हाथरस में किसान बोले, पहले दिलाओ खाद फिर लाएंगे धान, गुस्से में किसान
जनपद में यूरिया की कमी नहीं होने की बात अधिकारी कह रहे हैं। वहीं परिस्थितियां बहुत अलग हैं। खाद नहीं मिलने से किसान काफी परेशान हैं। रबी की फसल की बुवाई भी खाद नहीं मिलने से प्रभावित हो रही है।
हाथरस, जागरण संवाददाता। जनपद में यूरिया की कमी नहीं होने की बात अधिकारी कह रहे हैं। वहीं परिस्थितियां बहुत अलग हैं। खाद नहीं मिलने से किसान काफी परेशान हैं। रबी की फसल की बुवाई भी खाद नहीं मिलने से प्रभावित हो रही है। क्रय केंद्रों पर भी किसान संचालकों से खाद दिलाने की मांग कर रहे हैं।
यूरिया डीएपी खाद की किल्लत से किसान परेशान हैं। इसके लिए उन्हें समितियों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। अन्नदाता को फसल के लिए आवश्यक सुविधाएं तक नहीं दी जा रही हैं। बिजली, पानी के अलावा अब खाद यूरिया भी उनके लिए सबसे बड़ी मुसीबत बन गए हैं। खाद की रैक आने से पहले ही वह खत्म हो जाती है। खाद की समस्या को लेकर किसान धान भी क्रय केंद्रों पर कम लेकर जा रहे हैं। किसानों का कहना है कि पहले खाद दिलाओ, उसके बाद धान लाने की व्यवस्था करेंगे। डीआरएमओ शिशिर कुमार ने बताया कि किसान खाद दिलाने की मांग क्रय केंद्रों पर कर रहे हैं।
खाद के लिए लंबी कतारों में खड़े किसान
यूरिया व डीएपी की जरूरत रबी की फसल बुवाई में बहुत पड़ती है। धान की कटाई करने के बाद अब किसान रबी की फसल बुवाई में लग गया है। खाद नहीं मिलने से उनके आगे दिक्कतें खड़ी हो गई हैं। खाद के लिए समिति व विक्रय केंद्रों पर खाद वितरण के लिए लंबी कतारें लग रही है। खाद, बीज जैसी जरूरतों के पूरे नहीं होने से किसान बहुत परेशान है।
गोदामों में खाद भरपूर, फिर भी किसानों से दूर
जिले में खाद भरपूर होने का दावा अधिकारियों द्वारा किया जा रहा है। पर हकीकत इससे अलग है। खाद तो आ रहा है, उसके बाद जरूरत के अनुसार किसानों को इसका वितरण नहीं हो रहा है। इफको किसान सेवा केंद्र पर भी खाद की सप्लाई कम होने से दिक्कतें आ रही हैं। भले ही जिले में गोदाम यूरिया व खाद से भरे पड़े हों पर वह किसानों से अभी दूर हैं।
यूरिया व डीएपी के लिए आवश्यकता के अनुसार खाद की मंगाकर उसका वितरण कराया जा रहा है। संबंधित समितियों से किसान खाद की खरीदारी कर रहे हैं। किसानों के लिए किसी तरह की समस्या नहीं होने दी जाएगी। जरूरत पड़ने पर खाद और मंगाया जाएगा।
- एचएन सिंह, कृषि उपनिदेशक