निर्यातकों की बढ़ रही पैंठ, कारोबार का हब बनी धनीपुर मंडी Aligarh news
अलीगढ़ की धनीपुर मंडी कारोबार का हब बनती जा रही है। कई जनपदों के किसान यहां धान गेहूं दलहन तिलहन व सब्जियां बेचने आते हैं। निर्यातकों की पैंठ भी बढ़ती जा रही है। यहां आढ़तियों से खरीदा गया धान सरसों आदि प्रोसेसिंग करने के बाद निर्यात किया जाता है।
लोकेश शर्मा, अलीगढ़ : अलीगढ़ की धनीपुर मंडी कारोबार का हब बनती जा रही है। कई जनपदों के किसान यहां धान, गेहूं, दलहन, तिलहन व सब्जियां बेचने आते हैं। निर्यातकों की पैंठ भी बढ़ती जा रही है। यहां आढ़तियों से खरीदा गया धान, सरसों आदि प्रोसेसिंग करने के बाद निर्यात किया जाता है। खासकर यहां के बासमती की खाड़ी देशों में खूब मांग है। दिल्ली, हरियाणी की बड़ी कंपनियां अलीगढ़ के उत्पाद पर अपना टैग लगाकर विदेशों में बेचती हैं।
प्रतिदिन होता है करोड़ों का कारोबार
जीटी रोड स्थित धनीपुर मंडी में करीब 300 आढ़त हैं, जहां प्रतिदिन करोड़ों का कारोबार होता है। इसके अलावा नवीन फल मंडी है। मंडल की यह पहली मंडी है, जहां बड़े पैमाने पर अनाज, सब्जी, दालों की खरीद-फरोख्त होती है। प्रतिदिन 400 से अधिक वाहन यहां अनाज, सब्जियां लेकर आते हैं। मंडी प्रशासन के मुताबिक अलीगढ़ के अलावा मैनपुरी, फीरोजाबाद, शिकोहाबाद, सिरसागंज, एटा, कासगंज आदि जिलों से यहां धान बिकने आता है। विशेषकर बासमती, जिसके किसानों को अच्छे दाम मिल जाते हैं। हर साल 35 से 40 लाख कुंतल धान की खरीद होती है। इसमें सर्वाधिक आठ से 10 लाख कुंतल धान अलीगढ़ का होता है। सुगंधा, पी- 10, सरबती के अलावा 1121, 1509 प्रजातियां विशेष रूप से निर्यात की जाती हैं। जिले के आसपास भी इन्हीं प्रजातियाें का धान पैदा होता है, जो इसी मंडी में बिकने आता है। सऊदी अरब, बहरीन, कुवैत, ओमान के अलावा ईरान व इराक को निर्यात में प्राथमिकता दी जाती है। हालांकि, कोरोना संकट के चलते मंडी व्यावसाय बुरी तरह प्रभावित हुआ था। किसानों को उपज का सही दाम नहीं मिल सका। सरकारी क्रय केंद्रों पर कॉमन व ग्रेड वन धान ही 1925 रुपये प्रति कुंतल समर्थन मूल्य पर खरीदा जा रहा है। जबकि, बासमती का भाव आढ़ती 1200 से 1400 रुपये प्रति कुंतल लगा रहे थे। विरोध भी खूब हुआ था। अब हालात ठीक हैं। प्रशासन ने मंडी में खुली नीलामी शुरू करा दी है। बासमती के रेट समर्थन मूल्य से ऊपर पहुंच चुके हैं। किसान उत्साह के साथ धान बेच रहे हैं। गेहूं खरीद में अलीगढ़ प्रदेश में अव्वल रहा था।
नुकसान में फल मंडी
धनीपुर मंडी परिसर में संचालित नवीन फल मंडी नुकसान झेल रही है। कारोबारियों का कहना है कि सारसौल पर अनाधिकृत रूप से फल मंडी संचालित है। इसे हटाने का प्रशासन से आश्वासन दिया था। इसी विश्वास के साथ यहां दुकानें ले लीं कि सारसौल मंडी हटने के बाद उनका व्यापार चमकेगा। लेकिन प्रशासनिक अधिकारी सारसौल मंडी को नहीं हटवा सके। पूरी मंडी पर एक ही परिवार का वर्चस्व है। फलों के रेट वही तय करते हैं। बाहर के व्यापारी भी वहीं आते हैं। इसका खामियाजा यहां व्यापारी भुगत रहे हैं। पूर्व में कमिश्नर ने सारसौल मंडी को हटाने के आदेश दिए थे, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो सकी। अधिकारी दबाव में आ गए।
मंडी निदेशक का निरीक्षण
मंडी निदेशक जितेंद्र प्रताप सिंह बुधवार को कई जिलों में मंडियों का निरीक्षण करेंगे। अलीगढ़ की धनीपुर मंडी में भी निरीक्षण होना था, लेकिन यहां उनका कार्यक्रम रद हो गया। लखनऊ से वह सिरसागंज, फीरोजाबाद, जलेसर होते हुए हाथरस पहुंचेंगे, यहां से सिकंदराराऊ मंडी आएंगे। मंडी निदेशक धान खरीद, अनाज का रखरखाव आदि व्यवस्थाएं देखेंगे।
इनका कहना है
धनीपुर मंडी बड़ा व्यापारी केंद्र बन चुका है। कई जिलों के किसान यहां अपनी उपज बेचने आते हैं। निर्यातक और ब्रांडेड कंपनियों के प्रतिनिधि यहां से खरीद-फरोख्त करते हैं। इसी के चलते व्यवस्थाएं और चौकस की जा रही हैं। सड़क, लाइट, गोदाम आदि के इंतजाम किए जा रहे हैं, जिससे व्यापारियों को कोई परेशान न हो।
नरेंद्र मलिक, उप निदेशक मंडी