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अलीगढ़ में महायोजना का ड्राफ्ट तैयार, 29 को लगेगी अंतिम मुहर, होंगे ये फायदे

अलीगढ़ विकास प्राधिकरण की ओर से महायोजना 2031 का ड्राफ्ट बनकर तैयार हो गया है। 29 नवंबर को इसके लिए शासन स्तर पर बैठक होगी। इसमें नई महायोजना के फाइनल ड्राफ्ट काे प्रस्तुत किया जाएगा। इस पर विचार विमर्श के बाद अंतिम मुहर लगेगी।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Published: Sat, 27 Nov 2021 01:18 PM (IST)Updated: Sat, 27 Nov 2021 01:18 PM (IST)
अलीगढ़ में महायोजना का ड्राफ्ट तैयार, 29 को लगेगी अंतिम मुहर, होंगे ये फायदे
अलीगढ़ विकास प्राधिकरण की ओर से महायोजना 2031 का ड्राफ्ट बनकर तैयार हो गया है।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता। अलीगढ़ विकास प्राधिकरण की ओर से महायोजना 2031 का ड्राफ्ट बनकर तैयार हो गया है। 29 नवंबर को इसके लिए शासन स्तर पर बैठक होगी। इसमें नई महायोजना के फाइनल ड्राफ्ट काे प्रस्तुत किया जाएगा। इस पर विचार विमर्श के बाद अंतिम मुहर लगेगी। पहली बार महायोजना 10 साल के लिए बन रही है। महायोजना के लिए पहले यह बैठक 24 सितंबर काे प्रस्तावित थी, लेकिन शासन स्तर से इसे आगे बढ़ा दिया गया। 20 साल की जगह काफी दिनों बाद 10 साल के लिए महायोजना बन रही है।

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महायोजना से शहर में आएगा बदलाव

2008 से पहले अलीगढ़ विकास प्राधिकरण का दायरा 4482 हेक्टेयर था। इनमें एक नगर निगम, एक नगर पंचायत व 203 गांव शामिल थे। 2001 से 2021 तक की महायोजना भी इसी दायरे के हिसाब से बनाई गई। आठ फरवरी 2008 को जारी नए गजट में 407 गांव व तीन नगर पंचायतों को और प्राधिकरण क्षेत्र में शामिल किया गया, लेकिन इन गांवों के क्षेत्र को कृषि भूउपयोग व आवासीय क्षेत्रफल को बढ़ाया गया है। इसे बनाने की जिम्मेदारी आल इंडिया इंस्टीट्यूट आफ सेल्फ गवर्नमेंट को मिली है। इस कंपनी ने शुरुआत में प्राधिकरण क्षेत्र का सर्वे किया। लोगों से बातचीत की। अफसरों के साथ बैठक की गईं। अब नई महायोजना का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। दो दिन पहले प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में इसे प्रस्तुत किया गया। सभी ने इसमें राय भी। कुछ भू उपयोग परिर्वतन के लिए मामलों को शामिल कराया। अब 29 नवंबर को शासन स्तर पर इसके लिए एक बैठक हो रही हैं, इसमें ड्राफ्ट पर अंतिम मुहर लगेगी। इसमें नोएडा से सटे गांव तक को शामिल किया गया है। एडीए के प्रभारी सचिव अर्जुन सिंह तोमर ने बताया कि नई महायोजना में में रिंग रोड, जल निकासी को बड़े नाले, ड्रेन, पेयजल के लिए पानी आपूर्ति, नगर पंचायतों व कस्बों को शामिल किया है। आवासीय के साथ ही औद्योगिक क्षेत्रफल को भी बढ़ाया गया है। शासन स्तर पर अंतिम मुहर लगने के बाद इस महायोजना पर दावे एवं आपत्तियां मांगे जाएंगे। इसके बाद अंतिम मुहर लगेगी। उन्होंने बताया कि नई महायोजना से शहर में बदलाव आएगा।


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