जिला क्षय रोग अधिकारी बोले, सर्दी से बचकर निमोनिया से करें बचाव Aligarh News
सर्दी का मौसम दस्तक देते ही निमोनिया का खतरा बढ़ जाता है | निमोनिया को लोग आमतौर पर साधारण स्वास्थ्य समस्या मानते हैं लेकिन यह समस्या इतनी भी साधारण नहीं है। गंभीर स्वास्थ्य समस्या पैदा कर सकती है।
अलीगढ़, जेएनएन। सर्दी का मौसम दस्तक देते ही निमोनिया का खतरा बढ़ जाता है | निमोनिया को लोग आमतौर पर साधारण स्वास्थ्य समस्या मानते हैं, लेकिन यह समस्या इतनी भी साधारण नहीं है। अगर इसका समय रहते सही तरह से इलाज ना किया जाए तो यह गंभीर स्वास्थ्य समस्या पैदा कर सकती है। निमोनिया होने पर फेफड़े संक्रमित हो जाते हैं । इससे श्वसन प्रणाली प्रभावित होती है । इस संक्रमण में फेफड़ों के वायु के थैलों में द्रव या मवाद भर जाता है और सूजन आ जाती है। जिससे बलगम या मवाद वाली खांसी, बुखार, ठंड लगने और सांस लेने में तकलीफ होने जैसी समस्या हो सकती है। निमोनिया होने पर व्यक्ति को कई तरह के लक्षण नजर आते हैं। कुछ आसान उपायों के जरिए इससे खुद का बचाव कर सकते हैं ।
नवजात शिशु को संक्रमण लगने की संभावना अधिक
जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डॉ. अनुपम भास्कर का कहना है कि सर्दी में शिशुओं को निमोनिया का खतरा अधिक होता है| इस मौसम में शिशु को ठंड से बचाना चाहिए । निमोनिया बचाव के लिए नवजात शिशु एवं बच्चों को पीसीवी का टीका दिया जाता हैं | नवजात शिशु को संक्रमण लगने की संभावना अधिक होती है क्योंकि उनमें संक्रमण से लड़ने की क्षमता कम होती है। शिशु को तय समय पर टीकाकरण के लिए स्वास्थ्य केन्द्र जरूर ले जाएं।
निमोनिया के लक्षण
निमोनिया के लक्षण हल्के से गंभीर तक हो सकते हैं, जो संक्रमण के कारण, रोगाणु के प्रकार अथवा आपकी उम्र व स्वास्थ्य पर निर्भर करता है । सामान्य लक्षण अक्सर सर्दी या फ्लू के समान होते हैं लेकिन लंबे समय तक रहते हैं, अन्य लक्षण हैं-
-सांस लेने या खांसने पर सीने में दर्द
- खांसी जो कफ पैदा कर सकती है
- बुखार पसीना और कपकपी ठंड लगना
- मतली उल्टी या दस्त
- सांस लेने में परेशानी
- सामान्य शरीर के तापमान से कम
- 65 वर्ष या उससे अधिक उम्र के व्यक्तियों में मानसिक भ्रम की स्थिति
बच्चों में प्रमुख लक्षण
सांस तेज लेना, घरघराहट आदि भी निमोनिया का संकेत हो सकते हैं, निमोनिया के आम लक्षणों में खांसी, सीने में दर्द, बुखार और सांस लेने में मुश्किल आदि होते हैं । उल्टी होना, पेट या सीने के निचले हिस्से में दर्द होना, कपकपी, शरीर में दर्द, मांसपेशियों में दर्द भी निमोनिया के लक्षण है । 5 साल से कम उम्र के ज्यादातर बच्चों में निमोनिया होने पर उन्हें सांस लेने तथा दूध पीने में भी दिक्कत होती है और भी सुस्त हो जाते हैं बच्चों की प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत बनी रहे इसलिए जन्म के तुरंत बाद बच्चे को मां का पहला गाढ़ा दूध जिसे कोलेस्ट्रम कहते हैं अवश्य पिलाना चाहिए I
निमोनिया से कैसे करें बचाव
आप अगर चाहते हैं कि निमोनिया प्रभावित न करे तो इसके लिए कुछ उपाय अपना सकते हैं। जैसे निमोनिया और फ्लू के बचाव के लिए टीके उपलब्ध है | डॉक्टर की सलाह पर यह टीके लगवा सकते हैं । श्वसन संक्रमण से खुद को बचाने के लिए हाथों को नियमित रूप से धोएं या अल्कोहल आधारित हैंड सैनिटाइजर का उपयोग करें अथवा मास्क का भी सही से प्रयोग करें ।