Dainik Jagran campaign : प्लेट में भोजन न छोडऩे पर पांच फीसद मिलेगी छूट Aligarh News
भरपेट भोजन की बात तो दूर लोग एक दाने के लिए भी तरस जाते हैं। मगर दैनिक जागरण की मुहिम से अब आवाज उठनी शुरू हो गई है। लोग कहने लगे हैं कि हम अब किसी को भूखे नहीं सोने देंगे।
अलीगढ़ जेएनएन। दैनिक जागरण की मुहिम'भंडार भरा पर पेट खाली' ने शहर के हर वर्ग को झकझोर कर रख दिया है। लगातार प्रकाशित हो रही खबरों के माध्यम से जो आंकड़े प्रस्तुत किए जा रहे हैं, वो चौकाने वाले हैं। क्या आप सोच सकते हैं कि आज भी प्रतिदिन देश में 18 करोड़ लोगों को भूखे सोना पड़ता है? तमाम ऐसे शाही आयोजन होते हैं, जहां खाने की वैरायटी गिनते लोग थक जाते हैं। वहीं, दूसरी तरफ स्याह तस्वीर दिल को दु:खाती है। भरपेट भोजन की बात तो दूर लोग 'एक दाने' के लिए भी तरस जाते हैं। मगर, दैनिक जागरण की मुहिम से अब आवाज उठनी शुरू हो गई है। लोग कहने लगे हैं कि हम अब किसी को भूखे नहीं सोने देंगे। इस मुहिम को इतनी व्यापकता देंगे कि यह एक मिसाल बनेगी। सुखद है कि हमारे साथ अलीगढ़ होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन आ गया है। एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने कहा कि वह दैनिक जागरण की 'भंडारा भरा पर पेट खाली' मुहिम में पूरी शिद्दत से जुटेंगे। हालांकि, वह पहले से होटल और रेस्टोरेंट में अन्न की बर्बादी को रोकने के लिए प्रयास करते आ रहे हैं, मगर अब और मजबूती से करेंगे। सर्वसम्मति से तय हुआ कि प्लेट में थोड़ा भी भोजन न छोडऩे वाले ग्राहक को बिल पर पांच फीसद की छूट देंगे। यह छूट 26 जनवरी से 26 फरवरी तक रहेगी।
'हम सुधरेंगे तो जग सुधरेगा'
'भंडार भरा पर पेट खाली' मुहिम की शनिवार की कड़ी अहम रही। दैनिक जागरण की टीम होटल और रेस्टोरेंट के बीच पहुंची। उनके साथ मंथन और चिंतन किया गया, जिससे अन्न की बर्बादी को रोका जा सके। शहर में 70 के करीब होटल और रेस्टोरेंट हैं, जिसमें अन्न की बर्बादी को रोका गया तो एक बड़ी कामयाबी होगी। इसके लिए जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। इसको लेकर गांधीपार्क रोडवेज बस अड््डे के सामने होटल माई ड्रीम में मीटिंग आयोजित की गई। शहर के होटल और रेस्टोरेंट संचालकों ने अन्न की बर्बादी रोकने के लिए अपने विचार दिए। दैनिक जागरण के संपादकीय प्रभारी अवधेश माहेश्वरी ने भूमिका रखी। उन्होंने कहा कि हम सात सरोकार के साथ अपनी सामाजिक जिम्मेदारी का भी निर्वहन करने की कोशिश करते हैं। इसी के तहत अन्न की बर्बादी को रोकने के लिए कदम बढ़ाया गया है। मगर, पहल हमें करनी होगी। क्योंकि 'हम सुधरेंगे तो जग सुधरेगा'। उन्होंने कहा कि एक-एक दाने के लिए तरसते कई ऐसी तस्वीरें देखने को मिल जाती हैं, जो मन को विचलित कर देती हैं। चलिए हम अपने प्रतिष्ठान और घर से शुरुआत करें कि हम अन्न की बर्बादी नहीं होने देंगे।
भोजन बचे तो ग्राहक घर ले जाएं
होटल और रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष मानव महाजन ने कहा कि उन्होंने वर्षों पहले संकल्प लिया था कि थाली में अन्न नहीं छोड़ेंगे, जिसे वो आज भी निभाते आ रहे हैं। उसी की प्रेरणा से अपने होटल में भी अन्न बर्बादी को रोकने की कोशिश करता हूं। स्टाफ को बताया गया है कि प्लेट में यदि भोजन बचे तो ग्राहक को पैक करके घर ले जाने के लिए प्रेरित करें। साथ ही उतना ही बनाया जाता है जितनी जरूरत होती है। अधिक बच जाने पर स्टाफ को दिया जाता है। उन्होंने कहा कि अपने होटल महाजन पैलेस में वह पूरे स्टाफ के साथ मीटिंग करेंगे और अन्न की बर्बादी न हो इसके लिए उन्हें टिप्स देंगे।
भोजन की बर्बादी नहीं होने देते
महासचिव विवेक बगाई ने कहा कि दैनिक जागरण का हर अभियान दिल को छूने वाला होता है। यह ऐसा विषय है जिसमें सामाजिक क्रांति लाने की जरूरत है। यदि आज भी लोग भूखे सो रहे हों तो समाज के लिए इससे बड़ा कलंक और कुछ नहीं है? हमें मिलकर इस प्रथा को खत्म करना होगा। विवेक बगाई ने कहा कि उनके यहां फ्रीजर आदि हैं, जिससे वह भोजन को बर्बाद नहीं होने देते हैं। बाकी यदि कुछ बचता है तो वह एक बाल्टी में एकत्र कराते हैं। नाली आदि में नहीं फेंकते हैं। एक कर्मचारी है, जो अपने पशुओं के लिए ले जाता है। दीपक रेस्टोरेंट के संचालक दीपक गर्ग ने कहा कि वह दैनिक जागरण की 'आधा गिलासÓ पानी मुहिम से आज भी जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि लोगों को प्रेरित करके शादी-ब्याह में भोजन और मिठाई की वैरायटी को कम कराने की जरूरत है। क्योंकि वहां अन्न की ज्यादा बर्बादी होती है। हमें दिखावा से बचना होगा। एसोसिएशन के चेयरमैन पंकज धीरज ने कहा कि उनकी पूरी टीम होटल और रेस्टोरेंट में भोजन बर्बाद नहीं होने देगी। वह ग्राहकों को भी इस बारे में जागरूक करेंगे। सर्वसम्मति से तय किया गया है कि अन्न की बर्बादी न करने वाले को बिल पर पांच फीसद की छूट दी जाएगी। दैनिक जागरण के यूनिट हेड नितेश झा ने सभी का आभार जताया।
भंडारण की हो व्यवस्था
माई ड्रीम होटल के मालिक मनीष गोयल ने कहा कि अभी भी ग्रामीण क्षेत्रों में भंडार की अच्छी व्यवस्था नहीं है, इसलिए गांव में भी अन्न की काफी बर्बादी होती है। इस समय आलू 20 से 25 रुपये प्रतिकिलो बिक रहा है, मगर दो महीने बाद कोल्ड स्टोरेज के बाहर फेंका पड़ा दिखाई देगा।
बड़ी मुहिम की जरूरत
आभा रेजीडेंसी के मालिक अखिल गुप्ता ने कहा कि सच में बड़ी मुहिम की जरूरत है। उन्होंने उदाहरण दिया कि शादियों में कार्ड के अनुसार कैटरर्स को प्लेट के आर्डर दिए जाते हैं। मगर, आजकल एक-एक व्यक्ति पर चार-चार शादियां होती हैं, फिर जिन स्थानों पर कार्ड के अनुसार भोजन बनता है वह बर्बाद होता है। इसलिए लोगों को इस बारे में भी जागरूक करने की जरूरत है।
हम हैं मुहिम के साथ
बैठक में दैनिक जागरण की मुहिम के साथ सभी ने एक स्वर में जुटने की अपील की। एसएस गुप्ता, सुमित गोयल, राजकुमार गुप्ता, अजय कुमार गुप्ता, निखिल अग्रवाल, मनोज, किशन लाल, सुहेल आदि ने मौजूद थे।