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एएमयू की राह पर चली डा. भीमराव आंबेडकर यूनिवर्सिटी, छात्रों को दी राहत, जानिए मामला Aligarh news

डा. भीमराव आंबेडकर यूनिवर्सिटी आगरा (आगरा यूनिवर्सिटी) ने भी अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) की तर्ज पर चलने का फैसला किया है। कोरोना संक्रमण काल में शिक्षकों व विद्यार्थियों समेत हर वर्ग को परेशानियों का सामना करना पड़ा है।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Thu, 03 Jun 2021 03:43 PM (IST)Updated: Thu, 03 Jun 2021 03:43 PM (IST)
एएमयू की राह पर चली डा. भीमराव आंबेडकर यूनिवर्सिटी, छात्रों को दी राहत, जानिए मामला Aligarh news
डा. भीमराव आंबेडकर यूनिवर्सिटी आगरा ने भी अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) की तर्ज पर चलने का फैसला किया है।

अलीगढ़, जेएनएन ।  डा. भीमराव आंबेडकर यूनिवर्सिटी आगरा (आगरा यूनिवर्सिटी) ने भी अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) की तर्ज पर चलने का फैसला किया है। कोरोना संक्रमण काल में शिक्षकों व विद्यार्थियों समेत हर वर्ग को परेशानियों का सामना करना पड़ा है। चाहें वो इंटरनेट कैफे की मदद से आवेदन करने की प्रक्रिया हो या कोई प्रोजेक्ट सबमिट करने का प्रकरण हो। कोरोना संक्रमण काल के चलते हर गतिविधि पर ब्रेक लगा है। इसलिए छात्रहित में जिस तरह एएमयू ने छात्रों व शोधार्थियों के लिए फैसला किया उसी तरह आगरा यूनिवर्सिटी ने भी छात्र व शोधार्थी हित में फैसला किया है। यह राहत भरी व्यवस्था कुलपति प्रो. अशोक मित्तल की ओर से छात्रहित में की गई है। इससे जिले समेत विश्वविद्यालय से संबद्ध हर कालेज के विद्यार्थी को राहत मिलेगी। यह जानकारी डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा की जनसंपर्क अधिकारी डा. सुनीता गुप्ता ने दी है।

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पीएचडी और एमफिल करने वाले शोधार्थियों पर निर्णय

डा. सुनीता गुप्ता ने बताया कि महत्वपूर्ण निर्णय पीएचडी और एमफिल करने वाले शोधार्थियों के लिए हुआ है। अब वे अपना शोध प्रबंध या लघु शोध प्रबंध 31 दिसंबर 2021 तक बिना अतिरिक्त शुल्क या अनुमति के जमा कर सकते हैं। बताया कि वर्ष 2013 के अध्यादेशों के तहत शोध कर रहे लगभग 300 शोधार्थी ऐसे हैं, जिनका शोध प्रबंध जमा करने का समय पूर्ण हो गया है। मगर कोरोना से उत्पन्न परिस्थितियों के कारण वे अपना शोध प्रबंध जमा नहीं कर पा रहे हैं । ऐसे सभी शोधार्थी बिना किसी औपचारिकता और अतिरिक्त शुल्क के अब 31 दिसंबर 2021 तक अपना शोध प्रबंध जमा कर सकते हैं। ऐसी ही राहत एएमयू की ओर से भी शोधार्थियों के लिए कुछ दिनों पहले की जा चुकी है। अधिष्ठाता शोध प्रो. अजय तनेजा की ओर से ये प्रस्ताव विद्या परिषद में रखा गया था, जिसे स्वीकार कर लिया गया है।

वेबसाइट पर 38 विषयों के पाठ़यक्रम अपलोड

डा. सुनीता ने बताया कि इसके अलावा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुपालन में आगामी सत्र 2021-22 से सभी विश्वविद्यालयों में स्नातक स्तर पर नवीन पाठ्यक्रम को लागू किया जाना है। शासन की ओर से प्रत्येक विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर 38 विषयों के पाठ्यक्रम अपलोड भी कर दिए गए हैं। शासन की ओर से भेजे गए संपूर्ण पाठ्यक्रम में से प्रथम वर्ष के यानी प्रथम और द्वितीय सेमेस्टर के पाठ्यक्रम को ही अनुमोदन प्रदान किया है। आगामी सत्र में इन विषयों के अध्ययन व अध्यापन के बाद फिर से बोर्ड आफ स्टडीज की बैठकें की जाएंगी, जिनमें द्वितीय और तृतीय वर्ष के पाठ्यक्रम को स्वीकृति प्रदान की जाएगी।


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