Dainik Jagran Webinar On Traffic System : शहर के चारों ओर बने रिंग रोड,अतिक्रमण व अवैध वाहनों से मिले मुक्ति Aligarh News
गुरुवार को दैनिक जागरण की ओर से अभियान के समापन पर अॉनलाइन वेबीनार का आयोजन किया गया जिसमें शहर के प्रबुद्ध लोगों ने अपने सुझाव रखे। जागरण के अभियान को भी सराहा। कहा कि शहर के बाहर रिंग रोड बनाई जाए।
अलीगढ़,जेएनएन। वाहनों के बढ़ते दबाव व अतिक्रमण के चलते शहर में यातायात की समस्या विकराल होती जा रही है। अवैध वाहन यातायात को ध्वस्त कर देते हैं? तो अतिक्रमण सड़कों को और संकरा बना रहा है। बीते दिनों जाम ने एक बच्ची की जान ले ली। चंद दिनों बाद गड्ढे में गिरकर एक डॉक्टर की जान चली गई। दैनिक जागरण ने शहर की इस बड़ी समस्या की तरफ अफसरों का ध्यान खींचने के लिए जाम का झाम अभियान चलाया तो सबकी नींद टूटी। नतीजतन अतिक्रमण के खिलाफ अभियान शुरू हो गया है। लेकिन, इसमें और सख्ती व सुधार की जरूरत है। गुरुवार को दैनिक जागरण की ओर से अभियान के समापन पर अॉनलाइन वेबीनार का आयोजन किया गया, जिसमें शहर के प्रबुद्ध लोगों ने अपने सुझाव रखे। जागरण के अभियान को भी सराहा। कहा कि शहर के बाहर रिंग रोड बनाई जाए। अतिक्रमण व अवैध वाहनों से मुक्ति मिले।और क्या-क्या चर्चा हुई आप भी पढ़िए-
शहर की नब्ज टटोलनी होगी कि इंडस्ट्री कहां है? कच्चे इलाके कहां है? नई कालोनियां कहां हैं? उसी हिसाब से योजना भी बनानी होगी। हमने पूरा सर्वे करा रखा है। सड़क को चौड़ा करना हल नहीं है। ट्रैफिक को कंट्रोल करना होगा। क्वार्सी साइड में रिंग रोड बनाने की जरूरत है। इससे 60 प्रतिशत वाहनों का दबाव कम होगा। क्वार्सी चौराहे से एक दिन में 95 हजार से अधिक वाहन शहर में प्रवेश करते हैं। इनमें बहुत से वाहन ऐसे होते हैं? जो मथुरा, आगरा, दिल्ली जाने वाले होते हैं। अगर बाईपास बन जाएगा तो इन वाहनों को शहर में जाने की जरूरत ही नहीं होगी। ऐसे ही आगरा, मथुरा, दिल्ली की ओर रामघाट की ओर जाने वालों को रिंग रोड के जरिए शहर में जाने से रोक सकते हैं। नए रिंग रोड को मथुरा रोड साइड में बनाए बाईपास से जोड़ना होगा। दिल्ली साइड से हर रोज 92 हजार से अधिक वाहन प्रवेश करते हैं। हमने शहर के हर मार्ग का सर्वे कराया है।
- प्रवीण मंगला, सीएमडी, ओजोन सिटी
पुलिस और नगर निगम पूरा काम कर रहे हैं। लेकिन, लोगों में जिम्मेदारी की भावना जागृत नहीं हो रही। लोग नियमों का पालन नहीं करते। एंबुलेंस तक को रास्ता नहीं दिया जाता। दुकानों के सामने अतिक्रमण रहता है। ऐसे में सभी को पहले खुद से जागरूक होना पड़ेगा। जनप्रतिनिधि भी समस्या की तरफ ध्यान दें।
श्याम कुंतेल, संचालक, ब्रिलियंट पब्लिक स्कूल
ट्रैफिक नियम तो बना दिए गए हैं। लेकिन, सड़कों की हालत खस्ता है। एटा चुंगी से छर्रा अड्डा तक सड़क खराब रहती है। यहां अतिक्रमण की भरमार है। सड़कों पर ही कूड़े के ढेर लगा दिए जाते हैं।
अर्जुन सिंह तोमर, संचालक, एसएसडी मॉडर्न पब्लिक स्कूल
जगह-जगह चौराहों पर अतिक्रमण है। पुलिस तो अपना काम कर रही है। लेकिन, लोग जागरूक नहीं हो रहे। बीते दिनों जाम ने एक मासूम की जान ले ली। स्मार्ट सिटी के नाम पर बातें नहीं काम होना चाहिए।
- प्रीति सारस्वत, अभिभावक
ट्रैफिक पुलिस या नगर निगम योजना तो बना लेती है। लेकिन, स्थानीय लोगों से पूछा तक नहीं जाता। ट्रैफिक सिग्नल पर लाइटों में अंतर होने से अव्यवस्था फैल रही है। बाजारों में ई-रिक्शा पर प्रतिबंध लगना चाहिए।
- विवेक बगई, सेंटर प्वाइंट बाजार एसोसिएशन
कई बार अभियान चलाने के बावजूद सड़कों पर गड्ढों की भरमार है। डबल लेयर के नाम पर ऐसी सड़क बना दी जाती है, जो चंद दिनों में उखड़ जाती है। ऐसे में गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाए।
अनुपम गुप्ता, एएमयू छात्र, छर्रा
बिजली विभाग की लापरवाही के चलते भी जाम लगता है। कई जगहों पर ट्रांसफार्मर सड़क पर रख दिए गए हैं। इन्हें दुरुस्त कराना चाहिए। रेलवे रोड पर ई-रिक्शा के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया जाए।
भूपेंद्र वार्ष्णेय, रेलवे रोड
जाम तो पहले भी लगता था। लेकिन, अब टिर्रियों ने बुरा हाल कर रखा है। लोग भी बेपरवाह है। व्यस्तमम समय में भी बाजारों में कार लेकर निकल जाते हैं। ऐसे में पुलिस को चाहिए कि वन-वे व्यवस्था लागू करे। डॉ. दीपक, संचालक, मूलचंद अस्पताल, नौरंगाबाद
किसी भी शहर की यातायात व्यवस्था को बेहतर करने के लिए चौराहों का दुरुस्त होना बेहद जरूरी है। चौराहों या तिराहों की बनावट ठीक होनी चाहिए। वहीं शहर में किसी तरह का अतिक्रमण पर सख्ती से कार्रवाई हो।
योगेश कुमार, सामाजिक कार्यकर्ता
शहर को जाम से मुक्ति दिलाने और चौराहों की दशा बदलने के लिए स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत नगर निगम और ट्रैफिक पुलिस लगातार प्रयासरत है। हर चौराहे की अॉनलाइन निगरानी हो रही है। चार चौराहों पर अॉनलाइन चालान की शुरुआत हो चुकी है।
धीरेंद्र सिंह भदौरिया, यातायात प्रभारी, स्मार्ट सिटी कमांड एंड कंट्रोल
शहर को जाम से निजात दिलाने के लिए संबंधित विभाग व हर वर्ग से बात करने के बाद कार्ययोजना बनाई गई है। ई-रिक्शा पर लगाम लगाने के लिए जगह तलाशी जा रही है। लोगों को भी सहयोग करना होगा।
सतीश चंद्र, एसपी ट्रैफिक
इन्होंने भी रखी राय
वेबीनार में अमित अग्रवाल एस्सार और देहदान संस्था से जुड़े हितेश छाबड़ा ने भी ट्रैफिक सुधार पर अपनी राय रखी।