भोले के दरबार में होती है हर मन्नत पूरी, कोई निराश नहीं हुआ, जानिए विशेषता Aligarh news
नगर पंचायत जलाली में सुभाष पार्क से 1 किलोमीटर दूर सिद्धपीठ श्री वनखंडेश्वर मंदिर की स्थापना प्राचीन समय में हुई है। इस सिद्धपीठ मंदिर पर हर सोमवार को शिव भक्तों द्वारा पूजा अर्चना की जाती है। सावन के महीने में हर सोमवार को मंदिर परिसर में मेला लगता है ।
अलीगढ़, जेएनएन। नगर पंचायत जलाली में सुभाष पार्क से 1 किलोमीटर दूर सिद्धपीठ श्री वनखंडेश्वर मंदिर की स्थापना प्राचीन समय में हुई है। इस सिद्धपीठ मंदिर पर हर सोमवार को शिव भक्तों द्वारा पूजा अर्चना की जाती है। सावन के महीने में हर सोमवार को मंदिर परिसर में मेला लगता है । यहां शिवलिंग की आराधना करने अलीगढ़, दिल्ली व दूरदराज से लोग पूजा, अर्चना करने आते हैं। इस मंदिर की प्रख्याति दूर-दराज तक फैली हुई है।
मंदिर का इतिहास
नगर वासियों के अनुसार सिद्धपीठ श्री वनखंडेश्वर मंदिर बरसों पुराना बना हुआ है । इस मंदिर में शिवलिंग जमीन से निकली हुई है । इसलिए यहां बड़ी संख्या में भक्त पूजा अर्चना करने आते हैं । शिवरात्रि वाले दिन हजारों की संख्या में शिवभक्त रामघाट, राजघाट व हरिद्वार से कावड़ चढ़ाने आते हैं । ऐसा कहा जाता है कि आज तक इस मंदिर में जिसने भी मन्नत मांगी भगवान भोलेनाथ के आशीर्वाद से उसकी मनोकामना पूर्ण हुई है।
मंदिर की विशेषता
सिद्ध पीठ श्री वनखंडेश्वर मंदिर बड़े बम्बे पर भाटला गांव वाले रोड पर बना हुआ है। इसलिए दूरदराज से आने वाले भक्तों को परेशानी नहीं होती । मंदिर परिसर में हवन करने का एक विशेष महत्व है। ऐसा कहा जाता है जिसने भी यहां आकर हवन कराया विधि विधान से पूजा अर्चना की उसकी मनोकामना जरूर पूर्ण हुई है।
इनका कहना है
यह प्राचीन मंदिर है, यहां हर सोमवार को और श्रावण के हर सोमवार को भोलेनाथ के भक्तों का तांता लगा रहता है, जो भी भक्त भोलेनाथ की पूजा अर्चना कर मन्नत मांगते हैं ।उनके द्वारा मांगी गई मनौती भोलेनाथ ने हमेशा पूर्ण की है।
- मंदिर पुजारी गोकुल गोस्वामी
प्राचीन सिद्ध पीठ श्री वनखंडेश्वर मंदिर की ख्याति आस-पास के गांव व दूर-दराज तक फैली हुई है । श्रावण मास में मंदिर पर की गई पूजा का एक विशेष महत्व होता है। ऐसा माना जाता है और यह सच भी है इस मंदिर की अधिक मान्यता है ।
- प्रकाश चंद शिवभक्त