कोरोना पीड़ित व गर्भवती शिक्षिकाओं की नहीं कट रही ड्यूटी
विधानसभा चुनाव में बेसिक शिक्षा परिषद के उन शिक्षक-शिक्षिकाओं की ड्यूटी तक नहीं कट रही जो कोरोना संक्रमित है और कुछ गर्भवती हैं।
जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : विधानसभा चुनाव में बेसिक शिक्षा परिषद के उन शिक्षक-शिक्षिकाओं की ड्यूटी भी लगाई गई है जो गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं। ड्यूटी लगाने के मामले में प्रशासन पर लापरवाही बरतने के आरोप उत्तरप्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने लगाए हैं। उनका कहना है कि कोरोना पीड़ित व आठ महीने की गर्भवती शिक्षिका तक की ड्यूटी लगाई गई है। गुरुवार को पदाधिकारियों ने विरोध जताते हुए कलक्ट्रेट पर प्रदर्शन भी किया। मांग की कि जल्द से जल्द गंभीर समस्या से पीड़ित शिक्षकों की ड्यूटी हटाई जाए। अन्यथा शिक्षक आंदोलन को बाध्य होंगे।
शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष डा. प्रशांत शर्मा ने बताया कि चुनाव पूर्व माध्यमिक विद्यालय सिंहपुर बिजौली के शिक्षक ओंमकार सिंह की कोरोना रिपोर्ट पाजिटिव है। जिला अस्पताल का प्रमाणपत्र भी लगाया गया है। मगर उनकी ड्यूटी लगाई गई है। वहीं शिक्षिका आठ महीने की गर्भवती है उनकी भी ड्यूटी भी लगाई गई है। आवेदन के बावजूद ड्यूटी न काटकर चक्कर लगवाए जा रहे हैं। इसी तरह गंभीर दिव्यांग शिक्षक-शिक्षिकाओं की ड्यूटी भी नहीं काटी गई है। वहीं, दूसरी ओर उत्तरप्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के महामंत्री मुकेश कुमार सिंह व जिलाध्यक्ष कौशलेंद्र सिंह ने गंभीर बीमारी से पीड़ित, बीएलओ, सरकारी कर्मी पति-पत्नी दोनों में से एक की ड्यूटी लगाने, प्रसूति अवकाश वाली शिक्षिकाओं को ड्यूटी से मुक्त रखने की मांग उठाई। उन्होंने सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी कौशल कुमार को इस संबंध में ज्ञापन भी सौंपा है।
चुनाव ड्यूटी से इन्कार पर वेतन रोकने की कार्रवाई : विधानसभा चुनाव में बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षकों व शिक्षामित्रों की ड्यूटी भी लगाई गई है। मगर ड्यूटी लेने से इन्कार करना दो शिक्षिकाओं व एक शिक्षामित्र को महंगा पड़ा गया है। बीएसए स्तर से उनका वेतन व मानदेय रोकने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। चेतावनी दी गई है कि अगर जल्द ड्यूटी ज्वाइन नहीं की तो एफआइआर भी कराई जा सकती है।
बीएसए सतेंद्र कुमार ढाका ने बताया कि प्राथमिक विद्यालय मंजूरगढ़ी की सहायक अध्यापिका नगीना अंजुम, प्राथमिक विद्यालय नगौला की सहायक अध्यापिका गरिमा वाष्र्णेय और प्राथमिक विद्यालय नगौला की शिक्षामित्र अनुपम चौहान को ड्यूटी पत्र लेने से इन्कार करने का दोषी पाते हुए कार्रवाई की गई है। जब तक ये ड्यूटी पत्र प्राप्त नहीं करते तब तक सहायक अध्यापिकाओं का वेतन और शिक्षामित्र का मानदेय रोकने के आदेश जारी कर दिए हैं। अगर अभी भी ड्यूटी पत्र प्राप्त नहीं किया तो भविष्य में एफआइआर व अन्य कठोर कार्रवाई भी की जा सकती हैं। इसके जिम्मेदार शिक्षक खुद होंगे।