अलीगढ़ में दर्द दे रहीं महंगी दवाएं, मरीजों को लग रहा जोर का झटका धीरे
दर्द बढ़ता गया ज्यों-ज्यों दवा की’ यह बात वाकई मरीजों पर चरितार्थ हो रही है। वजह जीवनरक्षक दवा की कीमतों में हो रही बेतहाशा वृद्धि है। हर पांच-छह माह में दवा की कीमतें 20-30 प्रतिशत तक बढ़ जाती हैं जो मरीजों को दोहरा दर्द दे रही हैं।
अलीगढ़, विनोद भारती। ‘दर्द बढ़ता गया, ज्यों-ज्यों दवा की’, यह बात वाकई मरीजों पर चरितार्थ हो रही है। वजह, जीवनरक्षक दवा की कीमतों में हो रही बेतहाशा वृद्धि है। हर पांच-छह माह में दवा की कीमतें 20-30 प्रतिशत तक बढ़ जाती हैं, जो मरीजों को दोहरा दर्द दे रही हैं। एंटीबायोटिक व दर्द निवारक ही नहीं, बीपी, शुगर, थायराइड, कैंसर आदि बीमारियों में नियमित रूप से चलने वाली दवा भी दिनोंदिन महंगी हो रही हैं। मरीजों का दर्द कम हो सके, ऐसी कोई पहल सरकारी स्तर पर होती नहीं दिख रही।
ड्रग प्राइज कंट्रोल सिस्टम बना मजाक
केंद्रीय स्वास्थ मंत्रालय ने दवा कंपनियों पर अंकुश लगाने के लिए ड्रग प्राइज कंट्रोल (डीपीसी) सिस्टम लागू किया है। इसमें 850 से अधिक दवा शामिल कर उनकी कीमतें कम की गई हैं। सामान्य एंटीबायोटिक, एंटी एलर्जिक, दर्द निवारक, क्रीम व अन्य दवा सूची से बाहर हैं। कई कंपनियों ने डीपीसी में शामिल दवा का निर्माण कम कर दिया है याबंद कर दिया है। वहीं, कुछ कंपनिया दूसरी दवा महंगी करके नुकसान की पूर्ति कर रही हैं।शुगर व ब्लड प्रेशर की दवा
करीब छह पूर्व शुगर की दवा ग्लूकोरेड फोर्ट की 10 गोली का पत्ता 44 रुपये का था, अब 51 हो गआ है। सालभर पहले इसकी कीमत 35 रुपये थी। ग्लाइकिंड एम की 10 गोली का पत्ता 58 रुपये की बजाय 67 रुपये व डायनाग्लिप्ट एमफोर्ट की 10 गोली का पत्ता 90 रुपये का था, अब 110 रुपये में मिल रहा है। ब्लड प्रेशर की दवा एमलोकाइंड की 10 गोली का पत्ता 20.70 रुपये से बढ़कर 23 रुपये, एमलोसेफ एटी की 15 गोली का पत्ता 111 से 135 पहुंच गया है। थायराइड की दवा एल्ट्राक्सिन-100 एमजी की 100 गोली का पत्ता 108 से 131 रुपये में मिल रहा है।
दर्द निवारक भी महंगे
डिस्प्रिन की 10 गोली का पत्ता पाचं से बढ़कर 11 रुपये, मोबीजोक्स 170 से बढ़कर 196 रुपये, अल्ट्रासेट (15 गोली) 170 से 219 रुपये, फ्लोजोन एए (दर्द), 78 से 89.90 रुपये तक बिक रही है।
दवा, पुरानी कीमत, नई कीमत
कार्वोल प्लस (भाप के कैप्सूल), 60, 76.20
मोंटियर एलसी (एलर्जी) 198 (15 गोली), 278
नेरफ्लोक्स टीजेड (दस्त), 72, 88
इवियोन (वीई), 28, 32.70
फेक्सिन (एंटीबायोटिक), 168, 196
जेनफ्लोक्स ओजेड (दस्त), 88, 160
एलेग्रा (एलर्जी), 168, 185
एलेग्रा एम (एलर्जी), 180, 219
डाइजिन (एंट्रासिक) 14.50 (15 गोली), 19.96
एल्थ्रोसिन 500 एमजी (एंटीबायोटिक), 78, 92
एनाफोर्टन (पेट दर्द), 118, 139
मेफ्टाल स्पास, 38, 46
क्रीमालेक्स (पेट साफ) 118, 139
विक्स एक्सन 500, 42, 49
सीरप भी महंगे
दवा, पुरानी कीमत, नई कीमत
ग्रोजेड एक्स, 104, 124
कोरेक्स, 104, 122
डूफालेक (पेट साफ), 130, 171
प्रीमाफिन (पेट साफ), 170, 211
क्रोमाफिन (पेट साफ), 180, 246
अल्कासोल (पेशाब संक्रमण), 90, 115
बीटाडिन गार्गिल 50 एमएल (गरारे के लिए), 115, 140
ये दवा भी महंगी
डिटाल 50 एमएल, 24, 30
टेटमासोल साबुन, 70, 84
इसबगोल (10 ग्राम), 10, 13
आयोडेक्स, 65, 80
विक्स वेपोरव (25 ग्रा.), 75, 87
झंडू बाम, 38, 42
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हर छह माह में दवा कंपनियां कीमतें बढ़ा रही हैं। उम्मीद थी कि कोरोना संकट काल में बाधित हुई कच्चे माल की आपूर्ति सुधरते ही कीमतें स्थिर होंगी, मगर कंपनियों ने और इजाफा कर दिया। डीपीसी में शामिल ज्यादातर दवा बाजार से गायब हैं।
- उमेश श्रीवास्तव, महामंत्री रिटेलर्स केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन।
दवा कंपनियों को कोरोना काल में काफी नुकसान हुआ। वहीं, अभी कच्चे माल की आपूर्ति नियमित नहीं हुई है। ऐसे में कंपनियां अभी मरीजों को राहत नहीं दे रहीं। सरकार को इसमें हस्तक्षेप करना होगा।
- शैलेंद्र सिंह टिल्लू, अध्यक्ष, अलीगढ़ केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन।