Corona Infection : बुजुर्ग व कमजोर इम्युनिटी वालों को होम आइसोलेशन नहीं Aligarh news
सीएमओ डा. बीपीएस कल्याणी ने बताया कि हल्के व बिना लक्षण वाले मरीजों को चिकित्सकीय जांच के बाद होम आइसोलेशन में रहने की अनुमति दी जाती है। इसलिए कोई भी मरीज या उनके स्वजन अपने लक्षण न छिपाएं। घर के लोगों को क्वारंटाइन रहने के लिए पर्याप्त जगह होनी चाहिए।
अलीगढ़, जेएनएन । कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमण दर के साथ मृत्यु दर भी काफी अधिक रही है। उचित इलाज के अभाव में भी काफी मरीजों की मौत हुई। कोविड हास्पिटल ही नहीं, होम आइसोलेशन में भी जानें गईं। विशेषज्ञों का मानना कि होम आइसोलेशन में कोविड प्रोटोकाल का पालन न करने व गलत इलाज से भी काफी लोगों की मौत हुई है। इनमें बुजुर्ग, बीमार व कमजोर इम्युनिटी वाले मरीज अधिक रहे। लिहाजा, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने होम आइसोलेशन के नियमों में पुन: संशोधन करते हुए कड़ाई से पालन के निर्देश दिए हैं।
इन लोगों को मिलेगी होम आइसोलेश की अनुमति
सीएमओ डा. बीपीएस कल्याणी ने बताया कि हल्के व बिना लक्षण वाले मरीजों को चिकित्सकीय जांच के बाद होम आइसोलेशन में रहने की अनुमति दी जाती है। इसलिए कोई भी मरीज या उनके स्वजन अपने लक्षण न छिपाएं। घर के लोगों को क्वारंटाइन रहने के लिए पर्याप्त जगह होनी चाहिए। घर में अलग शौचालच व कक्ष के साथ देखभाल के लिए 24 घंटे किसी व्यक्ति की उपलब्धता होनी चाहिए। उसे चिकित्सकीय सलाह के अनुसार हाइड्रोक्सीक्लोक्वीन प्रोफाइलेक्सिस लेनी चाहिए। कम प्रतिरक्षा क्षमता वाले यानी एचआइवी, ट्रांसप्लांट कराने वाले व कैंसर रोग से पीड़ित लोगों को होम आइसोलेशन में नहीं रखे जाएंगे। 60 वर्ष से अधिक उम्र के ऐसे लोग जो उच्च रक्तचाप, मधुमेह, हृदय रोग एवं कमजोर फेफड़ें/गुर्दे की बीमारी से ग्रसित हैं, उन्हें भी होम आइसोलेशन की अनुमति नहीं दी जाएगी।
10 दिनों तक भरना होगा निगरानी चार्ट
होम आइसोलेशन में मरीज को 10 दिनों तक निगरानी चार्ट भरने की सलाह दी गई है। इसमें प्रत्येक दिन शरीर का तापमान, आक्सीमीटर से ह्रदय गति एवं आक्सीजन के स्तर को भरने की सलाह दी गई है। निगरानी चार्ट में ही प्रत्येक दिन की स्थिति भरी जाएगी। कम से कम तीन दिन पूर्व बुखार न होने पर 10वें दिन मरीजों को डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। इसके लिए जांच करानी की भी जरूरत नहीं।
सही रीडिंग भी जरूरी
सीएमओ ने बताया कि होम आइसोलेशन में पल्स आक्सीमीटर एवं थर्मल गन रखना जरूरी है। सही रीडिंग लेने की जानकारी भी होनी चाहिए। हाथ के बीच वाली उंगली को आक्सीमीटर में सही तरीके से डालें। पल्स का पता लगाने एवं स्क्रीन पर आक्सीजन के स्तर की सही रीडिंग के लिए कुछ सेकंड इंतजार करें। आक्सीजन लेवल 95 से कम होने पर तुरंत चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए। नेल पालिश लगी उंगली से जांच न करें। थर्मल गन से तापमान मापने के लिए इसे हथेली से पकड़कर छह इंच की दूरी पर रखें। तापमान को रिकार्ड करने के लिए निर्धारित बटन को दबाएं। यदि तापमान 100 डिग्री फारेनहाइट है या इससे अधिक है तो इसे बुखार माना जाता है।