वेबसाइट पर होगा दंत चिकित्सकों व डेंटल क्लीनिक का ब्योरा
शहर से लेकर देहात तक फर्जी दंत चिकित्सकों की भरमार है। इनके पास न तो डिग्री है और न अनुभव है।
जासं, अलीगढ़: शहर से लेकर देहात तक फर्जी दंत चिकित्सकों की भरमार है। इनके पास न तो डिग्री और अनुभव है और न संसाधन।
इंडियन डेंटल एसोसिएशन (आइडीए) ने लोगों से इनसे सावधान रहने की अपील की है। अपने सदस्यों से लोगों को जागरूक करने व दंत चिकित्सा से जुड़ी भ्रांतियों को दूर करने के निर्देश दिए हैं। यही नहीं, सभी दंत चिकित्सकों व डेंटल क्लीनिकों की सूची एसोसिएशन की वेबसाइट, इंटरनेट मीडिया पर उपलब्ध विभिन्न पेज पर डाली जाएगी। यह निर्णय रविवार को आइडीए की कार्यकारिणी बैठक में लिया गया।
होटल पाम ट्री में आयोजित बैठक में कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा के साथ वर्ष 2022 की कार्यकारिणी के सदस्यों के नामांकनों पर चर्चा हुई। अगली कार्यकारिणी के सदस्यों की घोषणा एसोसिएशन की वार्षिक बैठक में करने की घोषणा की गई। सचिव डा. उमीत सिंह ने बताया कि आइडीए पूरी तरह से आम जनता के मुख स्वास्थ्य को लेकर प्रतिबद्ध है। हमारी कोशिश है कि लोगों की मुख एवं दंत चिकित्सा से जुड़ी भ्रांतियों को दूर किया जा सके। लोगों को मुख एवं दंत स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करें। एसोसिएशन से जुड़े दंत चिकित्सकों व डेंटल क्लीनिक की जानकारी आनलाइन होने से मरीजों को क्वालीफाइड दंत चिकित्सकों व उनकी क्लीनिक की संपूर्ण जानकारी रहेगी। वे झोलाछापों के पास जाने से बचेंगे। कोरोना संकट काल में संक्रमण का ध्यान रखा जाना जरूरी है, लेकिन झोलाछाप के पास न तो इससे संबंधित सही जानकारी होती है और न साधन। इससे एड्स, हेपेटाइटिस बी जैसे संक्रमण होने की आशंका रहती है। मरीज को लाभ के बजाया हानि हो सकती है। इसलिए जरूरी है कि लोग क्वालीफाइड चिकित्सकों से उपचार कराएं। एएमयू के डेंटल कालेज के प्राचार्य डा. आरके तिवारी, डा. एसके मिश्रा, डा. तारिक, डा. जिदल, डा. अब्दुल बारी, डा. अमित गुप्ता, डा. अरबाब, डा. अंशुल, डा. नेहा, डा. अमित गर्ग आदि दंत चिकित्सक उपस्थित रहे।