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संतों की वेशभूषा में बर्दाश्त नहीं होंगे कर्मचारी, अलीगढ़ में बोलीं अखिल भारत हिदू महासभा की राष्ट्रीय सचिव अन्नपूर्णा

रामायण एक्सप्रेस ट्रेन में काम करने वाले कर्मचारियों की वेशभूषा पर दर्ज की कड़ी आपत्ति।

By JagranEdited By: Published: Sat, 20 Nov 2021 02:11 AM (IST)Updated: Sat, 20 Nov 2021 02:11 AM (IST)
संतों की वेशभूषा में बर्दाश्त नहीं होंगे कर्मचारी, अलीगढ़ में बोलीं अखिल भारत हिदू महासभा की राष्ट्रीय सचिव अन्नपूर्णा
संतों की वेशभूषा में बर्दाश्त नहीं होंगे कर्मचारी, अलीगढ़ में बोलीं अखिल भारत हिदू महासभा की राष्ट्रीय सचिव अन्नपूर्णा

जासं, अलीगढ़ : पंच दशनाम निरंजनी अखाड़े की महामंडलेश्वर एवं अखिल भारत हिदू महासभा की राष्ट्रीय सचिव डा. अन्नपूर्णा भारती ने हाल ही में संचालति रामायण एक्सप्रेस ट्रेन में काम करने वाले कर्मचारियों की वेशभूषा पर कड़ी आपत्ति दर्ज की है।

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डा. अन्नपूर्णा ने शुक्रवार को नौरंगाबाद स्थित बीदास कंपाउंड में मीडिया से बातचीत में केंद्र सरकार व रेलवे मंत्रालाय की इस व्यवस्था को कठघरे में खड़ा किया है। उन्होंने बताया कि

रामायण एक्सप्रेस ट्रेन काम करने वाले कर्मचारियों को साधु संन्यासियों का वेश धारण करा कर के उनसे जूठे बर्तन उठावाए जा रहे हैं। यह सनातन संन्यासी परंपरा की वेशभूषा का अपमान है। जिसे संन्यासी कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे। सरकार तत्काल इसका संज्ञान ले। इस भूल पर संबंधित विभाग के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे। ताकि भविष्य में कोई ऐसी गलती न करे। साथ ही सपा के राष्ट्रीय अखिलेश यादव द्वारा संन्यासियों पर की गई टिप्पणी को आपत्ति दर्ज की है। उन्होंने चेतावनी दी है कि राजनीति करें, पर संन्यासी एवं सनातन धर्म पर अमानवीय टिप्पणी हम बर्दाश्त नहीं करेंगे। साधु-संन्यासी किसी भी दल के गुलाम नहीं हैं कि कुछ भी सहन कर लेंगे। राजनीतिक दलों के नेताओं को साधु-संन्यासियों की इज्जत करना सीखना चाहिए। पहले राजा-महाराजा भी साधु-संतों की बहुत इज्जत करते थे। उनसे आज के राजनेताओं को सीख लेनी चाहिए। साधु-संन्यासी किसी भी पार्टी का समर्थन नहीं करते हैं, बल्कि देश की संस्कृति व परंपराओं का सम्मान करते हैं।

हिदू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता अशोक पांडे ने तीनों कृषि कानून वापसी का विरोध किया है। उन्होंने दावा किया है कि केंद्र की भाजपा सरकार ने पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर यह दांव चला है, मगर जनता अब भाजपा के खेल को समझ चुकी है और हो सकता है कि आने वाले चुनाव में पार्टी को इसका नुकसान भी उठाना पड़े। इससे पहले केंद्र सरकार ने डीजल-पेट्रोल के दाम भी दबाव में घटाए थे।


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