Move to Jagran APP

अलीगढ़ में निर्माण कार्य के फर्जीवाड़े पर ईएमबी का प्रहार, जानिए क्‍या है ईएमबी

अलीगढ़ विकास प्राणिकरण (एडीए) से जुड़े विकास कार्यो में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए अब नई पहल शुरू हुई है। अब पारदर्शिता के लिए इलेक्ट्रानिक मैजरमेंट बुक ( ईएमबी) शुरू किया जा रहा है। इसमें निर्माण कार्यों का पूरा लेखा-जोखा आनलाइन होगा।

By Sandeep kumar SaxenaEdited By: Published: Wed, 17 Feb 2021 05:25 PM (IST)Updated: Wed, 17 Feb 2021 05:25 PM (IST)
अलीगढ़ में निर्माण कार्य के फर्जीवाड़े पर ईएमबी का प्रहार, जानिए क्‍या है ईएमबी
निर्माण कार्यों का पूरा लेखा-जोखा आनलाइन होगा।

अलीगढ़, जेएनएन। अलीगढ़ विकास प्राणिकरण (एडीए) से जुड़े विकास कार्यो में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए अब नई पहल शुरू हुई है। अब पारदर्शिता के लिए इलेक्ट्रानिक मैजरमेंट बुक ( ईएमबी) शुरू किया जा रहा है। इसमें निर्माण कार्यों का पूरा लेखा-जोखा आनलाइन होगा। इससे कोई भी ठेकेदार व अभियंता फर्जी रिपोर्टिंग नहीं कर सकेगा। पिछली तारीखों में भी कोई भी निर्माण कार्य स्वीकृत नहीं होगा। साथ ही टेंडर में तय शर्तों के खिलाफ भी काम होने पर पकड़ में आ जाएगा। एडीए में इसे लागू करने की तैयारी हो गई है। अगले एक पखवाड़े में इसकी शुरुआत हो जाएगी। 

loksabha election banner

यह है मामला

सुनियाेजित विकास कार्य कराने के साथ ही शहर में निर्माण कार्य कराना भी एडीए की जिम्मेदारी है। इनमें सड़क, नाला, खड़ंजा, डिवाइडर समेत अन्य निर्माण कार्य होते हैं। ठेकेदारों के माध्यम से यह काम कराए जाते हैं। अब तक सभी निर्माण कार्यों की टेंडर से पहले ही मैजरमेंट बुक तैयार कराई जाती है। इसमें कार्य का पूरा लेखा-जोखा होता है। खर्च के साथ ही गुणवत्ता की भी पूरा ब्यौरा होता है, लेकिन इस मैजरमेंट बुक में ठेकेदार मनमानी से फर्जी रिपोर्टिंग करते थे। मिलीभगत के चलते अभियंताओं की भी इसमें सह होती थी। निर्माण कार्यो में गुणवत्ता पर भी कोई ध्यान नहीं दिया जाता है। 

नई पहल की शुरुआत

 ऐसे में अब शासन ने इन फर्जीवाड़े को रोकने के लिए नई पहल शुरू की है। अब सभी निर्माण कार्यों की इलेक्ट्रानिंग मैजरमेंट बुक तैयार कराई जाएगी। टेंडर से पहले ही यह तैयार हो जाएगी। इसके बाद ठेकेदार को इसी के हिसाब से अपने टेंडर में भी गुणवत्ता का रिकार्ड भी भरना होगा। अगर निर्माण कार्य के दौरान गुणवत्ता इस टेंडर से भिन्न होगी तो साफ्टवेयर खुद पकड़ लेगा। इसके साथ ही फर्जी रिपोर्टिंग नहीं होगी। पैसे भी बढ़ घट नहीं सकेंगे। समय से सभी निर्माण कार्य पूरे होंगे। अभियंताओं का हर दिन इसी साफ्टवेयर पर अपनी रिपोर्ट देनी होेगी। 

भुगतान भी आनलाइल

 भुगतान भी इसी साफ्टवेयर से होगा। इसमें सबसे पहले ठेेकेदार को काम पूरा होने के बाद अपना ब्यौरा अपलोड करना होगा। इसके बाद अभियंता इस पर रिपोर्ट लगाएगा। वह पूरी स्कूटनी करेगा। यहां से फिर अधिशासी अभियंता पर पहुंचेगा। यहां पर भी क्रास स्कूटनी होगी। फिर सचिव व उपाध्यक्ष  भुगतान पर अंतिम मुहर लगाएंगे। 

फर्जीवाड़ा रोकने के लिए शासन से अब सभी प्राधिकरणों में ईएमबी की शुरुआत की गई है। सबसे पहले पायलट प्रोजेक्ट में इसे लखनऊ विकास प्राधिकरण में चलाया गया था। वहां की सफलता के बाद अब पूरे प्रदेश के लिए शुरू हुआ है। 

अर्जुन सिंह तोमर, प्रभारी सचिव


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.