Coronavirus Alert in Aligarh : देसी अंदाज से कोरोना से कर रहे बचाव, जानिए विस्तार से
कोरोना के कहर ने सभी को जीवन जी ने का एक बार फिर सलीका सिखा दिया है। तमाम लोग हैं जो फिर से देसी अंदाज पर आ रहे हैं। वह खान-पान में एहतियात बरत रहे हैं। बाहर की चीजों को खाने से परहेज कर रहे हैं।
अलीगढ़, जेएनएन। कोरोना के कहर ने सभी को जीवन जी ने का एक बार फिर सलीका सिखा दिया है। तमाम लोग हैं, जो फिर से देसी अंदाज पर आ रहे हैं। वह खान-पान में एहतियात बरत रहे हैं। बाहर की चीजों को खाने से परहेज कर रहे हैं। सुबह फल, चने और सत्तू आदि ले रहे हैं। भरपूर नींद ले रहे हैं। इंटरनेट मीडिया पर भक्ति कार्यक्रम देख रहे हैं। उनका कहना है कि इससे उनकी सेहत ठीक रह रही है और कोरोना से भय व्याप्त नहीं हो रहा है।
काफी एहतियात बरतनेे की जरूरत
पिछले साल कोरोना ने सभी को देसी अंदाज पर ला दिया था। लोगों की दिनचर्या नियमित हुई थी। खान-पान भी ठीक हो गया था। परिवार में लोग समय देते थे। खाने-पीने में भी परहेज रखा करते थे। योग-व्यायाम नियमित हो गया था। टीवी पर रामायण और महाभारत सीरियल देखा करते थे। मगर, ज्यों-ज्यों कोरोना कम होता गया त्यों-त्यों लोगों की दिनचर्या फिर अनियमित होती चली गई। लोगों का खान-पान बदल गया। भागदौड़ भरी जिंदगी हो गई, जीवन अस्त-व्यस्त हो गया। ऐसा नहीं लगा ही नहीं कि कोरोना की गिरफ्त से निकलें हैं। मगर, दोबारा फिर से काेरोना ने पांव पसारा तो लोगों को फिर एक साल पुराना समय याद आने लगा है। लोगों ने दिनचर्या बदल ली है। सरोज नगर निवासी दयाराम शर्मा कहते हैं कि कोरोना को देखते हुए वह काफी एहतियात बरतने लगे हैं। पिछले साल तीन महीने लगातार नियमित व्यायाम किया था। फिर बीच में छूट गया। अब कोरोना को बढ़ते देख मन घबरा गया, इसलिए दोबारा व्यायाम शुरू कर दिया है। दयाराम शर्मा बताते हैं कि सुबह छह से सात बजे तक एक घंटे व्यायाम करते हैं। प्राणायाम-योग और ध्यान करने के बाद 20 मिनट आराम करते हैं। इसके बाद भिगोए हुए चने लेते हैं। इनदिनों चाय बिल्कुल बंद कर रखी है। सुबह 11 बजे सलाद ले लेते हैं। उसमें ककड़ी, खीरा, गाजर और टमाटर होता है। दोपहर दो बजे भोजन लेते हैं। भोजन में भी दाल-रोटी अधिक रहती है, पूड़ी-पकवान सबकुछ बंद कर रखा है। एक महीने से तो बाहर कहीं खाने तक नहीं गया। दयाराम शर्मा कहते हैं कि नियमित दिनचर्या और खान-पान ठीक करने से शरीर में स्फूर्ति बनी रहती है।
15 दिन में बदलाव आया
विकास नगर निवासी रामसिंह का कहना है कि उन्होंने भी काफी कुछ परिवर्तन कर लिया है। योग-व्यायाम अब नियमित करते हैं, उससे शरीर में स्फूर्ति बनी रहती है। भोजन की जगह फल-फूल अधिक लेते हैं। सुबह और शाम को भूने चने ले लेते हैं। नाश्ते में तली-भुनी चीजें सब बंद कर रखी हैं। साथ ही टीवी पर भक्ति के कार्यक्रम देखते रहते हैं। शाम को भजन-कीर्तन में मन लगा लेते हैं। इससे दिमाग कोरोना की तरफ नहीं जाता है। रामसिंह कहते हैं कि 15 दिन में ही काफी बदलाव आ गया है। शरीर ठीक बना रहता है। वैष्णो धाम कालोनी निवासी हेमंत शर्मा का कहना है कि कोरोना से लड़ने के लिए आत्मविश्वास बहुत जरूरी है और आत्मविश्वास योग-व्यायाम और ध्यान से आता है। इससे सकारात्मक विचार बने रहते हैं। वह बताते हैं कि सुबह व्यायाम और शाम को आधा घंटा नियमित ध्यान लगाते हैं।