अलीगढ़ में बिजली चोरों की मौज: करोड़ों के बकाएदार, फिर भी फूंक रहे बिजली
बिजली विभाग बिजली की चोरी के लिए आम उपभोक्ताओं पर लगातार शिकंजा कस रहा है। यहां तक कि उनके खिलाफ एफआइआर भी हो रही हैं लेकिन सरकारी विभागों पर रहम दिखा रहा है। ये सरकारी विभाग बिजली विभाग को कंगाल करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता। बिजली विभाग बिजली की चोरी के लिए आम उपभोक्ताओं पर लगातार शिकंजा कस रहा है। यहां तक कि उनके खिलाफ एफआइआर भी हो रही हैं लेकिन सरकारी विभागों पर रहम दिखा रहा है। ये सरकारी विभाग बिजली विभाग को कंगाल करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। बिजली विभाग द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों पर गौर करें तो सरकारी विभागों पर 50.13 करोड़ रुपये का बकाया पड़ा है। इसके बावजूद इनके परिसरों में एसी और कूलर बिना मीटर जमकर बिजली फूंक रहे हैं। यहां पर स्मार्ट मीटर की बात तो छोड़िए इलेक्ट्रोनिक(डिजिटल मीटर) नजर नहीं आते हैं। दैनिक जागरण की ओर से चलाए जा रहे अभियान के चौथे चरण में सरकारी विभागों पर बकाया और ओवरलोडिंग की स्थिति दर्शा रहे हैं।
इतने विभाग हैं उपभोक्ता
सरकारी विभागों की बात करें तो बिजली विभाग के 37 प्रमुख विभाग उपभोक्ता हैं। इसमें कुछ विभाग एेसे हैं जिन पर करोड़ों का बकाया है वहीं कुछ एेसे हैं जिन पर लाखों रुपये बकाया है। दूसरों से राजस्व वसूलने वाला राजस्व विभाग भी बिजली विभाग का बकायादार है। विभाग की ओर से 30 अप्रैल तक जारी की गई सूची के आधार पर ये आंकड़ें हैं।
फिर भी जला रहे खूब बिजली
पुलिस लाइन, थाना, जिला कारागार में कई आवास ऐसे हैं जहां पर बिजली के मीटर नहीं लगे हैं। जबकि वहां पर एसी और कूलर दिन रात बिजली फूंक रहे हैं। नगर निगम के आवासों में भी कूलर और एसी के माध्यम से खूब बिजली फुंक रही है। इसी प्रकार कृषि, लोक निर्माण विभाग, चिकित्सा विभाग व अन्य विभागों कार्यालय व आवासीय परिसरों में भी जमकर बिजली का दुरुपयोग हो रहा है। घरों में इंडक्शन से लेकर घर के बाहर एसी और कूलर चलते हुए देखे जा सकते हैं।
नहीं लगे स्मार्ट मीटर
बिजली विभाग द्वारा सरकारी विभागों में न तो कार्यालयों पर स्मार्ट मीटर लगाए गए हैं न ही आवासीय परिसर में है। आम उपभोक्ता पर बिजली विभाग दबाव बनाता है कि वह घर के दरवाजे के बाहर मीटर लगवाए लेकिन इनके आवासीय परिसरों में दरवाजों पर मीटर नजर नहीं आते हैं।
ये हैं प्रमुख करोड़पति बकायेदार
विभाग, बकाया राशि
ग्राम्य विकास, 11.49 करोड़
पंचायतीराज विभाग, 16.44 करोड़
गृह विभाग,1.23 करोड़
चिकित्सा विभाग,5.92 करोड़
प्राथमिक शिक्षा,13.91 करोड़
ये हैं प्रमुख लखपति बकायादार
विभाग, बकाया
कृषि,14.16 लाख
नागरिक उड्डयन,16.17 लाख
नगर विकास,9.35 लाख
पशुधन,6.91 लाख
लोक निर्माण,7.37 लाख
माध्यमिक शिक्षा,6.77 लाख
उच्च शिक्षा,5.56 लाख
कृषि विपणन,9.59 लाख
खादी ग्रामोद्योग,9.74 लाख
राजस्व, 6.96
नोट: बकाए की यह स्थिति 30 अप्रैल तक की है
सरकारी विभागों पर बकाए के नोटिस लगातार दिए जा रहे हैं। लगातार पत्राचार और दबाव के चलते पहले से बकाया की स्थिति सुधरी है। विभागों को फोन कर भी जमा करने पर जोर दिया जा रहा है।
अनिल कुमार अरोरा, नोडल अधिकारी