अभियान चलाकर बनवाए जा रहे पशुपालकों के क्रेडिट कार्ड, कब ब्याज पर मिलेगा ऋण
अलीगढ़ जागरण संवाददाता। पशुपालकों के क्रेडिट कार्ड बनवाए जाने के लिए जिले में अभियान चल रहा है। पशुपालन विभाग की टीम इस कार्य में लगी हुई हैं। इस अभियन के तहत पशुपालकों के किसान क्रेडिट कार्ड बनाए जा रहे हैं।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता। पशुपालकों के क्रेडिट कार्ड बनवाए जाने के लिए जिले में अभियान चल रहा है। पशुपालन विभाग की टीम इस कार्य में लगी हुई हैं। इस अभियन के तहत पशुपालकों के किसान क्रेडिट कार्ड बनाए जा रहे हैं। इससे उन्हें अपनी आवश्यकतानुसार कम ब्याज पर आसानी से ऋण उपलब्ध हो सकेगा।
पशु पालकों को दिए जाएंगे किसान क्रेडिट कार्ड
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डा. सीवी सिंह ने बताया कि गाय, भैंस, सूअर, मुर्गी, डेयरी, मछली एवं अन्य पशुओं का पालन करने वाले पशुपालकों को किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा दी जाएगी। इसका योजना का मकसद पशु पालन करने वाले पशु पालकों को उनकी जीवन शैली में सुधार लाने का प्रयास करना है। 1.60 लाख तक क्रेडिट कार्ड बनवाने के लिए किसी प्रकार की धरोहर अथवा प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं होगी। किसान क्रेडिट कार्ड पशुओं के नवीनतम मूल्यांकन के आधार पर होगा। इसका मुख्य उद्देश्य पशु पालकों की आमदनी में बढ़ोत्तरी करके उनके जीवन स्तर को ऊपर उठाना है। ताकि वे समय से अपने पशुओं को चारा, दाना, उपचार एवं पशु बीमा करा सकें। जिले में 15 नवंबर से इस अभियान की शुरुआत हुई थी। 15 फरवरी तक यह अभियान चलना है। उन्होंने बताया कि पशुपालक का केवल पशुपालन, डेयरी पालन, मत्स्य पालन कार्य करना पयाप्त है। वर्तमान में केसीसी कार्ड धारक पशु संख्या के अनुसार अपनी क्रेडिट लिमिट भी बढ़वा सकते हैं। उन्होंने बताया कि यह सुविधा जनपद के प्रत्येक पशु चिकित्सालय एवं बैंक के माध्यम से प्राप्त की जा सकती है।
तीन लाख रुपये तक होगी क्रेडिट लिमिट
उन्होंने बताया कि पहले से बने रहे किसान क्रेडिट कार्ड में खेतिहर भूमि के आधार पर लिमिट तय होती थी, लेकिन इस कार्ड में 1.60 लाख तक की लिमिट के लिए जमीन की जरूरत नहीं होगी। तीन लाख तक क्रेडिट लिमिट कार्ड पर मिल जाएगी। इससे कर्ज लेने वाले पशुपालकों को चार फीसद वार्षिक ब्याज भरना होगा। इससे पहले पिछले साल दुग्ध संघों के पशुपालकों के लिए किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा दी गई थी। अब इस नई व्यवस्था से किसानों महाजनों से अधिक ब्याज पर कर्ज नहीं लेना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि जिले में 20 हजार से अधिक पशुपालक इसका लाभ उठा चुके हैं। उन्होंने बताया कि कोई भी पशुपालक इसका लाभ उठा सकता है।