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Effect of Janata Curfew: अलीगढ़ में पाबंदियों से कारोबार का बज गया बैंड

कोरोना की दूसरी लहर थम सी गई है। मंगलवार से सभी ट्रेट के बाजार भी खुल चुके हैं। मगर शादी व अन्य वैवाहिक समारोह में कोविड प्रोटाेकाल व सख्त पाबंदियों के चलते कारोबार का बैंड बज गया है। व्यापारियों की उस मांग को भी नजअंदाज कर दिया गया

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Published: Thu, 03 Jun 2021 10:30 AM (IST)Updated: Thu, 03 Jun 2021 10:30 AM (IST)
Effect of Janata Curfew: अलीगढ़ में पाबंदियों से कारोबार का बज गया बैंड
कोरोना की दूसरी लहर थम सी गई है। मंगलवार से सभी ट्रेट के बाजार भी खुल चुके हैं।

अलीगढ़, जेएनएन। कोरोना की दूसरी लहर थम सी गई है। मंगलवार से सभी ट्रेट के बाजार भी खुल चुके हैं। मगर शादी व अन्य वैवाहिक समारोह में कोविड प्रोटाेकाल व सख्त पाबंदियों के चलते कारोबार का बैंड बज गया है। व्यापारियों की उस मांग को भी नजअंदाज कर दिया गया, जिसमें बर-वधु पक्ष के 25 मेहमानों जगह कम से कम 100 मेहमानों को शामिल करने की छूट मिल सके, पर ऐसा नहीं हो सका है। मैरिज होम, होटल, रिसोर्ट व फार्म हाउस में पसरा सन्नाटा नहीं टूट सका। साहलग का सीजन होने के चलते 150 करोड़ रुपये का शादी इंडस्ट्रीज कारोबार प्रभावित हुआ है।

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सरकार जगह के हिसाब से मेहमानों की संख्या तय करे

रात्रि कर्फ्यू लगने की कड़ी पाबंदी के चलते लोग एक दूसरे शहर के आवागमन से बच रहे हैं। उत्तर प्रदेश टैंट एंड डेकोरेशन एसोसिएशन के प्रदेश उपाध्यक्ष संजय मेहरोत्रा का कहना है कि शादी-समारोह में मेहमानों की संख्या तय होने व कोरोना प्रोटाेकाल के चलते मैरोज होम, फार्म हाउस व रिसोर्ट में बजने वाली शहनाई नहीं बज रहीं। सरकार जगह के हिसाब से मेहमानों की संख्या तय करे। ताकि बेरोजगार लोगों को रोजगार मिल सके। इस समय बग्गी व घुड़ चढ़ी वाले घोड़ों के लिए खाना तो दूर किसान के पास खुद के लिए बड़ी मुश्किलों से दो जून की रोटी जुटाई जा रही है।

सीएम से की गई पुरजोर मांग

उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल उत्तर प्रदेश अलीगढ़ की खैर रोड स्थित धर्मशाला में बैठक हुई। यहां टैंट टैन्ट, बैंक्विट हॉल, केटरर्स,हलवाई, बैंड बाजा व लाइट, डेकोरेशन वालों ने पिछले एक साल से माहमारी के चलते आर्थिक तंगी से जूझ रहे लोगों के दर्द को बयां किया। रायशुमारी के बाद एक ज्ञापन सीएम को भेजा गया है।व्यापार मंडल के प्रदेश उपाध्यक्ष व महानगर अध्यक्ष प्रदीप गंगा ने कहा कि सरकार ने अन्य बाजारों को खोल दिया है, शादी व वैवाहिक आयोजनों के लिए मात्र जून व जुलाई माह बचा है। इसके बाद साहलग नहीं होंगे। पिछले साहलग वंदिशो की भेंट चढ़ गए। इस तबके के साथ नाइंसाफी है। सरकार ने इस ओर ध्यान नहीं दिया तो कारोबारियों को साथ लेकर आंदोलन छेड़ने के लिए वाध्य होना पड़ेगा। बैठक में केटर्स ऐसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश गुप्ता, टैंट ऐसोसिएशन के महामंत्री योगेश गुप्ता, राजीव माहेश्वरी, सीवी गुप्ता, अभिषेक वाष्र्णेय, महेश चंद्र वघेल, प्रमोद कुमार, राकेश बजरंगी, महेश चंद्र आदि थे।

आवागमन प्रभावित होने से कपड़ा व रेडीमेड कारोबार बुरी तरह प्रभावित

मेहमानों की शादी व वैवाहिक आयोजनों में पाबंदियों के चलते दुल्हा व दुल्हन अपने दोस्तों को भी नहीं बुला पा रहे हैं। वहीं माता-पिता भी अपने बेटी व बेटा की शादी में निकटतम स्वजन को आमंत्रण नहीं दे रहे। लोग शादी समारोह में कम ही शामिल हो रहे हैं। इसका असर कपड़ा कारोबार व रेडीमेड गारमेंट्स कारोबार पर पड़ा है। शोरूम मालिक शशांक कहा कहना है कि दुल्हा व दुल्हन जब अपने मित्रों को शादी के लिए आमंत्रित करते थे, वे भी पार्टी में अपना अलग लुक दिखाने के लिए महंगे व ब्रांडेड परिधान खरीदते थे। अब ऐसा नहीं हो रहा। कारोबार की तो बैंड बज गई।


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