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महायोजना 2031 का डोर टू डोर सर्वे शुरू, स्वास्थ्य सेवाओं पर फोकस Aligarh news

शहर भर में डोर टू डोर जाकर सर्वे किया जा रहा है। इसमें 2008 में बढ़े दायरे में आए 407 गांव को व तीन नगर पंचायतों को भी शामिल किया है।

By Parul RawatEdited By: Published: Wed, 19 Aug 2020 09:56 AM (IST)Updated: Wed, 19 Aug 2020 10:20 AM (IST)
महायोजना 2031 का डोर टू डोर सर्वे शुरू, स्वास्थ्य सेवाओं पर फोकस Aligarh news
महायोजना 2031 का डोर टू डोर सर्वे शुरू, स्वास्थ्य सेवाओं पर फोकस Aligarh news

अलीगढ़, जेएनएन। महायोजना 2031 का इंतजार कर लोगों के लिए अच्छी खबर है। दिल्ली की निजी एजेंसी ऑल इंडिया सेल्फ  गर्वमेंट  ने यहां सर्वे का काम शुरू कर दिया है। शहर भर में डोर टू डोर जाकर सर्वे किया जा रहा है। इसमें 2008 में बढ़े दायरे में आए 407 गांव को व तीन नगर पंचायतों को भी शामिल किया है। कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए इस बार स्वास्थ्य सेवाओं पर प्राधिकरण का सबसे अधिक फोकस है। जनवरी 2021 तक महायोजना तैयारी होनी है।

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शहर में सुनियोजित विकास की जिम्मेदारी एडीए की है। प्राधिकरण हर साल 20 साल बाद महायोजना बनाता है। इसमें पूरे क्षेत्र में व्यवसायिक, आवासीय, औद्योगिक समेत अन्य क्षेत्र तय होते हैं। अब तक दो महायोजना लागू हो चुकी है। इनमें पहली महायोजना 1980 से 2000 तक थी। दूसरी 2001 से 2021 तक है। अब पहली बार प्रदेश सरकार 10 साल के लिए महायोजना बनवा रही है। यह महायोजना 2021 से लेकर 2031 तक लागू होगी।

कंपनी को जिम्मेदारी

प्रस्तावित महायोजना के बाद शासन स्तर से समग्र महायोजना 2031 तैयार कराई जा रही है। इसमें बढ़ा दायरा भी शामिल होगा। इस काम की जिम्मेदारी ऑल इंडिया ऑफ सेल्फ गवर्नमेंट को दिया गया है। इस कंपनी ने  जीआईसी  सर्वे का काम पूरा कर लिया है। अब डोर टू डोर सर्वे शुरू किया है। 15 दिन पहले इसकी शुरुआत हो गई है। इसमें जमीनों का भौतिक  सत्यान  किया जा रहा है। किस जमीन पर क्या निमार्ण है, इसका सत्यापन हो रहा है किन इलाकों में क्या जरूरत है, यह भी तय हो रहा है।

610 हो जाएगी गांवों की संख्या

नई महायोजना में  गभाना  तहसील के 152, कोल के 125,खैर के 83,  इगलास  के 26 और अतरौली के 17 गांव शामिल होंगे। 203 गांव पहले से हैं। अब गांवों की संख्या 610 हो जाएगी। इनमें  भूउपयोग  तय होगा। कौडिय़ागंज,  पिलखना  व  जलाली  नगर पंचायत के लिए भी महायोजना बनेगी।

फायदे के साथ नुकसान भी

महायोजना में आने वाले क्षेत्र के लोगों को फायदे के साथ घाटा भी होगा। फायदा यह हो कि तेजी से विकास होगा।  सड़क  व पार्क बनेंगे।  भूउपयोग  बदलने पर फैक्ट्री लग सकेंगी। जमीन के दाम बढ़ेंगे। घाटा यह होगा कि कोई भी व्यक्ति अपनी इच्छा से निर्माण नहीं कर सकेगा। प्राधिकरण के हिसाब से ही निर्माण होगा। मनमोहन चौधरी, एडीए वीसी का कहना है कि महायोजना के लिए शासन स्तर से तय निजी एजेंसी ने डोर टू डोर सर्वे शुरू कर दिया है। इसमें टीमें पूरे शहर में भ्रमण कर निर्माण का भौतिक  सत्यान  कर रही है। जनवरी 2021 तक महायोजना तैयार होनी है। पहली बार 10 साल के लिए महायोजना बन रही है।


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