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Deepotsav : जीवन में उमंग और उत्‍साह लाता है दीपोत्‍सव

अखिल भारतीय कायस्थ महासभा (महिला) की ओर से दीपोत्सव उत्साह के साथ मनाया गया। गीत-संगीत से भरे कार्यक्रम का सभी ने आनंद उठाया। डा. दिव्या लहरी ने कहा कि दीपोत्सव हमारे जीवन में उमंग और उत्साह लाता है।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Sun, 21 Nov 2021 07:25 AM (IST)Updated: Sun, 21 Nov 2021 07:45 AM (IST)
Deepotsav : जीवन में उमंग और उत्‍साह लाता है दीपोत्‍सव
अखिल भारतीय कायस्थ महासभा (महिला) की ओर से दीपोत्सव उत्साह के साथ मनाया गया।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता। अखिल भारतीय कायस्थ महासभा (महिला) की ओर से दीपोत्सव उत्साह के साथ मनाया गया। गीत-संगीत से भरे कार्यक्रम का सभी ने आनंद उठाया। डा. दिव्या लहरी ने कहा कि दीपोत्सव हमारे जीवन में उमंग और उत्साह लाता है। यह प्रकाश का पर्व है। हमें सेवा को संकल्प की तरह लेना चाहिए, जिससे समाज के सभी लोगों को आगे बढ़ने में मदद मिले।

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दीपक हमारे घर आंगन को खुशियों से भर देता है

डा. ममता, प्रतिमा व साधना श्रीवास्तव ने कहा कि दीपक हमारे घर आंगन को खुशियों से भर देते हैं। अध्यक्ष अर्चना कुलश्रेष्ठ व सचिव नीरजा कुलश्रेष्ठ ने कहा कि बढ़ते प्रदूषण के खिलाफ भी हमें मुहिम चलानी होगी। शालिनी कुलश्रेष्ठ ने कविता सुनाई। रंगोली प्रतियोगिता में पूनम धीरेंद्र व शालिनी कुलश्रेष्ठ ने बाजी मारी। समयबद्धता पुरस्कार सुनीता, सारिका सक्सेना, श्रद्धा कुलश्रेष्ठ, साधना, प्रतिमा श्रीवास्तव को मिला। गायन में श्रद्धा कुलश्रेष्ठ, सारिका, शिल्पी सक्सेना ने पुरस्कार प्राप्त किया। दीप्ति, सुनीता ,शिल्पी ,डिंपल, साधना श्रीवास्तव, दीप्ति सक्सेना, श्रद्धा, तनुजा, शालिनी कुलश्रेष्ठ आदि थीं।

भक्ति और भाव का मिश्रण हैं कन्हैया

अलीगढ़ । शिवालिक गंगा फेस-तीन स्वर्ण जयंती नगर इस समय तीर्थनगरी में परिवर्तित हो गया है। श्रीमद्भागवत महापुराण एवं नारायण यज्ञ में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होकर लाभ उठा रहे हैं। शनिवार को आचार्य राघवेंद्र कृष्ण महाराज ने भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का भावपूर्ण वर्णन किया। आचार्य ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण का जीवन हमें भक्ति के साथ ही जीवन जीने की कला भी सिखाता है। सच में भक्ति और भाव का मिश्रण हैं कन्हैया। श्रीकृष्ण नंदगांव से वृंदावन धाम पहुंचे यहां हर कोई आनंदित हो उठा। प्रभु ने रास रचाया तो देवता भी देखने को दौड़ पड़े। इसके बाद कंस के वध के लिए मथुरा प्रस्थान कर गए। कन्हैया से बिछुड़ते ग्वाल-बाल सब व्याकुल हो उठे। प्रभु ने मथुरा में कंस का वध करके राजा उग्रसेन का राजतिलक किया। कथा के समय भजन पर श्रद्धालु भक्ति रस में डूब गए। इस मौके पर कोल विधायक अनिल पराशर ने आचार्य का माल्यार्पण किया। राजबहादुर ने ठाकुरजी का पूजन किया। मनोज अग्रवाल (भट्टे वाले) ने आरती की। मुख्य यजमान विकास चौधरी एवं विजय लक्ष्मी परिवार सहित आरती में शामिल हुए।


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