अलीगढ़ में गोमाता के लिए बनेगी दो मंजिला इमारत
शहर की 80 वर्ष पुरानी नगला मसानी स्थित पंचायती गोशाला कमेटी के पदाधिकारियों ने यहां मौजूद गोशाला को दो मंजिला करने का फैसला किया है।
अलीगढ़ (राजनारायण सिंह): शहर की घनी आबादी व पुराने मोहल्लों में गलियां सिकुड़ती जा रही हैं, जबकि सड़कें गली में सिमटकर रह गई हैं। पुराने मोहल्लों में तो पांव फैलाने तक को जगह मिलना मुश्किल हो रहा है। ऐसे में शहर के बीचों-बीच गोशालाओं में रह रही गोमाता के लिए संकट आ गया है। गोशालाओं में भी जगह नहीं रह गई है। इसको देखते हुए शहर की 80 वर्ष पुरानी नगला मसानी स्थित पंचायती गोशाला कमेटी के पदाधिकारियों ने एक नायाब तरीका निकाला है। वह गोशाला को डबल स्टोरी बनवा रहे हैं, जिसपर 300 के करीब और गोवंश आराम से रह सकेंगे। खासकर बछड़ों को डबल स्टोरी पर रखा जाएगा, जिससे उन्हें चढ़ने-उतरने में दिक्कत न हो।
1937 में खोली गई थी गोशाला: आलीशान होगी डबल स्टोरी: गोशाला की संयोजिका कृष्णा गुप्ता बताती हैं कि डबल स्टोरी आलीशान होगी। ऊपर की स्टोरी इंजीनियर से डिजाइन करवाई गई है। इसलिए गोवंश को चढ़ने के लिए खुदरा स्लेप बनवाया जा रहा है, जिससे चढ़ने-उतरने में वह फिसले न। ऊपरी सतह होने के चलते गर्मी पड़ेगी। इसलिए ऊपर पंखा व कूलर लगवाए जाएंगे। सीसीटीवी कैमरे लगेंगे।
ओपीडी की भी व्यवस्था: डबल स्टोरी बनने के बाद गोशाला में 700 से ज्यादा गोवंश हो जाएंगे। इनके लिए ओपीडी की व्यवस्था की जा रही है। एक पशु चिकित्सक प्रतिदिन सुबह आठ से 11 बजे तक ओपीडी में बैठेंगे।
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36 गोवंश से 450 तक पहुंचे: वर्ष 2010 तक गोशाला की स्थिति कुछ ठीक नहीं थी। मात्र 36 गोवंश ही थे। इसी वर्ष गोभक्त कृष्णा गुप्ता इस गोशाला से जुड़ गईं। गोशाला में गायों की अच्छे से सेवा करने लगीं। इसे देखते हुए दानदाता आगे आने लगे। फिर कट्टीघर को ले जाई जा रहीं गायों को लोग छुड़ाकर लाते और गोशाला में छोड़ जाते। घायल गाय-बछड़े भी यहां लोग ले आने लगे। गोशाला में गोवंश बढ़ते चले गए। इस समय 450 गोवंश हैं। जिसमें 50 के करीब गाय घायल हैं। कुछ अंधी हैं तो बछड़ों के पांव आदि नहीं हैं।
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