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बदहाल गलियाें में दस्तक दे रहीं बीमारियां, अफसरों को नहीं चिंता Aligarh news

बदहाल गलियों में दस्तक दे रहीं बीमारियां कहीं पांव न जमा लें इसकी चिंता तो अफसरों के चेहरे पर नजर आती है लेकिन इससे निजात दिलाने की रणनीति वे अब तक न बना सके। फागिंग और दवाओं का छिड़काव उन इलाकों में किया जा रहा है जो साफ-सुथरे हैं।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Mon, 06 Sep 2021 06:21 AM (IST)Updated: Mon, 06 Sep 2021 09:01 AM (IST)
बदहाल गलियाें में दस्तक दे रहीं बीमारियां, अफसरों को नहीं चिंता Aligarh news
शहर की गलियों में जलजमाव से पनप रहीं बीमारियां।

अलीगढ़, जेएनएन। बदहाल गलियों में दस्तक दे रहीं बीमारियां कहीं पांव न जमा लें, इसकी चिंता तो अफसरों के चेहरे पर नजर आती है, लेकिन इससे निजात दिलाने की रणनीति वे अब तक न बना सके। फागिंग और दवाओं का छिड़काव उन इलाकों में किया जा रहा है, जो साफ-सुथरे हैं। सरकार के प्रतिनिधियों के दौरे भी इन्हीं क्षेत्रों में कराए जाते हैं। साफ-सफाई नजर आएगी तो संतोष जताया ही जाएगा। शनिवार को सरोज नगर का दौरा करने पहुंचे लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव नितिन रमेश गोकर्ण भी नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग के अफसरों की पीठ थपथपा गए। प्रमुख सचिव की इस हौंसला अफजाई से ये अफसर भले ही फूले न समा रहे होें, लेकिन इनकी नाकामी से बदहाल हुईं गलियां इन्हें आइना दिखाती रहेंगी।

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जलभराव स्‍थायी समस्‍या बन गया

शहर में ऐसे कई इलाके हैं, जहां जलभराव स्थायी समस्या बन चुका हैं। बारिश हो या न हो, घरों के आगे पानी भरता ही है। देहलीगेट क्षेत्र का शाहजमाल वर्षों से इसी समस्या से जूझ रहा है। बारिश हाे जाए तो यहां की एडीए कालोनी में दो से तीन फुट तक पानी भर जाता है, जिसे उतरने में हफ्ताभर लगता है। शनिवार को हुई बारिश का पानी अब भी कालोनी में जमा है। यहां लोगों का कहना हैं? कि समस्या से निजात मिल सकती है, अगर जंगलगढ़ी नाले की पुलिया बना दी जाए और खैर रोड का पानी इस ओर छोड़ा न जाए। लंबे समय से मांग चल रही है, लेकिन निगम अफसर सुन नहीं रहे। पुलिया नहीं बन पा रही तो फागिंग और दवाओं का छिड़काव ही करा दें, ताकि बीमारियों से निजात मिल सके। ये काम भी इनसे नहीं हो पा रहा। ऐसा ही कुछ हाल वार्ड 47 के जाकिर नगर, निशातबाग, रजानगर, जीवनगढ़ का है। यहां गलियाें में पानी भरा हुआ है। मुख्य मार्ग पर भी जलभराव है। क्षेत्रीय पार्षद शाकिर अली का कहना हैं? कि सड़कों के निर्माण के लिए प्रस्ताव पास हो चुके हैं, नाप भी हो गई। लेकिन तीन साल से कोई कार्य नहीं हुआ। कार्यकारिणी बैठक, बोर्ड अधिवेशन में मुद्दा उठाया जाता है। लेकिन, हर बार अफसर टाल देते हैं। बीमारियां फैल रही हैं, इसके चलते फागिंग और दवाओं का छिड़काव कराने के लिए कहा गया था, लेकिन अब तक कोई टीम क्षेत्र में नहीं पहुंची है। उधर, अवतार नगर में नाले की निकासी अवरुद्ध होने से सड़क पर पानी भरा रहता है। यहां भी क्षेत्रीय लोगों को कोई राहत नहीं दी जा रही। ये हालात तब हैं, जब संचारी रोगों की रोकथाम के लिए सरकारी महकमे अभियान चलाए हुए हैं। सरकार भी मानिटरिंग करा रही है। फिर ये इलाके अभियान से अछूते क्यों हैं?

इनका कहना है 

रजानगर में मुख्य मार्ग पर भी पानी भरा हुआ है। यहां से गुजरना दूभर है। गड्ढों के चलते वाहन को संभलकर का निकालना पड़ता है। पानी भरा होने से गड्ढे नजर नहीं आते। मच्छरों का प्रकोप है। दवाओं का छिड़काव नहीं कराया गया।

अरमान अल्वी, रजानगर

शाहजमाल इलाके में वर्षों से जलभराव की समस्या बनी हुई है। इसका स्थायी समाधान नहीं हो सका है। बीमारियां फैलने की आशंका बनी रहती है। फागिंग और दवाओं का छिड़काव भी नहीं कराया जा रहा।

रईस, रोरावर

एडीए कालोनी में अभी पानी उतरा नहीं है। सालभर से नाला निर्माण का काम पूरा नहीं हो सका है। दूसरे क्षेत्रों का पानी भी कालोनी में ही भरता है। समस्या का समाधान नहीं किया जा रहा।

इमरान, एडीए कालोनी


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