Move to Jagran APP

पर्यावरण का संदेश दे रहा धाधऊ का प्राथमिक स्‍कूल, कान्‍वेंट स्‍कूल को छोड़ा पीछे Hathras News

हाथरस जागरण संवाददाता । सरकारी स्कूलों को लेकर लोगों में अक्सर अच्छी धारणा नहीं होती है। मगर जनपद के ब्लाक सहपऊ के गांव धाधऊ में ऐसा प्राथमिक सरकारी सकूल है। जोकि कान्वेंट स्कूल को मात दे रहा है। यहां प्रवेश के लिए मारामारी रहती है ।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Mon, 11 Oct 2021 03:45 PM (IST)Updated: Mon, 11 Oct 2021 03:49 PM (IST)
पर्यावरण का संदेश दे रहा धाधऊ का प्राथमिक स्‍कूल, कान्‍वेंट स्‍कूल को छोड़ा पीछे Hathras News
ब्लाक सहपऊ के गांव धाधऊ में ऐसा प्राथमिक सरकारी स्‍कूल कान्वेंट स्कूल को मात दे रहा है।

हाथरस, जागरण संवाददाता । सरकारी स्कूलों को लेकर लोगों में अक्सर अच्छी धारणा नहीं होती है। मगर जनपद के ब्लाक सहपऊ के गांव धाधऊ में ऐसा प्राथमिक सरकारी स्‍कूल है। जो कान्वेंट स्कूल को मात दे रहा है। यहां प्रवेश के लिए मारामारी रहती है । कायाकल्प योजना के तहत स्कूल में कई अच्छे काम कराए गए हैं। यहां पर लगे पेड़ पौधे पर्यावरण का संदेश देते हैं। विद्यालय की दिशा और दशा को सुधारने में हेड मास्टर व शिक्षिका के प्रयास से हुआ है।

loksabha election banner

स्कूल की थी बदहाल व्यवस्था

वर्ष 2016 में प्राथमिक विद्यालय धाधऊ में जहां बरसात के दिनों में कक्षाओं की छतों से पानी टपकता था। इसके साथ ही 201 नामांकन होने के बाद भी विद्यालय में बच्चों का ठहराव नहीं हो पाता था। एमडीएम खाने के बाद बच्चों को पानी पीने के लिए बाहर गली में जाना पड़ता था। 30 अगस्त 2016 को पदोन्नति पहुंचे हेड मास्टर रोहिताश जुरैल का मन विद्यालय के हालातों को देखकर कुंठित हो गया। उन्होंने विद्यालय की दशा और दिशा को बेहतर कराने का संकल्प लिया।

कायाकल्प योजना से बदली सूरत

विद्यालय में कायाकल्प याेजना के तहत पैसा पहुंचा। विद्यालय की जर्जर स्थिति को देखते हुए घवस्त करा दिया गया। साथ ही कायाकल्प योजना से विद्यालय में टाइल्स लगवाई। पर्यावरण का संदेश देते हुए परिसर में घास लगवाई। इसके साथ ही गमलों में पौधारोपण कराया गया। हर कक्षा में पंखाें की व्यवस्था कराई गई। विद्यालय अब किसी कान्वेंट स्कूल से कम नहीं लगता।

जेब से खर्च की धनराशि

हेड मास्टर और सहायक अध्यापक ने विद्यालय की दशा को सुधारने के लिए हर संभव प्रयास किया। अपनी ओर से समर सेर्विल हेड मास्टर ने लगवाई। इसके साथ ही शिक्षिका साधना ने दस हजार रुपये का अंशदान देकर विद्यालय की कक्षाओं व परिसर में करीब सात पंखे लगवाए। ग्राम प्रधान के सहयोग से इंटरलाकिग ईटों से परिसर को सही कराया। हेड मास्टर ने तीस हजार रुपये का अंशदान देकर विद्यालय में संसाधन जुटाए। अब विद्यालय में 143 बच्चाें का नामांकन अब तक हो चुका है। ब्लाक के अन्य विद्यालयों के शिक्षक व शिक्षिकाए विद्यालय को देखकर प्रेरित होते हैं।

इनकी सुनो

हेड शिक्षक व अन्य दोनों शिक्षकों ने विद्यालय के कायाकल्प में काफी मेहनत की है। निजी स्कूल जैसा विद्यालय अब लगता है। अन्य विद्यालयों के शिक्षकों को प्रेरणा लेकर सुधार करना चाहिए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.