अलीगढ़ में कोरोना से अनाथ बच्चों की मदद को आगे आया ईएचए एनजीओ Aligarh news
कोरोना से अनाथ हुए बच्चों की मदद को अब ईएचए यूपी अर्बन प्रोजेक्ट एनजीओ (गैर सामाजिक संस्था) ने आगे हाथ बढ़ाया है। जल्द ही संस्था के पदाधिकारी सभी प्रभावित बच्चों के घर पहुंचकर सर्वे करेंगे। इसमें अगर किसी मासूम को पढ़ाई व अन्य कोई जरूरत होगी तो उसे पूरा करेंगे।
अलीगढ़, जेएनएन। कोरोना से अनाथ हुए बच्चों की मदद को अब ईएचए यूपी अर्बन प्रोजेक्ट एनजीओ (गैर सामाजिक संस्था) ने आगे हाथ बढ़ाया है। जल्द ही संस्था के पदाधिकारी सभी प्रभावित बच्चों के घर पहुंचकर सर्वे करेंगे। इसमें अगर किसी मासूम को पढ़ाई व अन्य कोई जरूरत होगी तो उसे पूरा करेंगे। इसके साथ ही जिनके माता-पिता में से एक की मौत हो गई है, उनके भी पहुंचेंगे। यहां भी मासूमों की आर्थिक मदद की जाएगी। कोरोना काल में इस संस्था ने काफी काम किया है। 225 परिवारों को राशन वितरण कराया गया है। वहीं, 15 परिवारों की आर्थिक मदद की है। चार हजार से अधिक राशन किट भी बांटी है। अब इन मासूमों को संभालने की जिम्मेदारी उठाई है।
कोरोना से बच्चों पर टूटा दुखों का पहाड़
कोरोना से बच्चों पर सबसे बड़ा दुखों का पहाड़ टूटा है। किसी के पिता की मौत हो गई तो किसी की मां की। कई बच्चों के तो माता-पिता दोनों ही असमय काल के गाल में समा गए। जिले में भी अब 76 बच्चे इसी तरह के चिन्हित हो चुके हैं। इनमें 71 बच्चे ऐसे हैं, जिनके माता-पिता में से किसी एक की मौत हुई है। वहीं, पांच बच्चे ऐसे भी हैं, जिनके माता-पिता दोनों ही अब इस दुनिया में नहीं रहे। ऐसे में इन बच्चों के सामने एक साथ मुसीबत आ गई है।अब सरकार ने इस बच्चों के लिए मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना की शुरुआत की है। इसके तहत चार हजार रुपये प्रति माह मिलेंगे। वहीं, सरकारी स्कूलों में पढ़ाई का खर्च भी सरकार उठाएगी। हालांकि, यह मदद के नाम पर काफी कम है। ऐसे में जनप्रतिनिधि व सामाजिक संस्थाओं की भी जिम्मेदारी है कि वह मदद को आगे आएं। जिले की ऐसे ही एक ईएचए नाम का एनजीओ मदद को आगे आया है। यह जिले भर के सभी कोरोना प्रभावित बच्चों के घर का सर्वे कर जरूरत के हिसाब से मदद करेगा। संस्था के प्रोजेक्ट आफिसर आशीष पाल ने बताया कि कोरोना प्रभावित कई परिवारों की संस्था मदद कर चुका है। कई परिवारों को आर्थिक मदद भी दी गई है। अब ऐसे बच्चों को भी चिन्हित कर हर संभव मदद की जाएगी।
सभी की है जिम्मेदारी
कोरोना से प्रभावित बच्चों को केवल आर्थिक मदद की ही जरूरत नहीं है, बल्कि इन्हें मानसिक संबल व समाज के स्नेह की भी पूरी दरकरार है। ऐसे में हम सभी की जिम्मेदारी है कि अगर हमारे आसपास कोई ऐसा बच्चा है तो हम उसको स्नेह जरूर दें। कोशिश करें उसको कम से कम ही अपने माता-पिता की कमी महसूस हो।