Krishna International School: Coronavirus ने भले किया हो प्रताड़ित मगर समाजसेवा का भाव दे रहा मरहम Aligarh News
दूसरी लहर आमजन पर मौत का कहर बनकर भले ही टूटी हो। भले ही कोरोना वायरस ने कई परिवारों से उनके खेवनहार का साथ छीनकर उनको प्रताड़ित किया हो लेकिन समाजसेवा के लिए हाथ बढ़ाने वाले ऐसे परिवारों के लिए मरहम का काम भी कर रहे हैं।
अलीगढ़, जेएनएन। कोरोना वायरस के प्रकोप की दूसरी लहर आमजन पर मौत का कहर बनकर भले ही टूटी हो। भले ही कोरोना वायरस ने कई परिवारों से उनके खेवनहार का साथ छीनकर उनको प्रताड़ित किया हो लेकिन समाजसेवा के लिए हाथ बढ़ाने वाले ऐसे परिवारों के लिए मरहम का काम भी कर रहे हैं। मुश्किल वक्त में लोगों की मदद करना ही इंसानियत का दूसरा रूप होता है। केवल रुपये देकर ही किसी की सहायता नहीं की जा सकती। सहायता करने के अलग-अलग कई रूप व जरिए हो सकते हैं। जिस किसी से भी जितना बन रहा और जिस रूप में सहायता कर पा रहा है वो कर रहा है। शायद तभी जिंदगी अपनी गति से चलायमान होती जा रही है। कोरोना संक्रमण से मृत हुए माता या पिता जिन पर परिवार चलाने की जिम्मेदारी थी, उनके बच्चों की पढ़ाई के लिए शानदार पहल की गई है।
विद्यालय प्रबंधन की ओर से मिलेगी सुविधा
जिले के प्रतिष्ठित निजी सीबीएसई स्कूलों में शुमार कृष्णा इंटरनेशनल स्कूल की ओर से कोरोना से प्रताड़ित परिवारों के बच्चों के लिए शानदार पहल की गई है। स्कूल के प्रबंध निदेशक प्रवीण अग्रवाल ने बताया कि जिन परिवारों में माता-पिता दोनों कोरोना संक्रमण के चलते मृत्यु को प्राप्त हुए हैं उनके बच्चों को पूरी फीस माफ कर शिक्षित किया जाएगा। ये पढ़ाई किसी एक या दो कक्षाओं तक नहीं बल्कि 12वीं तक की मुफ्त शिक्षा दी जाएगी। साथ ही अगर किसी परिवार में कमाई के जिम्मेदार माता या पिता दोनों में से किसी एक की मृत्यु कोरोना संक्रमण के चलते हुई है तो उनकी पूरे साल में से आधी फीस को माफ कर 12वीं तक की पढ़ाई पूरी कराई जाएगी। यहां तक कि उनको ड्रेस आदि को खरीदने के लिए भी परेशान होने की जरूरत नहीं होगी। विद्यालय प्रबंधन की ओर से ऐसे बच्चों को ड्रेस भी उपलब्ध कराई जाएगी। कहा कि कोरोना संक्रमण की भयावह तस्वीर सामने आई है। कई परिवारों के खेवनहार दुनिया छोड़कर चले गए। ऐसे में उन परिवारों के बच्चे शिक्षा से दूर न हों, उनकी पढ़ाई में किसी भी तरह का व्यवधान न आए, इस बात को दृष्टिगत रखते हुए फैसला किया है।
50 फीसद फीस देकर पढ़ रहे डेढ़ दर्जन बच्चे
स्कूल के प्रबंध निदेशक प्रवीण अग्रवाल ने बताया कि पिछले कोरोना संक्रमण काल के दौरान सामान्य परिस्थियों में भी अगर किसी बच्चे के पिता का देहांत हुआ और उनकी माता ने स्कूल प्रबंधन से संपर्क कर अपनी समस्या बताई तो उन बच्चों की भी आधी फीस माफ कर उनकी पढ़ाई कराई गई। ऐसे करीब डेढ़ दर्जन बच्चे अभी भी स्कूल में शिक्षा का लाभ ले रहे हैं।