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पाबंदियों के साथ आनलाइन ट्रैक पर लौट रही शिक्षा, शिक्षण का रखा जाएगा ब्योरा

कोरोना संक्रमण के एक बार फिर बढ़ने से शिक्षा आनलाइन के ट्रैक पर फिर से चलने को मजबूर है। गुरुवार को जिले में कोरोना संक्रमितों के एक्टिव केस की संख्या 1000 के पार हाे गई है। इससे स्कूल-कालेजों के संचालन पर फिर से खतरा मंडरा रहा है।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Published: Fri, 14 Jan 2022 07:59 AM (IST)Updated: Fri, 14 Jan 2022 07:59 AM (IST)
पाबंदियों के साथ आनलाइन ट्रैक पर लौट रही शिक्षा, शिक्षण का रखा जाएगा ब्योरा
बीएसए सत्येंद्र कुमार ढाका ने बताया लर्निंग पासबुक शिक्षकों के लिए हितकर साबित होगी।

अलीगढ़़,जागरण संवाददाता।  कोरोना संक्रमण के एक बार फिर बढ़ने से शिक्षा आनलाइन के ट्रैक पर फिर से चलने को मजबूर है। गुरुवार को जिले में कोरोना संक्रमितों के एक्टिव केस की संख्या 1000 के पार हाे गई है। इससे स्कूल-कालेजों के संचालन पर फिर से खतरा मंडरा रहा है। स्थिति को भांपते हुए शासन ने पहले ही आनलाइन शिक्षण कार्य कराने के निर्देश जारी किए हैं। अब इस अानलाइन शिक्षण कार्य का ब्योरा भी शासनस्तर से सुरक्षित रखा जाएगा। 14 जनवरी तक कक्षा छह से आठवीं तक के स्कूलों में शीतकालीन अवकाश रखा गया है। अब इनको खोलकर विद्यार्थियों की आफलाइन माध्यम से पढ़ाई कराने पर शासन के आदेश का इंतजार किया जाएगा। अब होने वाले शिक्षण कार्य में शिक्षकों की पासबुक अहम रोल अदा करेगी। शिक्षकों के शिक्षण कार्य पर शासनस्तर से नजर रखी जा सकती है। हर शिक्षक की लर्निंग पासबुक रोजाना मानव संपदा पोर्टल पर अपलोड की जाएगी।

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ऐसे होगी आनलाइन शिक्षा

काेरोना काल का आनलाइन शिक्षा का वक्त हो या उसके बाद आफलाइन शिक्षा का समय हो, गुरुजी के शिक्षण का ब्योरा लर्निंग पासबुक में सुरक्षित रहेगा। हर शिक्षक की लर्निंग पासबुक बनाने का काम शुरू किया जा चुका है। शासनस्तर से निर्णय किया गया है कि शिक्षक को अपनी आनलाइन शिक्षण सामग्री का डेबिट-क्रेडिट एक क्लिक पर पता चल सके। दीक्षा एप के जरिए इस व्यवस्था को शुरू किया गया है। इस एप की हर गतिविधि को मानव संपदा पोर्टल पर दर्ज किया जाएगा। आनलाइन शिक्षण कार्य में सभी शिक्षकों को जुटना है। इस पर शासनस्तर से निगरानी भी होगी। इस एप पर शिक्षकों के लिए हर हफ्ते का कोर्स तैयार किया गया है। साथ ही विद्यार्थियों के लिए भी कोर्स तैयार किए गए हैं। डिजिटल डायरी की तर्ज पर काम करने वाली लर्निंग पासबुक से पता चलेगा कि शिक्षक ने अपने लिए तैयार कोर्स को कितना जाना है? क्या समझा है? और विद्यार्थी को उसमें से कितना व क्या पढ़ा पाए हैं? इसकी मदद से शिक्षक खुद अपनी प्रगति की समीक्षा कर उसे और बेहतर करने का प्रयास कर सकेंगे। बीएसए सत्येंद्र कुमार ढाका ने बताया कि, लर्निंग पासबुक शिक्षकों के लिए काफी हितकर साबित होगी। शिक्षा गुणवत्ता भी बढ़ेगी। हर शिक्षक की लर्निंग पासबुक तैयार कराने का काम जल्द पूरा कराया जा रहा है।


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