेशान, धान की फसल के लिए इंतजार Aligarh news

इस समय किसान धान की फसल करने के लिए तैयार बैठा हुआ है। रोपाई का काम चल रहा है। ऐसे मेें भरपूर सिंचाई के लिए पानी की जरूरत है। पानी ना आने से किसान परेशान हैं।

By Parul RawatEdited By: Published: Mon, 15 Jun 2020 12:35 PM (IST)Updated: Mon, 15 Jun 2020 12:35 PM (IST)
रजबहों में पानी नहीं आने से किसान परेशान, धान की फसल के लिए इंतजार Aligarh news
रजबहों में पानी नहीं आने से किसान परेशान, धान की फसल के लिए इंतजार Aligarh news

अलीगढ़, [जेएनएन]। तहसील क्षेत्र के तमाम गांव के निकट से निकल रहे रजबहों में पानी नहीं आ रहा। इससे किसान परेशान हैैं। क्षेत्र के अनेक किसान खेतों में सिंचाई के लिए रजबहों पर निर्भर हैैं। इस समय किसान धान की फसल करने के लिए तैयार बैठा हुआ है। रोपाई का काम चल रहा है। ऐसे मेें भरपूर सिंचाई की जरूरत है। गांव सहनौल, काजिमाबाद, कासिमपुर, जिरौली धूमसिंह, जमनपुर, मढ़ौली आदि गांव के निकट से रजबहे निकल रहे हैं। रजबहा के निकट खेती करने वाले किसानों को पानी नहीं मिलने से उनकी धान की फसल खेत में नहीं लग पा रही है। रजबहा के निकट पडऩे वाले गांव के अधिकतर किसान इन दिनों धान की फसल बढ़ चढ़कर करते हैं। वहीं रजबहा के किनारे स्थित आम के बागों में भी पानी नहीं लग पा रहा है। यदि जल्द पानी नहीं आया तो किसानों को काफी नुकसान होगा।

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करीब चार महीनों से नहीं पानी

किसानों का कहना है कि करीब चार महीनों से रजबहों में पानी नहीं आया है। प्रशासन को इस बारे में ध्यान देना चाहिए लेकिन अधिकारियों को कोई चिंता ही नहीं है। गांव काजिमाबाद के लखमी सिंह का कहना है कि रजबहा में पानी आने पर ही धान की फसल की जा सकती है। धान की पौध पूरी तरह से तैयार हो चुकी है। बस पानी आने की देर है। गांव बढ़ौली के ज्वाली सिंह कहते हैं कि क्षेत्र का किसान धान की फसल के लिए ही जाना जाता है। रजबहा में पानी आ गया होता तो धान की फसल काफी समय पहले ही लग गई होती। गांव सहनौल के बिन्नामी सिंह का कहना है कि किसान हमेशा से ही परेशानी उठाता आया है। इस वर्ष भी किसान पानी के इंतजार में बैठा हुआ है। करीब चार महीन से रजबहा में पानी नहीं आया है। गांव सहनौल के श्योराज सिंह कहते है कि ग्रामीण क्षेत्र में बिजली कटौती से किसान हमेशा से परेशान चला आ रहा है। अधिकतर किसान तो रजबहा में पानी आने पर ही अपनी फसल करते हैं।


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