Benefit Of Stubble : पराली से फायदा उठाकर किसान फसल की पैदावार में जुुुुुटे, ये अपनाई रणनीति Aligarh News
उत्तर प्रदेश के जनपद अलीगढ़ के पिसावा में इन दिनों किसान रवि की फसल की तैयारी में युध्द स्तर पर जुटे हुए हैं। अहम बात यह है कि किसान पराली से भरपूर फायदा ले रहे हैं और पर्यावरण प्रदूषण का पूरा ध्यान रख रहे हैं।
अलीगढ़, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के जनपद अलीगढ़ के पिसावा में इन दिनों किसान रवि की फसल की तैयारी में युध्द स्तर पर जुटे हुए हैं। अहम बात यह है कि किसान पराली से भरपूर फायदा ले रहे हैं और पर्यावरण प्रदूषण का पूरा ध्यान रख रहे हैं।
पर्यावरण प्रदूषण का रख रहे ध्यान
एक नबम्बर से गेहूं की बुवाई शुरू कर दी जाती है। इसलिए धान व बाजरा आदि की फसल करने वाले किसान खेतों में शेष फसलों की कटाई के बाद खेतों को खाली करने में सुबह से लेकर शाम तक मेहनत कर रहे हैं।
जिन किसानों ने खरीफ की फसल न करके आगामी रबी की फसल की अच्छी पैदावार के लिए खेतों को खाली छोड़ा दिया था,उन खेतों की जुताई का कार्य भी जोर-शोर से शुरू हो चुका है।हर तरफ इन दिनों किसान अपने खेतों में अपने टै्रक्टर आदि यंत्रों से खेतों की जुताई का कार्य करते देखे जा सकते हैं।किसानों द्वारा खेतों में खाद डालने व बिजाई करने के लिए खाद बीज का प्रबंध करना भी शुरू कर दिया है।कुछ खेतों में शेष खरीफ की फसल भी पक कर तैयार है, जिसे कटाई का काम चल रहा है।जिसमें धान,बाजरे व ज्वार की फसल की कटाई के बाद खेतों में पड़े फ़सलों के अवशेष किसानों के लिए सर दर्द बन रहे हैं।पर्यावरण प्रदूषण को देखते हुए प्रशासन ने इस को जलाने पर प्रतिबंध लगा रखा है।जिसके चलते किसान हेरो, ट्रिलर आदि यंत्रों की मदद से अवशेषों को खेतों में ही बारीक टुकड़े कर फैला देते हैं।
पराली से उठा रहे फायदा
गांव मढ़ी निवासी किसान रघुराज सिंह ने बताया कि इस तरह खेत में ही काट कर गलाये गए पराली के अवशेष खेत की मिट्टी में जान डालने का काम करते हैं।इसके साथ ही अवशेषों को ठिकाने लगाने में क्षेत्र की एक निजी कंपनी भी किसानों का खेतों में अवशेषों को ठिकाने लगाने में सहयोग कर रही है।कम्पनी द्वारा किसानों से फसलों के अवशेषों को इकट्ठा कराया जा रहा है।जिन्हें समय मिलते ही इस कम्पनी के कर्मचारियों द्वारा अपने वाहनों से ही उठा लिया जाता है।जिससे किसानों की फसल लेट न हो और वह समय से बुवाई कर अच्छी पैदावार ले सकें।