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तीन वर्ष उम्र पूरी होते ही बच्चे के लिए खुल जाएंगे बालवाटिका के द्वार, जानिए मामला

तीन वर्ष आयु पूरी होने पर ही अब बच्चों के लिए आंगनबाड़ी या बालवाटिका के द्वार खुल जाएंगे। ये व्यवस्था नई शिक्षा नीति-2020 की सिफारिशों के चलते बनाई गई है। उच्च शिक्षा में नई शिक्षा नीति के तहत कार्ययोजना क्रियान्वयन करने की शुरुआत भी कर दी गई है।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Published: Tue, 18 Jan 2022 04:21 PM (IST)Updated: Tue, 18 Jan 2022 04:21 PM (IST)
तीन वर्ष उम्र पूरी होते ही बच्चे के लिए खुल जाएंगे बालवाटिका के द्वार, जानिए मामला
बीएसए सतेंद्र कुमार ढाका ने कहा कि नई शिक्षा नीति का पालन किया जाएगा।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता। तीन वर्ष आयु पूरी होने पर ही अब बच्चों के लिए आंगनबाड़ी या बालवाटिका के द्वार खुल जाएंगे। ये व्यवस्था नई शिक्षा नीति-2020 की सिफारिशों के चलते बनाई गई है। उच्च शिक्षा में नई शिक्षा नीति के तहत कार्ययोजना क्रियान्वयन करने की शुरुआत भी कर दी गई है। अब बेसिक स्तर से इस अमल की शुरुआत की जाएगी। संभावना है कि नए सत्र से इस व्यवस्था पर काम किया जाना शुरू हो जाएगा। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के जरिए स्कूली शिक्षा के ढांचे में बदलाव की जो सिफारिशें की गई थीं, उन सभी पर अमल तेजी से शुरू हो गया है। इनमें जो अहम बदलाव है, वह स्कूली शिक्षा के पाठ्यक्रम को 10 प्लस टू के पैटर्न से निकालकर फाइव प्लस थ्री प्लस थ्री प्लस फोर के पैटर्न पर ले जाने का है।

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यह है नई शिक्षा नीति

सरकार की अोर से नई व्यवस्था को लागू करने व लक्ष्य को हासिल करने के लिए इसी वर्ष से इस पर अमल करने की योजना बनाई गई है। स्कूली पाठ्यक्रम को नए सिरे से गढ़ने पर भी जोर दिया जा रहा है। जिससे विद्यार्थियों में रटने की प्रवृत्ति और शिक्षकों में भी पूर्व नियोजित तरीके से पढ़ाने की प्रवृत्ति खत्म होगी। सरकार की ओर से नेशनल कैरीकुलम फ्रेमवर्क (एनसीएफ) के लिए जो विशेषज्ञ टीम बनाई है, उसके मुखिया भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व प्रमुख और देश के वरिष्ठ विज्ञानी के. कस्तूरी रंगन को बनाया गया है। इनके निर्देशन में ही नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को तैयार किया गया है। नई शिक्षा नीति में स्थानीय विषय वस्तु और भाषा को प्रमुखता से शामिल करने की सिफारिश भी की गई है। नई शिक्षा नीति के तहत सरकार ने फाइव प्लस थ्री प्लस थ्री प्लस फोर का पैटर्न लागू करने की योजना बनाई है। अभी 10 प्ल्स 2 की व्यवस्था लागू है। मगर नया पैटर्न फाइव प्लस थ्री प्लस थ्री प्लस फोर का है। इसके तहत तीन साल की उम्र से ही बच्चों को शिक्षा से जोड़ा जाएगा। यानी अब जैसे ही बच्चा तीन साल का होगा, उसे आंगनबाड़ी या बालवाटिका में प्रवेश दिया जाएगा।

सकारात्‍मक कदम

बीएसए सतेंद्र कुमार ढाका ने कहा कि नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के संबंध में शासन से जो भी निर्देश प्राप्त होंगे उनका कड़ाई व तत्परता से पालन किया जाएगा। नई शिक्षा नीति विद्यार्थियों के लिए काफी हितकर साबित होगी। इसमें बचपन से ही कुछ करके सीखने की प्रवृत्ति विद्यार्थियों में जागृत होगी। साथ ही छोटी उम्र से ही रोजगारपरक शिक्षा की व्यवस्था भी सकारात्मक कदम है।


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