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अलीगढ़ में दो लाख रुपये की रोजाना अक्सीजन व 50 हजार का वेंटीलेटर, ऐसा है कुछ हाल, जानिए विस्‍तार से

अलीगढ़ कोरोना काल में इलाज के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह सक्रिय हैं। इनके चंगुल में फंसने के बाद या मरीज का मरना-लुटना तय है। मर रही मानवीय संवेदनाओं का ऐसा ही मामला सामने आया है।मरीज के स्वजन की बेबसी का फायदा उठाया।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Published: Fri, 14 May 2021 07:01 AM (IST)Updated: Fri, 14 May 2021 07:01 AM (IST)
अलीगढ़ में दो लाख रुपये की रोजाना अक्सीजन व 50 हजार का वेंटीलेटर, ऐसा है कुछ हाल, जानिए विस्‍तार से
कोरोना काल में इलाज के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह सक्रिय हैं।

अलीगढ़, जेएनएन। कोरोना काल में इलाज के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह सक्रिय हैं। इनके चंगुल में फंसने के बाद या मरीज का मरना-लुटना तय है। मर रही मानवीय संवेदनाओं का ऐसा ही मामला सामने आया है। इकरा कालोनी स्थित हास्पिटल ने बुलंदशहर से वेंटीलेटर एंबुलेंस भेजकर लाए गए मरीज के स्वजन की बेबसी का फायदा उठाते हुए करीब तीन लाख प्रतिदिन का खर्च बताया। 50 हजार रुपये प्रतिदिन वेंटीलेटर, प्रतिदिन करीब डेढ़ से दो लाख रुपये के आक्सीजन सिलेंडर, दवा व अन्य किट पर बीस हजार रुपये मांगे। मृतक की बहन ने वीडियो जारी कर वेंटीलेटर की गुहार लगाई, लेकिन उसे क्या पता था कि मदद के नाम पर वह गिरोह के चंगुल में फंस जाएगी। मरीज को दूसरे हास्पिटल में भर्ती कराना पड़ा, मगर इलाज में देरी से उसकी मृत्यु हो गई।

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झांसा देकर अलीगढ़ बुलाया

जनपद बुलंदशहर के अंतर्गत अनूपशहर के गांव राजौर की शीतल चौधरी ने बताया कि गांव शेखपुर निवासी बहनाई सुभाष सिंह (47 वर्ष) व भाई विपिन (43 वर्ष) को सांस में तकलीफ होने पर एक मई को सिकंदराबाद के नवीन हास्पिटल में भर्ती किया। वे यहां बाईपेप पर थे। चार मई को तबीयत बिगडी तो डाक्टर ने वेंटीलेटर की व्यवस्था करने को कहा। अचानक वेंटीलेटर कहां से आता, मैंने वीडियो बनाकर इंटरनेट मीडिया पर डाल दी। मेरी छोटी बहन की एक सहेली, जो खुद को मेडिकल कालेज में नर्स बताती है, उसने संपर्क कर अलीगढ़ में वेंटीलेटर दिलाने का भरोसा देकर बुलवाया। वेंटीलेटर वाली एंबुलेंस भी खुद भिजवा दी, जिसकी एवज में चालक ने 50 हजार रुपये मांगे। एंबुलेंस में शिफ्ट करने के दौरान बहनाई की आक्सीजन न मिलने से मौत हो गई, क्योंकि चालक ने खाली सिलेंडर लगा दिया। यह जानबूझकर किया गया। ऐसे में भाई को लेकर ही दोपहर करीब 12 बजे अलीगढ़ पहुंची। यहां इकरा कालोनी स्थित दो दुकानों में हास्पिटल संचालित मिला। नर्स का भाई हमें वहां पर मिला। उसने शाकिर नामक व्यक्ति से मिलवाया, जिसने खुद को डाक्टर व हास्पिटल संचालक बताया।

ठगी का प्रयास

शीतल के अनुसार शाकिर ने 50 हजार रुपये प्रतिदिन वेंटीलेटर का मांगा, बाद में 40 हजार में मान गया। इसके बाद दवा, डाक्टर विजिट, जांच आदि के लिए 20 हजार रुपये प्रतिदिन कैश की व्यवस्था करने की बात कही। 80 हजार रुपये एडवांस मांगे। यही नहीं, उसने कहा कि 25 हजार रुपये का एक आक्सीजन सिलेंडर है, रोजाना सात-आठ सिलेंडर लग सकते हैं। यह खर्चा अलग होगा। यह सुनकर हम सन्न रह गए। पैसा देने में अस्मर्थता व्यक्त की तोे शाकिर हमें दूसरे हास्पिटल ले गया। यहां भी ठगी का प्रयास हुआ। मुझे एहसास हो गया कि हम धंधेबाजों के चंगुल में फंस गए हैं। तुरंत बुलंदशहर के लक्ष्मी हास्पिटल में बात की। शाकिर ने बुलंदशहर एंबुलेंस भेजने के 50 हजार रुपये व पांच हजार रुपये वेटिंग चार्ज मांगा। बहस का समय नहीं था, हम तैयार हो गए। शाकिर खुद ही बुलंदशहर तक हमारे साथ गया। हालांकि, भाई को हम बचा नहीं सके।

डीएम को किया ट्वीट

शीतल ने बताया कि गिरोह की शिकायत मैंने डीएम अलीगढ़ के ट्वीटर एकाउंटर पर की। सीएम-पीएम व अन्य अधिकारियों को भी टैग किया। प्रशासन से हमें कार्रवाई का भरोसा मिला। अधिकारी के कहने पर प्रार्थमना पत्र भी दे दिया है, इसमें लोगों के जीवन से खेल रहे धंधेबाजों पर कार्रवाई की मांग की गई है।

डीएम के निर्देश पर पीड़ित पक्ष से बात की है। मरीज संबंधित हास्पिटल में भर्ती नहीं हुआ, इसलिए कोई बिल-वगैरह नहीं मिल पाए हैं। एंबुलेंस चालक से भी बात की है। दो माह पूर्व ही यह हास्पिटल सील किया गया था। पिछले माह ही सील खोली गई। शुक्रवार से मामले की जांच शुरू करेंगे, दोषी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

- रंजीत सिंह, एसडीएम कोल।


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