अलीगढ़ में उद्योगपति पर हमले में जिला पंचायत सदस्य को भेजा जेल, उसके भाई की तलाश
पुलिस ने आरोपित की कार को किया जब्त पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष तेजवीर सिंह की तहरीर पर मुकदमा नहीं।
जासं, अलीगढ़ : शहर के प्रमुख उद्योगपति पर हुए जानलेवा हमले में पुलिस ने सोमवार को आरोपित जिला पंचायत सदस्य दीपक सिंह को जेल भेज दिया। उसके भाई काíतक व अन्य लोगों की तलाश की जा रही है। पुलिस ने आरोपित की थार गाड़ी को भी कब्जे में ले लिया है। पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष तेजवीर सिंह की तहरीर पर मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है।
आगरा रोड पर रहने वाले शहर के प्रमुख उद्योगपति व दीपक के बीच शनिवार रात सेंटर प्वाइंट पर पाìकग को लेकर विवाद हुआ था। यहा तो पुलिसकíमयों ने मामला शात करा दिया, लेकिन हमलावरों ने सात किलोमीटर दूर जाकर मडराक क्षेत्र में नगला मंदिर के पास उद्योगपति पर जानलेवा हमला किया। हमलावरों ने उद्योगपति की गाड़ी को पीछे से टक्कर मारने की कोशिश की। फिर गाड़ी को घुमाकर कार में सामने से टक्कर मारी। किसी तरह सुरक्षा गार्ड उन्हें बचाकर ले गए। हमलावरों ने निजी सुरक्षा गार्डो की कार को भी टक्कर मारी। दोनों कारों को क्षतिग्रस्त किया। मडराक थाने में दीपक, उसके भाई काíतक के अलावा शोहराज व एक अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। सीओ मोहसिन खान ने बताया कि रविवार को ही दीपक को जापान हाउस स्थित उसके घर से गिरफ्तार कर लिया था। इसकी थार गाड़ी (यूपी 81 सीपी 1111) भी जब्त कर ली है। सोमवार को दीपक को जेल भेज दिया। दीपक पर पिछले साल क्वार्सी थाने में मारपीट व धमकाने का मुकदमा दर्ज हुआ था। 2019 में भी सिविल लाइन थाने में फर्जीवाड़े के दो मुकदमे दर्ज हैं। शेष आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए टीम गठित की जा रही है। सिविल लाइन थाने में पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष तेजवीर सिंह गुड्डू ने भी तहरीर देकर आरोप लगाया था कि सेंटर प्वाइंट पर बेटे पर गाड़ी चढ़ाई और दोस्त का सिर फोड़ दिया। सीओ अनिल समानिया ने बताया कि तहरीर में लगाए आरोपों की जाच की गई थी। जाच में ऐसी कोई बात सामने नहीं आई, इसलिए मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है।
ब्रेकर पर हुआ था विवाद, सुरक्षाकíमयों का कालर खींचा
रिपोर्ट दर्ज कराने वाले कंपनी के प्रशासनिक प्रमुख राजीव कुमार ने शनिवार रात हुई घटना के बारे में बताया कि वे स्टेट बैंक चौराहे से सेंटर प्वाइंट आ रहे थे। कार उद्योगपति चला रहे थे। क्वालिटी रेस्टोरेंट से पहले ब्रेकर पर विदेशी कार का निचला हिस्सा टच न हो, इसके लिए उद्योगपित ने कार की गति धीमी कर ली। इसी बीच सामने से थार गाड़ी आकर रुकी। इसमें दीपक, काíतक के अलावा अन्य लोग थे। उद्योगपति ने सुरक्षाकíमयों से उतरकर थार को पीछे करने को कहा, तभी नोकझोंक हो गई। थार सवारों में से एक शख्स उद्योगपति को जानता था तो उसने कार निकलवा दी। अन्य लोग सुरक्षाकíमयों से बदतमीजी करने लगे। सुरक्षाकर्मी का कालर खींच लिया। सुरक्षाकर्मी ने उद्योगपति को फोन पर जानकारी दी। इसी बीच चौराहे पर खड़े पुलिसकर्मी आ गए और विवाद को निपटा दिया।
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सुरक्षाकíमयों ने उद्योगपति से फोन पर कहा, थार से अपनी कार बचाएं
उद्योगपति रामघाट रोड होते हुए सासनीगेट स्थित अपने हेड ऑफिस पहुंचे। पाच-सात मिनट रुकने के बाद यहा से घर के लिए चल दिए। आगरा रोड पर रूसा अस्पताल से थोड़ा आगे हनुमान मंदिर पर पहुंचे ही थे कि उद्योगपति को सुरक्षाकíमयों का फोन आई। बताया कि थार सवार पीछा करते आ गए हैं। तेज रफ्तार में हैं। आप अपनी कार को बचाएं। उद्योगपति ने जैसे तैसे कार को साइड में करके बचाया। उद्योगपति अपनी कार को रिवर्स करने लगे, तभी यू-टर्न लेकर आई थार ने आगे से टक्कर मार दी। यहीं से पूरा घटनाक्रम सीसीटीवी में कैद है। टक्कर मारने के बाद तलाशा भी
5:16 मिनट के फुटेज में इतना भयानक मंजर दिख रहा है कि रोंगटे खड़े हो जाएं। थार सवार लोगों ने उतरकर कार पर हमला किया। सुरक्षाकर्मी उद्योगपति को सुरक्षित निकालकर पास में ही रेत के टीले के पीछे ले गए। एक मिनट बाद चालक ने उद्योगपति की कार को निकालना चाहा, तभी थार ने टक्कर मार दी। कार को बुरी तरह घसीटा। दो मिनट तक हमलावरों ने सड़क पर ही उद्योगपति पक्ष के लोगों को तलाशा। कुछ देर में फिर लौट आए और सुरक्षाकíमयों की कार में तोड़फोड़ की। उद्योगपति का फोन कार में रह गया था। हमले के बाद चालक कार लेकर घर पहुंचा तो उद्योगपति के नंबर पर कुछ फोन आए। एक हमलावर ने फोन पर भी उद्योगपति से गालीगलौज की। धमकी भी दी।
गुंडागर्दी का समर्थन करने वालों से सख्ती से निपटेगी पुलिस : आइजी
आइजी पीयूष मोíडया ने कहा है कि आरोपित दीपक को जेल भेज दिया गया है। शेष आरोपितों की गिरफ्तारी भी जल्द होगी। शाति व्यवस्था को कायम रखने के लिए असामाजिक तत्वों के कृत्य व गुंडागर्दी का समर्थन करने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा। अगर कोई व्यक्ति बदमाशों के साथ खड़ा होता है या उनका समर्थन करता है तो वो भी उसी श्रेणी में आएगा। ऐसे लोग बदमाशों का हौसला भी बढ़ाते हैं। हथियार रखकर बदमाशों के साथ घूमने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उनके हथियार जब्त किए जाएंगे। लाइसेंस निरस्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी।