अलीगढ़ में बिजली बिल घोटाले को दबाने का किसान नेताओं ने लगाया आरोप
कार्रवाई की मांग को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने सीएम को लिखा पत्र कहा-1.85 करोड़ रुपये बिल वसूल कर खाते में नहीं किया गया जमा।
जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : बिजली विभाग में हुए 1.85 करोड़ रुपये के बिल घोटाले को दबाने के आरोप किसान नेता लगा रहे हैं। मंगलवार को संयुक्त किसान मोर्चा के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री के नाम सिटी मजिस्ट्रेट प्रदीप वर्मा को ज्ञापन सौंपा है। कहा है कि उपभोक्ताओं से बिल की राशि वसूलकर उसे विभाग के खाते में जमा नहीं कराया गया है। बल्कि कर्मचारी व अफसरों ने मिलीभगत कर धनराशि को अपनी जेब में रख लिया है। इन अफसरों पर कार्रवाई होनी चाहिए।
क्रांतिकारी किसान यूनियन के प्रदेश संयोजक शशिकांत ने बताया कि 10 फरवरी को यह मामला प्रकाश में आया था। खैर के बांकनेर बिजलीघर पर 50 लाख रुपये का गबन हुआ। सासनीगेट बिजलीघर पर 12 फरवरी को 5.34 लाख रुपये, अकराबाद बिजलीघर पर 23 मई को 50 लाख रुपये, 24 मई को विद्युत वितरण खंड तृतीय ग्रामीण में 81 लाख रुपये के गबन का मामला उजागर हुआ था। उपभोक्ताओं से बिल वसूल कर विभाग के खाते में जमा नहीं कराया गया। अब पुन: बिल वसूला जा रहा है। 700 से अधिक उपभोक्ताओं पर छह महीने से दो साल तक का बकाया दर्शाकर नोटिस भेजे जा रहे हैं। कनेक्शन भी काट दिए गए हैं। गबन के प्रकरण में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है। इस घोटाले की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए। सिर्फ कैशियर को निलंबित करना पर्याप्त नहीं है। कैश काउंटर पर उपभोक्ता बिल जमा कर रसीद लेता है। कैशियर शाम को हैड कैशियर के पास कैश जमा करता है। अभिलेख का मिलान कर कैशबुक एसडीओ, अधिशासी अभियंता, अधीक्षण अभियंता तक प्रमाणित की जाती है। 23 महीने तक गबन का खेल चलता रहा और अधिकारियों को भनक तक न लगी, ऐसा नहीं हो सकता है। सभी घोटाले में लिप्त हैं। इन सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए। ज्ञापन देने वालों में अखिल भारतीय किसान सभा के जिला उपाध्यक्ष सूरजपाल उपाध्याय, जिला कोषाध्यक्ष इदरीश मोहम्मद, सुरेश चंद्र गांधी, गजेंद्र चौधरी, गोकुल करन आदि शामिल थे।