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डेढ गुना महंगी हुई खाद्य ऑयल की धार, पब्‍लिक परेशानAligarh News

बेसन की पकौड़ी हो या आलू के परांठे। इन व्यंजनों का बनाना काफी महंगा हो गया है कारण कोरोना संकट के बीच महंगाई दबे पांव पीछा कर रही है। पिछले मार्च (11 माह पहले) से अबतक फुटकर बाजार में सरसों का तेल 50 रुपया प्रति लीटर तक महंगा हुआ है।

By Sandeep kumar SaxenaEdited By: Published: Thu, 07 Jan 2021 11:09 AM (IST)Updated: Thu, 07 Jan 2021 11:09 AM (IST)
डेढ गुना महंगी हुई खाद्य ऑयल की धार, पब्‍लिक परेशानAligarh News
बेसन की पकौड़ी हो या आलू के परांठे। इन व्यंजनों का बनाना काफी महंगा हो गया है।

अलीगढ़, जेएनएन। ठुठरन भरी इस सर्दी में बेसन की पकौड़ी हो या आलू के परांठे। इन व्यंजनों का बनाना काफी महंगा हो गया है, कारण कोरोना संकट के बीच महंगाई दबे पांव पीछा कर रही है। पिछले मार्च (11 माह पहले) से अबतक फुटकर बाजार में सरसों का तेल 50 रुपया प्रति लीटर तक महंगा हुआ है। ब्रांडेड कंपनियों का यह तेल बाजार में 150 रुपया प्रतिलीटर तक बिक रहा है। डेढ गुना महंगे हुए इस खाद्य तेल से घरेलू महिलाओं का बजट गड़बड़ा गया है। देशी घी, पॉम आयल सहित अन्य खाद्य तेलों के दामों में जर्बदस्त उछाल आया है।

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22 मार्च को देश में लॉक डाउन हुआ था। इससे पहले सरसों का तेल फुटकर बाजार में अन ब्रांडेड 90 से 95 रुपया प्रतिलीटर मिल रहा था। ब्रांडेड कंपनियों का यही खाद्य तेल 100 रुपया प्रतिलीटर था। लॉकडाउन में तेल की कीमतों में उतार चढ़ाव का दौर रहा। पांच से 10 रुपया प्रतिलीटर यह सरसों का तेल महंगा हो गया। जुलाई के बाद इस खाद्य तेल की कीमतें चढ़ती चली गईं। अगस्त में यह 110 रुपया प्रतिलीटर तक पहुंच गया। दीपावली पर इसकी कीमतें ठिठक गईं। नवंबर में ब्रांडेड सरसों का तेल 120 रुपया प्रतिलीटर हो गया। दिसंबर में इसकी कीमतें 125 रुपया प्रतिलीटर हो गईं। जनवरी में फुटकर बाजार में 140 से 150 रुपया प्रतिलीटर तक बिक रहा है। गली व मोहल्लों की छोटी-छोटी परचून की दुकानों के संचालकों ने मुनाफा खोरी बढ़ा दी है।

महावीर गंज स्थित खाद्य तेल की कीमतों में भारी उछाल है। ज्योति एंटर प्राइजेज के प्रोपराइटर अनिल वाष्र्णेय ने कहा कि उनकी कंपनी थोक बाजार में 128 रुपया प्रति पैकेट सरसों का तेल मिल रहा है। दो हजार 40 रुपया की एक पेटी बाजार में बिक रही है। इस पेटी में 16 पाउच आते हैं। फोरच्यून जैसी पसंदीदा कंपनी के पाउच भी महंगे हुए हैं। एक टिन की कीमत लॉक डाउन से पहले 1400 रुपया थी। अब बाजार में यह 1980 रुपया का मिल रहा है। अलीगढ़ निर्मित डबल हिरन का सरसों का तेल स्वर्ण जयंती नगर स्थित फेयर प्राइस के आउट लेट पर यह 148 रुपया प्रतिलीटर का पाउच मिल रहा है।

सफोला गोल्ड की एमआरपी बढ़ गई है। लॉकडाउन की शुरुआत में 135 रुपया प्रतिलीटर बिकने वाला यह तेल 165 रुपया प्रति पैकेट बिक मिल रहा है। ओलिफ ऑयल पर भी 10 रुपया प्रतिलीटर की कीमतों में उछाल आया है। यह 145 रुपया प्रति लीटर बिक रहा है। तिल का तेल भी 20 रुपया प्रतिलीटर महंगा हुआ है। यह बाजार में 160 की जगह 180 रुपया प्रतिलीटर बिक रहा है। देशी घी पर भी दो माह के अंतराल में 20 रुपया प्रति किलो महंगा हुआ है। ब्रांडेड कंपनी का देशी घी 480 की जगह 500 रुपया प्रतिकिलो बिक रहा है।

खाद्य तेल के दामों में हर रोज बढ़ोत्तरी हो रही है। सरसों का तेल 140 से लेकर 150 रुपया प्रतिलीटर बेचा जा रहा है। आज ही नया माल आया है। एजेंसी संचालक ने बिलिंग बढ़ाकर की है।

- अशोक शर्मा, सुमित प्रोवीजन स्टोर, नौरंगाबाद

दैनिक उपयोग में प्रयोग होने वाली अधिकांश वस्तुओं पर दाम बढ़ने के बाद खाद्य तेल की कीमतों में आग लगी हुई है। सरसों के तेल की कीमतें ढेड गुना महंगी हुई हैं। इससे महीने का बजट बिगड़ गया।

- परी पंडित, छाबीन, जीटी रोड


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