Hello Doctor : प्लेटलेट्स गिरने से घबराएं नहीं, 20 फीसद रोगियों को ही जोखिम Aligarh news
इन दिनों मौसमी बुखार के साथ डेंगू का प्रकोप बहुत ज्यादा है। डेंगू में प्लेटलेट्स गिरते ही मरीज व उसका परिवार काफी डर जाता है जो ठीक नहीं। सीवियर डेंगू जिसमें ब्लीडिंग के बाद मरीज की शाक में पहुंचने से मृत्यु हो जाती है।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता । इन दिनों मौसमी बुखार के साथ डेंगू का प्रकोप बहुत ज्यादा है। डेंगू में प्लेटलेट्स गिरते ही मरीज व उसका परिवार काफी डर जाता है, जो ठीक नहीं। सीवियर डेंगू, जिसमें ब्लीडिंग के बाद मरीज की शाक में पहुंचने से मृत्यु हो जाती है, ऐसे 80 फीसद मामलों में प्लेटलेट्स की भूमिका नहीं होती। केवल 20 फीसद मामलों में ही प्लेटलेट्स गिरने से ब्लीडिंग या अन्य गंभीर लक्षण उभरते हैं। इसलिए डरने की बजाय लक्षण दिखते ही उपचार कराएं। यह सलाह शहर के रामघाट रोड स्थित मैक्सफोर्ट हास्पिटल एंड इंस्टीट्यूट आफ चाइल्ड हेल्थ के निदेशक व सीनियर चाइल्ड स्पेशलिस्ट डा. चितरंजन सिंह ने दी। वह बुधवार को दैनिक जागरण के‘हेलो डाक्टर’ कार्यक्रम में आमंत्रित किए थे। डा. चितरंजन ने कहा, समय पर उपचार न कराने पर ही यह बीमारी घातक रूप लेती है। डेंगू को लेकर काफी लोगों ने अपनी शंका का समाधान किया। डाक्टर साहब ने यह भी स्पष्ट किया कि इस बार सीवियर डेंगू के मामले पहले की अपेक्षा में काफी कम हैं।
दो माह के बेटे को लगातार सर्दी है। आए दिन बुखार चढ़ जाता है।
- मो. अफसर, भुजपुरा।
कई बार घर में धुआं या अन्य प्रकार के प्रदूषण से बच्चों की सांस नली अवरुद्ध हो जाने से ऐसी समस्या हो जाती है। एक-एक घंटे के अंतर पर उसकी नाक में नेजल ड्राप डालें। फिर भी समस्या हो तो नजदीकी बाल रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें।
10 माह का बेटा नाक व कानों को खुजाता रहता है। सर्दी भी जल्दी हो जाती है।
- मदनलाल सिंहल, इगलास।
बच्चे की रोग-प्रतिरोधक क्षमता कम होने से उसे एलर्जी की समस्या रहती है। 10-15 दिन एंटी एलर्जिक व अन्य दवा चलेंगी तो वह ठीक हो जाएगा। परेशानी ज्यादा हो तो डाक्टर को दिखा लें।
सात माह के बेटे को खांसी रहती है। दूध भी पलट देता है।
- शेखर गुप्ता, खैर रोड।
सर्दी होने पर बच्चों को गैस-कब्ज की समस्या हो जाती है। उसे दूध पिलाने के बाद थपकी जरूर दें, डकार दिलाएं। खांसी के लिए भपारा दें। लाभ मिलेगा।
बच्चों को डेंगू से कितना खतरा है।
- मुख्तयार सिंह, भवानीपुर।
डेंगू से बच्चों को ही सर्वाधिक खतरा है। क्योंकि, वे खुद मच्छरों से बचाव नहीं कर सकते, उनका ख्याल आपको ही रखना है। उन्हें पूरी आस्तीन के कपड़े पहनाएं। दिन में भी रूम के अंदर लिक्विड मशीन चालू रखें या बिना धुएं वाली क्वाइल लगा सकते हैं। शरीर के खुले हिस्सों पर मच्छरनाशक क्रीम भी लगा सकते हैं। रात में मच्छरदानी का प्रयोग करें। घर व पड़ौस में पानी इकट्ठा न होने दें। यदि जलभराव या मच्छरों का प्रकोप ज्यादा हो तो स्वास्थ्य अथवा मलेरिया विभाग को सूचित करें। विभागीय टीमें लगातार लोगों को जागरूक करते हुए लार्वा रोधी कार्रवाई कर रही हैं।
बेटी का बुखार नहीं टूट रहा। 15 दिन से अधिक हो गए हैं। सिर व हाथ-पैर में दर्द भी रहता है।
- भूप सिंह, बीमा नगर।
मौसमी बुखार चार-पांच दिन से ज्यादा नहीं रहता। बच्ची को दूसरी कोई गंभीर समस्या हो सकती है। देर न करें, विशेषज्ञ से संपर्क कर जांच कराएं।
पांच व तीन वर्षीय दो बेटे हैं। कई दिनों से बुखार नहीं टूट रहा। सिर भी गरम हो जाता है।
- मुस्तफा, नई बस्ती।
नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर दोनों की डेंगू, मलेरिया व खून की अन्य जांच कराएं। फिलहाल, बुखार को कोई सीरप पिलाएं। गुनगुने पाने में हल्का नमक डालकर पिलाएं। आराम मिलेगा।
इन्होंने लिया परामर्श
जयगंज से रंजना देवी, आवास विकास से नीरज गुप्ता, प्रतिभा कालोनी से दीपक, छर्रा से लक्ष्मी देवी, सारसौल से प्रताप सिंह, बरौला से उसमान, एडीए कालोनी से जेपी शर्मा, चंडौस से आकांक्षा, क्वार्सी से प्रेमपाल, लेखराज नगर से सतीश कुमार, एमए नगर से जरीना बेगम, रामबाग कालोनी से प्रवेश गुप्ता आदि।
डेंगू के लक्षण
- - त्वचा पर चकत्ते, तेज सिर दर्द
- - पीठ दर्द, जोड़ों में दर्द, आंखों में दर्द
- - तेज बुखार, मसूड़ों से खून बहना
- - नाक से खून बहना
- - उल्टी, डायरिया