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निजी अस्पताल व क्लीनिकों में दवा बिक्री पर रहेगी नजर, ऐसे होगी कार्रवाई Aligarh news

प्राइवेट क्लीनिक व हॉस्पिटल में खुले मेडिकल स्टोरों पर जल्द ही छापेमारी होगी। डॉक्टर ने जो दवाएं मरीज को लिखी हैं यदि वे बाहर किसी स्टोर पर नहीं मिलीं तो स्टोर को बंद कराया जाएगा

By Sandeep SaxenaEdited By: Published: Sat, 14 Sep 2019 09:55 AM (IST)Updated: Mon, 16 Sep 2019 10:55 AM (IST)
निजी अस्पताल व क्लीनिकों में दवा बिक्री पर रहेगी नजर, ऐसे होगी कार्रवाई Aligarh news
निजी अस्पताल व क्लीनिकों में दवा बिक्री पर रहेगी नजर, ऐसे होगी कार्रवाई Aligarh news

अलीगढ़ (जेएनएन)। प्राइवेट क्लीनिक व हॉस्पिटल में खुले मेडिकल स्टोरों पर जल्द ही छापेमारी होगी। डॉक्टर ने जो दवाएं मरीज को लिखी हैं, यदि वे बाहर किसी स्टोर पर नहीं मिलीं तो स्टोर को बंद कराया जाएगा। संचालक पर भी कार्रवाई होगी। औषधि आयुक्त ने कड़े दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

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ये है खेल

सरकार की मंशा के विपरीत प्राइवेट क्लीनिक, हॉस्पिटल व नर्सिंग होम में इलाज महंगा हो रहा है। मोटे कमीशन के फेर में डॉक्टरों ने लैब ही नहीं, हॉस्पिटल में मेडिकल स्टोर तक खोल लिए हैं। यहां फीस, जांच के साथ दवा के नाम पर भी मरीजों से मोटी वसूली हो रही है। इन मेडिकल स्टोरों पर केवल वही दवाएं उपलब्ध होती हैं, जो यहां का डॉक्टर लिखते हैं। मरीज दवा का पर्चा लेकर बाहर दूसरे मेडिकल स्टोर पर पहुंच जाए तो वहां मिलती नहीं है। वजह, कंपनी व डीलर के जरिये केवल उसी स्टोर पर ही दवा की आपूर्ति की जा रही है। मरीज महंगी दवाएं खरीदने को मजबूर हो रहे हैं।

बिना फार्मेसिस्ट के संचालन

सूत्रों के अनुसार प्राइवेट क्लीनिक-हॉस्पिटल में खुले ज्यादातर मेडिकल स्टोर नियम विरुद्ध चल रहे हैं। कहीं फार्मेसिस्ट नहीं है तो कहीं पर लाइसेंस नहीं। पता चला है कि डॉक्टरों ने विभाग में ही जुगाड़ कर थोक दवा बिक्री का लाइसेंस ले लिया है, जिसके लिए फार्मेसिस्ट की अनिवार्यता नहीं है।

अब होगी कार्रवाई

औषधि अनुज्ञापन व नियंत्रण प्राधिकारी एके जैन ने सभी सहायक आयुक्त व औषधि निरीक्षकों को लिखे पत्र में कहा है कि डॉक्टर द्वारा लिखी दवा वहीं के मेडिकल स्टोर पर ही उपलब्ध होने से मरीजों को परेशानी होती है। निरीक्षण कर सुनिश्चित किया जाए कि दवा बाहर के मेडिकल स्टोर पर भी उपलब्ध हो। यदि कोई निर्माता या डीलर केवल ऐसे विशेष मेडिकल स्टोर पर ही दवा आपूर्ति कर रहे हैं तो दोनों के खिलाफ ड्रग प्राइज कंट्रोल ऑर्डर-2013 के तहत कार्रवाई की जाए। इसके लिए स्थानीय अधिकारियों को इच्छाशक्ति दिखानी पड़ेगी।

सख्त होगी कार्रवाई

औषधि निरीक्षक हेमेंद्र चौधरी ने बताया कि क्लीनिक-हॉस्पिटल में खुले मेडिकल स्टोर पर दवा बिक्री की जांच शुरू कर दी है। कहीं ऐसे मामला सामने आया तो कड़ी कार्रवाई होगी। औषधि एक आवश्यक वस्तु है, जिसकी सर्वसुलभ उपलब्धता अनिवार्य है।

लुट रहे हैं मरीज

रिटेलर्स केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के महामंत्री उमेश श्रीवास्तव का कहना है कि औषधि निरीक्षक ने तीन बार ज्ञापन देने के बाद भी क्लीनिक-हॉस्पिटल में बिना लाइसेंस खुले मेडिकल स्टोरों पर कार्रवाई नहीं की। इसका मतलब जनता सब समझ रही है। दवा के नाम पर यहां मरीजों को लूटा जा रहा है।


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