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स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ का परामर्श, बांझपन नहीं लाइलाज, भर जाएगी सूनी गोद

असंतुलित खानपान, व्यायाम की कमी व तंबाकू के बढ़ते इस्तेमाल से तमाम दंपती बांझपन की समस्या से जूझ रहे हैं। ऐसे दंपती समय से संपूर्ण जांच व इलाज कराएं तो उनके आंगन में भी किलकारी गूंज सकती है।

By Edited By: Published: Sat, 16 Feb 2019 09:00 AM (IST)Updated: Sat, 16 Feb 2019 09:19 AM (IST)
स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ का परामर्श, बांझपन नहीं लाइलाज, भर जाएगी सूनी गोद
स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ का परामर्श, बांझपन नहीं लाइलाज, भर जाएगी सूनी गोद
अलीगढ़ (जेएनएन)। बदलती जीवनशैली, असंतुलित खानपान, व्यायाम की कमी व तंबाकू के बढ़ते इस्तेमाल से तमाम दंपती बांझपन की समस्या से जूझ रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार ऐसे दंपती समय से संपूर्ण जांच व इलाज कराएं तो उनके आंगन में भी किलकारी गूंज सकती है। 'हेलो जागरणÓ में आमंत्रित अनूपशहर बाइपास स्थित डॉ. वकार हार्ट सेंटर एंड प्रीमियर ऑफ मेडिकल साइंसेस की स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. अलवीरा शाह ने इसी समस्या पर परामर्श दिया।

मेरी पुत्रवधू को छह साल पूर्व ऑपरेशन से बच्चा हुआ। फिर, दोबारा गोद नहीं भरी। - बच्चू सिंह।
- चिंता मत करिए। बहू की सभी रिपोर्ट लेकर किसी विशेषज्ञ से मिलें। अंडेदानी व नलों की जांच करानी पड़ेगी।

मेरी उम्र 42 साल है। देरी से शादी हुई। क्या मैं मां बन सकती हूं। - लक्ष्मी।
- माहवारी बंद होने से पूर्व तक मां बनना संभव है। कई बार दवाओं से भी बंद माहवारी को पुन: शुरू कर देते हैं। लाभ न हो तो टेस्ट ट्यूब बेबी के माध्यम से मां बन सकती हैं।

मेरी उम्र 40 साल है। डेढ़ साल पूर्व शादी हुई। नौकरी के चलते पति से अलग रहती हूं। ओबरी में चाकलेट सिस्ट व यूट्रेस में फाइब्रोड का इलाज करा रही हूं। मां बनना चाहती हूं। - रजनी।
गर्भधारण न होने की एक वजह फाइब्रोड व सिस्ट (गांठ)भी हो सकती हैं, मगर दोनों ही दवा से कम हो जाती है। नियमित इलाज कराएं, लाभ जरूर मिलेगा। बांझपन लाइलाज नहीं।

शादी को दो साल हुए, अभी तक मां नहीं बनी हूं। - सादमा खान।
ऐसे मामलों में महिला से पहले पति की ही जांच होनी चाहिए। कोई कमी न हो तो अपने नलों व अंडेदानी की जांच करा लें।
 
बच्चेदानी में टीबी की जांच का क्या तरीका है। क्या इससे गर्भधारण में समस्या होती है। - अखिलेश, अतरौली
बच्चेदानी में टीबी हो जाने पर गर्भधारण मुश्किल हो जाता है। कई बार ऐसे मरीजों को हम टेस्ट ट्यूब बेबी कराने की सलाह देते हैं। खून की जांच से इस टीबी का पता चल जाता है।

बच्चियों को दें न्यूट्रीशियन
डॉ. अलवीरा ने बताया कि बचपन में न्यूट्रीशियन व फोलिक एसिड न मिलने से तमाम लड़कियों की बच्चेदानी में टीबी का संक्रमण हो जाता है। बच्चेदानी की लाइनिंग खत्म हो जाती है, ट्यूब बंद हो जाती है। इससे वे शादी के बाद मां नहीं बन पातीं। इसलिए बच्चियों को शुरू से ही हरी सब्जी, मौसमी फल व अन्य पोषक तत्वों से भरपूर आहार दें।

इन्होंने भी लिया परामर्श
छर्रा, खैर, चंडौस, अकराबाद, टप्पल, बिजौली, हाथरस, सासनी, सादाबाद, सिकंदराराऊ आदि क्षेत्रों से नि:संतान महिला व पुरुषों ने परामर्श लिया।

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