शिक्षकों पर दोहरी जिम्मेदारी, सिर्फ पढ़ाई कराने में ही नहीं कक्षा संवारने की आई जिम्मेदारी, जानिए मामला Aligarh news
कक्षा एक से आठ तक के सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षक शिक्षिकाओं को अब केवल बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी नहीं निभानी है। बल्कि उनको कक्षाओं को सवारने की जिम्मेदारी भी निभानी होगी। इसके साथ ही विद्यार्थियों को कैसे सही क्रम से कक्षा में बैठाया जाए?
अलीगढ़, जेएनएन। कक्षा एक से आठ तक के सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षक शिक्षिकाओं को अब केवल बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी नहीं निभानी है। बल्कि उनको कक्षाओं को सवारने की जिम्मेदारी भी निभानी होगी। इसके साथ ही विद्यार्थियों को कैसे सही क्रम से कक्षा में बैठाया जाए? यह भी व्यवस्था बनानी होगी। अभी ज्यादातर सरकारी स्कूलों में जो व्यवस्था है, उसके अनुसार बच्चे कक्षा में आते हैं और अपनी मनमर्जी से जिस सीट पर जाएं वहां बैठ जाते हैं। मगर अब कोरोना काल के बाद जब स्कूल खुलेंगे तो शिक्षक उनके बैठने की जगह व क्रम तय करेंगे। साथ ही कक्षाओं को संसाधनों से परिपूर्ण करने के तरीके भी अपनाएंगे।
पठन पाठन को प्रभावी बनाने के हर उपाय किए जा रहे
परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों, प्रधानाध्यापकों को कक्षा प्रबंधन, विद्यार्थियों को बैठाने के सही क्रम, कक्षाओं को संसाधनों से परिपूर्ण बनाने के तौर तरीके भी बताए जाएंगे। रोचक प्रस्ताव बनाना सिखाया जाएगा। यह प्रशिक्षण दीक्षा एप के जरिए आनलाइन होगा। परिषदीय स्कूलों के पठन पाठन को प्रभावी बनाने के हर उपाय किए जा रहे हैं। शिक्षकों के नवाचार पर जोर दिया जा रहा है। इसलिए ऐसी व्यवस्था बनाई जा रही है जिसके तहत प्रत्येक शिक्षक को शिक्षण अधिगम सामग्री का उपयोग बेहतर ढंग से करना बताया जाए। मिशन प्रेरणा के तहत शिक्षकों को उच्चतम प्रशिक्षण दिया जाएगा। शिक्षकों के साथ डायट के प्रधानाचार्य, बीएसए, खंड शिक्षाधिकारी, समन्वयक, अकादमिक रिसोर्स पर्सन, स्टेट रिसोर्स पर्सन, डायट मेंटर भी शामिल होंगे। यह प्रशिक्षण 31 जुलाई तक चलेगा।
इनका कहना है
प्रभारी बीएसए आलोक कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि शिक्षकों को गुणवत्तापरक शिक्षा व बच्चों को उनकी ओर से बेहतर शिक्षा का माहौल उपलब्ध कराने के लिए शासन स्तर से तमाम प्रयास किए जा रहे हैं। शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम भी किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में यह नई व्यवस्था भी बनाई जा रही है।