यूपी में अखिलेश-जयंत की जोड़ी को लेकर हो रहीं चर्चाएं, जानिए विस्तार से
खिलेश-जयंत जुगलबंदी यूपी को पसंद है। मुजफ्फर नगर मेरठ रामपुर से लेकर एटा फिरोजाबाद मथुरा आगरा हाथरस सहित पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों से रैली में भाग लेने के लिए किसान मजदूर व युवाओं का रैला आया था।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता। अखिलेश-जयंत जुगलबंदी यूपी को पसंद है। मुजफ्फर नगर, मेरठ, रामपुर से लेकर एटा, फिरोजाबाद, मथुरा, आगरा, हाथरस सहित पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों से रैली में भाग लेने के लिए किसान, मजदूर व युवाओं का रैला आया था। सपा मुखिया अखिलेश यादव के प्रति विश्वास तो देखिए, बी एड टेट 2011 अचयनित बेरोजगार एसोसिएशन के प्रतिनिधियों के तौर पर बनारस से महिलाएं आई थी। अखिलेश के न आने पर एसोसिएशन सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम सिंह को ज्ञापन सौंपा था। यह लोग मायूस नहीं थे। उनका कहना था, कि अखिलेश यादव व जयंत युवा है। वे हमारी बेरोजगारी के लिए जरुर विचार करेंगे। इस मुददे को सपा अपने एजेंडा में शामिल करेगी। वक्ताओं द्वारा गन्ना की बेकदरी पर सरकार को लताड़ लगाने पर किसान मुस्करा रहे थे।
अखिलेश -जयंत की जोड़ी करिश्माई जीत दर्ज करने जा रही है। बीएड टेट में 2011 अचयनित बेरोजगारों को रोजगार दिलाने की मांग की गई है। यह दोनों दल इसे अपने एजेंडा में शामिल करें। भाजपा से हमें कोई उम्मीद नहीं।
- आकांक्षा जयसवाल, वाराणसी
वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में हमें योगी सरकार से काफी उम्मीद थी। कोर्ट ने भी नए विज्ञापन के जरिये भर्ती की छूट दी थी। 500 बेरोजगार मारे मारे घूम रहे है। प्रदेश सरकार ने कोई प्रक्रिया नहीं कराई। अब अगली गैर भाजपाई सरकार से उम्मीद है।
- अंजू वाला, अलीगढ़
भाजपा सरकारों से किसान आजिज आ चुका है। प्रदेश भर के किसान आज रालोद-सपा गठबंधन को अपना समर्थन दे रहे हैं। इस विधानसभा चुनाव में जयंत व अखिलेश की जोड़ी करिश्माई जीत दर्ज करने जा रही है। उनका नेतृत्व सभी समुदाय स्वीकार कर रहा है।
- सरदार रवेंदर सिंह, रामपुर
जिस मकसद से रैली का आयोजन किया था, वह पूरा हो गया है। जयंत चौधरी व अखिलेश यादव का संदेश अब गांव गांव पहुंचाया जाएगा। किसानों को इस गठबंधन को मजबूत करने का संदेश दिया जाएगा।
- रसिया शर्मा, इगलास
रैली में आई भीड़ ने प्रदेश में बदलाव के संकेत दे दिए हैं। बड़े चौधरी के नाति को हमारा पूरा अाशीर्वाद है। वे युवाओं के दिलों की धड़कन बनकर उभरे हैं। जयंत ने दिवंग पिता चौ. अजित सिंह की सियासी विरासत को संभाल लिया है।
- भगवान सिंह, सादाबाद