अलीगढ़ में फरेब के कागजों से 'गबन' पर मुहर, ऐसे की धोखाधड़ीAligarh News
मुखिया की मौत के बाद परिवार को पारिवारिक लाभ योजना में मिलने वाली सहायता राशि के आवंटन में बड़ा फर्जीवाड़ा हो रहा है।
अलीगढ़ [जेएनएन]। मुखिया की मौत के बाद परिवार को 'पारिवारिक लाभ योजना' में मिलने वाली सहायता राशि के आवंटन में बड़ा फर्जीवाड़ा हो रहा है। तहसीलों में बिना किसी जांच पड़ताल के ही आवेदनों पर पात्रता की मुहर लग रही है। हाल ही में गभाना तहसील के करीब 64 मामले ऐसे ही सामने आए हैं।
यह है नियम
पारिवारिक लाभ योजना में 60 साल से कम उम्र्र वाले परिवार के कमाऊ सदस्य की आकस्मिक मृत्यु होने पर आश्रित को 30 हजार रुपये की एकमुश्त आर्थिक सहायता दी जाती है। बशर्ते उसकी सालाना आय 46 हजार (ग्रामीण क्षेत्र)व 56 हजार (शहरी क्षेत्र) तक हो। आवेदन ऑनलाइन होता है। आवेदन फॉर्म सबसे पहले एसडीएम के पास, फिर संबंधित लेखपाल के पास पहुंचता है। वह लाभार्थी के घर जाकर पड़ताल करते हैं। जरूरी कागजात लेने होते हैं। इसके बाद इसे तहसील व एसडीएम को भेजा जाता है। फिर, इसकी दो कॉपी बनाते हैं। एक कॉपी सीधे समाज कल्याण विभाग और ऑनलाइन कॉपी शासन को भेजी जाती है। वहां से खातों की जांच के बाद इसे विभाग को भेजा जाता है, फिर कमेटी इस पर अंतिम मुहर लगाती है।
फर्जीवाड़े का खेल
लेखपाल को अपनी जांच में पीडि़त से आधार कार्ड, आय प्रमाण पत्र व मृत्यु प्रमाण पत्र लेना अनिवार्य होता है। वह इसकी हार्डकॉपी समाज कल्याण विभाग को देते हैं। वह इसी के आधार पर तय करते हैं कि मृत्यु हुई है या नहीं, लेकिन तहसीलों में इसमें बड़ा फर्जीवाड़ा हो रहा है। बिना मृत्यु प्रमाण पत्र लिए ही लाभार्थियों के चयन पर मुहर लगा दी जाती है।
जांच में पर्दाफाश
पिछले दिनों डीएम ने तहसीलों से आई रिपोर्ट की जांच कराई। इसमें काफी चौकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। गभाना तहसील के 64 के करीब जांचों में किसी में मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं हैं, अधिकांश में आय प्रमाण पत्र नहीं है। ऐसे में डीएम ने इन्हें वापस करने के आदेश कर दिए हैं। एसडीएम को बिना जांच मुहर लगाने पर कारण बताओ नोटिस दिया है।
इस तरह मिला है लाभ
वित्तीय वर्ष, कुल लाभार्थी
2017-18, 1469
2018-19, 1649
2019-20, 1118
75 दिन का नियम, राहत मिल पा रही डेढ़ साल में
आवेदन के 75 दिन के अंदर इसमें पीडि़त को लाभ देने का नियम है, लेकिन अलीगढ़ में इसकी धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। डेढ़-डेढ़ साल में लाभार्थियों को लाभ मिल पा रहा है।
लापरवाही बर्दाश्त नहीं
डीएम चंद्रभूषण सिंह का कहना है कि पारिवारिक लाभ योजना में किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। सभी तहसीलों में पत्र लिखकर नियमों के हिसाब से जांच करने की हिदायत दी गई है।